आखिर गलती होने के बावजूद भी माफ़ी मांगने से क्यों कतराते हैं पुरुष, जानें कारण

I Am Sorry एक ऐसे शब्द है जो बोलने में बहुत आसान हैं और इसे बोलने से कई काम बिना किसी परेशानी के हल हो जाते हैं। लेकिन कई लोग ऐसे होते हैं जो अपनी ग़लती होने के बावजूद भी माफ़ी मांगने से कतराते हैं। खासतौर से पुरुषों के साथ यह परेशानी ज्यादा सामने आती हैं। आमतौर पर पुरुष अपने पार्टनर से अपने मन के भाव बयां नहीं कर पाते हैं और माफी मांगने से दूर भागते रहते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको बता रहे हैं उन कारणों के बारे में कि आखिर गलती होने के बावजूद भी पुरुष माफ़ी मांगने से क्यों कतराते हैं।

सॉरी बोलने की बजाय जताना

कुछ पुरुष सॉरी कहने की बजाय माफ़ी मांगने का दूसरा तरीक़ा अख़्तियार करते हैं, जैसे- पार्टनर को फूल, ज्वेलरी, चॉकलेट या कोई और गिफ़्ट देकर अपनी माफ़ी मांगने की भावना व्यक्त करते हैं। इतना ही नहीं, कई बार वो पार्टनर का ज़्यादा ख़्याल रखकर भी अपनी ये भावना ज़ाहिर करते हैं। दिलचस्प बात तो ये है कि महिलाओं को भी पुरुषों का बिना बोले माफ़ी मांगने का ये अंदाज़ पसंद आता है, बिना कहे ही वो उनकी भावनाओं को समझ जाती है।

मेल ईगो

पुरुषों के माफ़ी मांगने से कतराने की सबसे बड़ी वजह है मेल ईगो यानी उनका अहंकार। इसी अहंकार की वजह से ये जानते हुए भी कि वो ग़लत हैं, पार्टनर से माफ़ी नहीं मांगतें। ऐसे लोगों के लिए उनका ग़ुरूर हमसफ़र की भावनाओं से ज़्यादा अहमियत रखता है। वो अपने पार्टनर का दिल तो दुखा सकते हैं लेकिन सॉरी बोलकर अपने मेल ईगो को हर्ट नहीं कर सकते। ज़्यादातर महिलाएं भी इस बात से सहमत हैं। पुरुषों के माफ़ी न मांगने की एकमात्र वजह मेल ईगो ही है, उन्हें लगता है पत्नी से माफ़ी मांगने से उनका क़द छोटा हो जाएगा। विशेषज्ञों की भी कुछ ऐसी ही राय है उनके मुताबिक “पुरुषों को लगता है माफ़ी मांगने से उनकी शान घट जाएगी।”

अस्वीकृति का डर


कुछ पुरुष पार्टनर द्वारा अस्वीकार किए जाने के डर से माफ़ी नहीं मांगते। उन्हें लगता है कि माफ़ी मांगने से कहीं कोई नकारात्मक स्थिति न उत्पन्न हो जाए, इसी डर से वो भावनाओं की उधेड़बुन में उलझे रहते हैं और तय नहीं कर पाते कि माफ़ी मांगू या नहीं? माफ़ी मांगने के बाद शायद हालात उनके पक्ष में न रहें। इसी डर से वो ये निश्चित नहीं कर पाते कि कब और कैसे पार्टनर को सॉरी कहें। पुरुषों को इस बात का भी डर रहता है कि कहीं माफ़ी मांगने के बाद पत्नी उन्हें एक्सप्लॉइट न करे।

कमज़ोरी की निशानी

विशेषज्ञों के मुताबिक “पुरुष माफ़ी मांगने को कमज़ोरी की निशानी समझते हैं। उन्हें लगता है कि अगर वो पत्नी से माफ़ी मांगेगे तो वो उन्हें कमज़ोर समझने लगेगी, उसे लगेगा कि पति परिवार की ज़िम्मेदारी उठाने के क़ाबिल नहीं है।” इसलिए माफ़ी मांगकर वो ख़ुद को पार्टनर की नज़रों में गिराना नहीं चाहतें।

मैं ग़लत नहीं हो सकता


पुरुषों का अपनी ग़लती न मानने वाला रवैया भी उन्हें माफ़ी मांगने से रोकता है। दरअसल, माफ़ी मांगने से उनकी ग़लती साबित हो जाएगी और पुरुष ख़ासतौर से किसी महिला के सामने कभी ग़लत साबित होना नहीं चाहतें। पुरुषों को लगता है कि वो जो कर रहे हैं वही सही है और उन्हें किसी को जवाब देने की ज़रूरत नहीं है।

सामना करने से बचना


कुछ पुरुषों के माफ़ी न मांगने की एक वजह उनकी पार्टनर भी होती है। कई बार महिलाएं पार्टनर के माफ़ी मांगने पर उन्हें माफ़ करने की बजाय सबक सिखाने के इरादे से बहस या लड़ाई-झगड़ा करने लगती है, ऐसे में पार्टनर अगली बार माफ़ी मांगने से पहले सौ बार सोचता है। उसे डर रहता है कि सॉरी बोलने पर फिर कहीं कोई बहस न शुरु हो जाए।