हर पेरेंट्स की चाहत होती हैं कि उनका बच्चा एक अच्छा और आत्मनिर्भर इंसान बने जिसे जीवन में किसी के सहारे की जरूरत ना पड़े। इसके लिए पेरेंट्स को भी अच्छी मेहनत करनी पड़ती है और बच्चों को ख्वाबों की दुनिया से निकालकर असल जीवन के गुर सिखाने की जरूरत होती हैं। जी हाँ, आजकल के बच्चों की जिंदगी मोबाइल और टीवी तक ही सिमित हो गई हैं। ऐसे में जब भी बच्चों को अकेले रहना पड़ता हैं तो वे खुद कुछ नहीं कर पाते हैं। इसके लिए जरूरी हैं कि अपने बच्चों को रियल जिंदगी से जुड़े तौर-तरीके समय रहते सिकाए जाए जिससे उन्हें भविष्य में कोई दिक्कत ना आए।
गिनती करना सिखाएं
बच्चों को गिनती सिखाने के लिए कलरफूल ब्लॉक्स का इस्तेमाल करें। उऩ्हें इनकी मदद से न केवल गिनती बल्कि प्लस व घटाव करना भी सिखाएं।
मौसम की दे जानकारी
भारत में हर दो से तीन महीने बाद मौसम में बदलाव होता है, इसलिए उन्हें एक दिन बिठा कर सभी मौसमों के बारे में जानकारी दें। इसके लिए एक पेपर पर अलग अलग चीजों का इस्तेमाल करके सभी तरह के मौसम बनाएं, फिर बच्चों को उनकी पहचान बताएं। उन्हें समझाएं इस मौसम में क्या क्या होता हैं।
सिखाएं टाइम देखना
सारा दिन फोन देखने के कारण बच्चे शायद फोन में से टाइम देखना सीख लें पर घड़ी में उन्हें टाइम देखना नहीं आता होता है। इसलिए घर पर एक प्लेट पर घड़ी बना कर उन्हें टाइम देखना सिखाएं। खेल खेल में उन्हें मिनट, घंटें, सेकेंड, घड़ी की सुईयों के बारे में जानकारी दें।
टेबल मैनर्स के बारे में दे जानकारी
घर पर खाना खाते हुए बच्चों को टेबल पर बिठा कर खाना खाने को कहें। उऩ्हें बताएं कि बाहर जाते समय किस तरह से खाना खाएं, टेबल पर पड़ी चीजों का किस तरह से इस्तेमाल करना चाहिए।
चीजो का सही माप करना सिखाएं
हम जब भी बच्चों को बाहर से कुछ समान लाने के लिए भेजते है तो दुकानदार उऩ्हें बच्चे समझ कर समान कम देते है या तोल में गड़बड़ी कर देते है। इसलिए बच्चों को बताएं की चीजों की किस तरह से सही मात्रा में तोलना हैं। ताकि कोई भी उनकी मासूमियत का फायदा न उठा सकें। इसके लिए उन्हें घर पर खिलौनो की मदद से तोलना सिखाएं।
बांधना सीखाएं जूते
अक्सर स्टाइल में बच्चे जूते तो पहन लेते है लेकिन कहीं जूते के तस्में खुल जाएं तो उन्हें बंध करने नही करते है, क्योंकि उन्हें बंद करने नहीं आते है। इसलिए उन्हें घर पर जूतों की मदद से या एक गत्ते में तस्मे डाल कर उन्हें बंद करना सिखाएं।
पकड़नी सिखाएं कैंची
जब भी बच्चे आर्ट एंड क्राफ्ट का काम करते है तो वह अकसर ही भूल जाते है कि किस तरह से कैंची को पकड़ना हैं, लेकिन को कभी भी नहीं भूलाना चाहिए, अगर बच्चे इसी तरह से कैंची पकड़ेंगे तो उन्हेें चोट लग सकती हैं। इसलिए जब भी वह कैंची पकड़े उन्हें उसे सही तरीके से पकड़ना सिखाएं।
याद रखें वह अपनी रुटिन
अनुशासन में रहना बच्चों को न केवल घर में बल्कि घर के बाहर जैसे की स्कूल व कॉलेज में भी काफी काम आएगा, इसलिए उन्हें शुरु से ही अनुशासन में रहना सिखाएं। उनके कमरे व बॉथरुम में छोटी छोटी पर्चियां लगा दें जिससे कि वह अपने रुटिन व टाइम टेबल को याद रख सकें। इसमें उनके होमवर्क, खेलने का समय, ब्रश करना, प्रार्थना, रैडी होना सब काम लाइन वाइस लिखें हो।
पहनना सिखाएं कपड़े
बच्चे स्कूल जाना शुरु कर देते है लेकिन उन्हें अच्छे से खुद को ड्रेसअप करना नहीं आता होता है, इसलिए उऩ्हें छुट्टी वाले दिन खुद ही ड्रेसअप होने के लिए कहें। उन्हें कहें कि वह खुद अपने लिए कपड़े निकाले, जिससे उन्हें पता लगे कि उनके लिए क्या पहना अच्छा हैं।