अनजाने में आप अपने बच्चे को बिगाड़ तो नहीं रही, इन बातों से लगाए पता

बच्चों को अच्छी परवरिश देते हुए उन्हें एक नेक इंसान बनाना माता-पिता की जिम्मेदारी होती हैं। लेकिन अक्सर देखा जाता हैं कि पेरेंट्स अपने बच्चों को लाड-प्यार के चक्कर में बिगाड़ रहे हैं। लाड-प्यार करना अच्छी बात हैं लेकिन जहां बच्चों की गलती सामने आती हैं या उन्हें सिखाने की बात आती हैं वहां आपको समझदारी से काम लेने की जरूरत होती हैं। अनजाने में आप अपने बच्चों को गलत राह दिखा रहे हैं जो उनके भविष्य को बर्बाद कर सकती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको उन बातों के बारे में बताने जा रहे है जो दर्शाती हैं कि आपका बच्चा बिगड़ने लगा हैं।

बच्चे की हर बात मानना

कई बच्चे अपनी बात मनवा कर ही दम लेते हैं। इसके लिए वे कई तरह के टैंट्रम्स भी करते हैं। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि वे चाहते हैं कि आप उनकी बात मां लें या फिर वे आपकी अटेंशन चाहते हैं। इन टैंट्रम्स में बच्चों का रोना और चिल्लाना भी शामिल है, जिसके सामने कई पेरेंट्स घुटन टेक देते हैं। अगर आप भी उनमें से ही एक हैं, जिनसे अपने लाडले की आंखों में आंसू नहीं देखे जाते हैं और उनकी हर डिमांड को पूरा कर देती हैं तो आप गलत कर रही हैं। उनकी हर बात को मान कर आप उन्हें प्यार नहीं कर रही हैं, बल्कि उन्हें बिगाड़ रही हैं।

आपकी बात न सुनना

अगर आपका बच्चा बिगड़ा हुआ है तो इसका एक अन्य चिह्न यह है कि वह आपकी बात ही नहीं सुनेगा। यानी कि आप चाहे लाख उसे किसी काम को करने के लिए बोलें, वह ऐसे व्यवहार करेगा कि मानो उसने सुना ही नहीं है। वहीं, दूसरी ओर, वह अन्य लोगों की बातें सुनेगा और आपको भाव नहीं देगा।

आपको कंट्रोल करना सही नहीं

आप चाहे घर के काम कर रही हैं या फिर ऑफिस का, अगर आपका बच्चा बिगड़ा हुआ है तो वह आपको कंट्रोल करने की कोशिश करेगा। यानी वह आपको बताएगा कि आपको किस समय क्या काम करना है। यह रवैया सही नहीं है।

खुद ही करने दें सामना

आप अपने बच्चे को बहुत प्यार करती हैं, उसे हर गलत चीज से बचा कर रखना चाहती हैं। लेकिन जरूरी तो यह भी है वे खुद परिस्थितियों का सामना करें। अगर आपको ऐसा लगता है कि आप उन्हें कठिन परिस्थितियों और मुश्किल भावनाओं से बचाकर अच्छा कर रही हैं तो इसका मतलब यह हुआ कि आप उन्हें भविष्य के लिए नहीं तैयार कर रही हैं। जब तक वे चुनौतियों का सामना करना नहीं सीखेंगे, वे कैसे भविष्य में बड़े होकर अपनी समस्याओं का सामना करेंगे। यह एक सोचना वाला विषय है, इस पर जरूर सोचें!

पलट कर जवाब देना सही नहीं

कभी भी यह ना होने दें कि आपका ही बच्चा आपकी बेज्जती कर दे या आपको इज्जत देकर बात न करे। आपको शायद यही लगे कि वे छोटे हैं, उन्हें चीजों की समझ नहीं है लेकिन इस तरह से वे केवल खराब व्यवहार करना सीखेंगे। इसलिए, जब भी वे आपको पलट कर जवाब दें या आपके साथ या किसी अन्य बड़े के साथ खराब व्यवहार करें तो तुरंत वहीं, उसी समय उनके खराब व्यवहार के लिए उन्हें सजा दें। सजा में उनकी फेवरेट चीजें उन्हें देने से मना कर देना एक बढ़िया विकल्प है।

संतुष्टि नहीं

आप चाहे उनके लिए कितनी ही उनकी मनपसंद चीजें ले आएं, वे कभी संतुष्ट नहीं होते हैं। उन्हें खुश रखने की आपकी कोशिशें भी व्यर्थ हो रही हैं। आप उनके लिए कोई एक नई चीज लेकर आती हैं, और उनकी अगली लिस्ट तैयार रहती है। डिमांड का यह तरीका बताता है कि वे संतुष्ट नहीं हो रहे हैं और अब उनकी पसंद की हर चीज लाने का समय खत्म हो चुका है।

बेवजह की धमकी

बच्चों को बड़ा करते समय कई दफा ऐसा होता है कि बच्चा गलत तरह से व्यवहार करने लगता है। उसे नहीं पता होता है कि वह सही कर रहा है या गलत। ऐसे में आपका सही कदम उसके व्यवहार को सही कर सकता अहि लेकिन उसके लिए आपको अपने कदमों पर टिके रहना होगा। ऐसा नहीं कि आपने उसे धमकी तो दे दी लेकिन बाद में खुद ही भूल गए। अगर आप ऐसा करती हैं तो वह आपके किसी भी कदम को गंभीरता से न लेकर हल्के में लेगा।

शेयरिंग नहीं

यह बात सौ फीसद सच है कि आज्कल्सभी लोग न्यूक्लियर फैमिली में रहते हैं और बच्चों को चीजें शेयर करने की आदत नहीं रहती है। लेकिन आपके बार- बार कहने पर भी अगर वह अपने खिलौने और अन्य चीजें किसी अन्य बच्चे से शेयर नहीं करता है, तो यह बात सही नहीं है। यह आपको ही उन्हें समझाना है कि शेयरिंग इज केयरिंग!

रिश्वत ही एकमात्र रास्ता

अगर आप अपने बच्चे को बात- बात पर रिश्वत दे रही हैं तो इसका मतलब भी यही है कि आप उसे बिगाड़ रही हैं। इस तरह से उन्हें समय की गंभीरता नहीं समझ में आएगी और वे अपनी लाइफ में सब कुछ आसान चाहेंगे। वे कठिन परिस्थियों का सामना कर पाने में अक्षम होंगे और उनमें समस्याओं को सुलझाने की क्षमता विकसित नहीं होगी। उन्हें रिश्वत देने की बजाय उन्हें खुद चुनने का मौका दें कि उनके लिए क्या सही है और क्या गलत।