इन 5 तरीकों से बनाए अपने बच्चों को मजबूत, भविष्य की चुनौतियों के लिए होंगे तैयार

बच्चों को भविष्य के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी उनके पेरेंट्स की ही होती हैं और इसके लिए पेरेंट्स को उनके बचपन से ही समझदार बनाने और सही सीख देने की जरूरत होती हैं। जीवन के हर पड़ाव पर चुनौतियां आती है जिनका सामना करना पड़ता हैं और इसके लिए बच्चों को उनके बचपन से ही तैयार करना पड़ता हैं ताकि वो जीवन में आगे बढ़ सकें। अक्सर देखा जाता है कि कई बच्चे नई चुनौतियां या परेशानी आने पर घबराने लगते हैं जबकि इनका डटकर सामना करना चाहिए फिर चाहे परिणाम कुछ भी हो। ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ ऐसे तरीके लेकर आए हैं जिनकी मदद से आप अपने बच्चों को मजबूत बना पाएंगे और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करेंगे।

असफलता को लेकर गलत धारणाएं दूर करें

असफलता दुनियाभर में ऐसी धारणा के साथ जोड़ी गई है जिसमें ज्यादातर लोग ये सोचते हैं कि इसके बाद कोई विकल्प नहीं है। जबकि ऐसा नहीं है, किसी भी चीज को करने या उससे सोचने में सफलता और असफलता चलती रहती है। एक बार असफल होने के बाद अक्सर बच्चे खुद को बेकार समझने लगते हैं। उन्हें लगता है कि वो इस काम या इस परीक्षा को पार नहीं कर पाएंगे। इस दौरान पैरेंट्स को अपने बच्चों को ये समझाना चाहिए कि इस तरह की किसी भी असफलता को वो गलत धारणा के साथ न जोड़े, क्योंकि इससे हमे बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है। इसलिए बच्चों को असफलता के कारण खुद को शर्मिंदा महसूस न करने दें।

बच्चे को बताएं कि उनका काम एक दिन जरूर दिखेगा

बच्चे हमेशा उन चीजों से दूर भागते हैं जिनमें लंबे समय तक करने वाली मेहनत होती है, बच्चों को ऐसा लगता है कि हम इसमें कितनी भी मेहनत कर लें। लेकिन इसका परिणाम कभी नहीं मिलेगा। जबकि ऐसा नहीं होता, आप अपने बच्चे को समझाएं कि उनके द्वारा किया गया काम भले ही आज किसी को न दिख रहा हो लेकिन आने वाले दिनों में उनकी मेहनत जरूर रंग लाएगी और सबको नजर आएगी। इसलिए आपका बच्चा जब भी किसी चुनौती से डर रहा हो तो उन्हें मेहनत से पीछे न हटने के लिए सलाह दें।

हमेशा सकारात्मक उदाहरण दें

किसी भी बच्चे या दूसरे किसी व्यक्ति को प्रेरित करना बहुत जरूरी होता है, जब तक आप उन्हें प्रेरित नहीं करेंगे वो किसी भी चुनौती को नजर अंदाज कर देंगे और उस स्थिति से भागने लगेंगे। इसलिए आपके लिए जरूरी है कि आप अपने बच्चे को नियमित रूप से प्रेरित करें और सकारात्मक उदाहरणके साथ हमेशा उनसे बात करें। जिससे कि वो खुद को प्रेरित कर किसी भी चुनौती से भागने की न सोचें बल्कि उन चीजों से मुकाबला करें।

रोल मॉडल तैयार करें

आजकल बच्चों खुद को तब तक आगे नहीं बढ़ा पाते जब तक उनके सामने उनका कोई रोल मॉडल न हो। किसी भी क्षेत्र में बच्चों में ऊर्जा लाने के साथ उन्हें हमेशा प्रेरित रखने के लिए रोल मॉडल सेट करें। जरूरी नहीं कि आप सिर्फ टीवी पर आने वाले लोगों को ही उनका रोल मॉडल बनाएं। बल्कि आप अपने आसपास या परिवार में भी किसी को रोल मॉडल बना सकते हैं।। ताकि आपका बच्चा उन लोगों से बात कर अच्छी चीजों को सीखें और खुद को चुनौतियों से लड़ने में सक्षम बनाए।

परिणाम को ध्यान में रखें

परिणाम सभी बच्चों के अलग-अलग आ सकते हैं, लेकिन अच्छे या बुरे परिणाम से बच्चों को नकारात्मक सोच नहीं रखनी चाहिए। पैरेंट्स को हेशा अपने बच्चों के परिणाम को सकारात्मक बताते हुए उन्हें प्रेरित करना चाहिए। जिससे कि आपका बच्चा परिणाम को देखकर खुद को पिछड़ा हुआ महसूस न करें।