वैसे तो सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, व्हाट्सप्प आदि एक ऐसे प्लेटफॉर्म है जहां आप एक-दूसरे से ऑनलाइन जुड़े रहते हैं। फेसबुक पर देश-दुनिया की खबरें भी मिल जाती है। देश में इंटरनेट का सब से अधिक इस्तेमाल यंगस्टर्स और स्टूडेंटस करते हैं।सोशल मीडिया दुधारी तलवार है। इसके जितने फायदे हैं उतने ही नुकसान भी हैं। इसलिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल सोच-समझ कर, सकारात्मक ढंग से ही होना चाहिए।
लिमिटेड तस्वीरेंकुछ पैरेंट्स को बहुत शौक होता है अपने बच्चों की तस्वीरें सोशल मीडया पर पोस्ट करने का। उन्हें इसमें कोई बुराई नजर नहीं आती है। लेकिन इस तरह बिना सोचे समझे बच्चे की किसी भी तरह की तस्वीर अपराधियों के लिए एक अच्छा मौका साबित हो सकती है। ऑनलाइन इस तरह की चीजें कई बार नुकसान कर जाती हैं। बच्चों की तस्वीरों को कई तरीकों से मॉर्फ किया जा सकता है। ऐसे में अपराधी उन तस्वीरों का गलत तरह से इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इसलिए बच्चे की जरूरत से ज्यादा तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से बचें।
दोस्ती करें सोच समझ करकिसी ने आप को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी और आप ने तुरंत स्वीकार कर लिया इस टेंडेंसी को छोड़ दें। दोस्ती हमेशा सोचसमझ कर करें। अनजान लोगों की रिक्वेस्ट को इग्नोर करें या डिलीट मार दें। यदि कोई पुराण दोस्त जानबूझ कर आप को परेशान कर रहा है तो पहले उसे समझाने का प्रयास करें कि आप को यह सब पसंद नहीं। मगर यदि वह न माने तो उसे तुरंत ब्लॉक कर दें। किसी को भी इतनी ढील न दें कि वह आप को परेशान कर सके।
लोकेशन के बारे में न दें जानकारीअगर आप बच्चे की तस्वीर पोस्ट कर रहे हैं तो यह जरूर ख्याल रखें कि उसकी लोकेशन के बारे में किसी को पता न चले। अगर बच्चा स्कूल ड्रेस में है तो उसकी तस्वीर पोस्ट न करें। इससे हर कोई यह आसानी से जान जाएगा कि बच्चा किस स्कूल में पढ़ता है। इसी तरह अमूमन बच्चे अपनी लाइफ में एक जैसी ही रूटीन अपनाते हैं। अगर आप उनकी अलग-अलग तस्वीरें बार-बार पोस्ट करते हैं तो कोई भी उनके रूटीन को आसानी से समझकर उन्हें अपना शिकार बना सकता है।
झांसे में न आएंकभी भी अश्लील मैसेज और फेक कौल्स करने वाले व्यक्ति के झांसे में न आएं। यदि किसी वजह से आप ने उस से दोस्ती कर ली है तो भी कभी उस के बुलाने पर अकेली, सुनसान जगह या अकेले उस के घर पर मिलने न जाएं। मिलना ही है तो मॉल या मेट्रो स्टेशन जैसी खुली जगहों पर मिलें। उसे अपनी निजी बातें न बताएं और कभी भी ऐसी निजी तस्वीरें शेयर न करें जिन का वह गलत इस्तेमाल कर सके।
कानून का सहारा लें
फोन पर बिना मर्जी दोस्ती के लिए कहना भी अपराध है। महिलाओं के साथ होने वाले इस तरह के छेड़छाड़ या उत्पीड़न के मामलों में सामान्यतः आरोपी के खिलाफ धारा 354 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है। महिलाओं को फोन या सोशल मीडिया पर उन की इच्छा के बिना दोस्ती के लिए कहना उत्पीड़न का मामला है। इस तरह किसी की निजता में दखल देना अपराध माना जाता है। बारबार टैक्स्ट मैसेज भेजना, मिस्ड कौल करना, फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना, महिला के स्टेटस अपडेट पर नजर रखना और सोशल मीडिया पर उस के पीछे लगे रहना आईपीसी की धारा 354 डी के तहत दंडनीय अपराध है।