घर पर अगर बुजुर्गों और बच्चों को एक साथ चौबीस घंटे गुजारने पड़ें, तो उनके बीच तालमेल बैठाने की मशक्कत कई बार घर की महिलाओं को ही करनी पड़ती है। दो पीढ़ियों को एक साथ संभालना आसान बात नहीं। कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों को है। ऐसे समय में इनका काफी ध्यान रखने की जरूरत है। बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है ऐसे में यह वायरस उनपर आसानी से हमला कर सकता है। इसी को ध्यारन में रखते हुए कोरोना वायरस से बचाव के लिए बुजुर्गों का शारीरिक और मानसिक तौर पर कैसे ख्या ल रखना चाहिए इस बारे में जानतें हैं।
व्यायाम और प्रणायामउम्रदराज लोगों को संक्रमण से बचाव के सभी संभव उपाय अपनाते हुये घर पर ही नियमित रूप से व्यायाम और प्रणायाम करना चाहिए। घर से बाहर नहीं निकलने के परामर्श का सख्ती से पालन करते हुये बुजुर्गों को बाहर घर में आने वाले किसी भी मेहमान से मिलने से बचाना चाहिए।
बार-बार हाथ धोने की आदत बच्चों और बुजुर्गों को बार-बार हाथ धोने की आदत लगाएं। वे हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। घर पर या कहीं बाहर सीढ़ी की रेलिंग, पार्क की बेंच आदि किसी भी तरह की सार्वजनिकल सतह को छूने के बाद अच्छे से हाथ धोने को कहें।
बच्चों और बुजुर्गों के बीच आपस में अच्छा तालमेल बैठाएं बच्चों और बुजुर्गों के बीच आपस में अच्छा तालमेल बिठाने के लिए आपको कुछ पहल करनी होंगी। आप किसी एक की तरफदारी ना करते हुए उन दोनों को एक मंच पर साथ लाने का काम करें। बच्चे दादा-दादी या नाना-नानी को टेक्नोलॉजी के बारे में समझा सकते हैं और बदले में उन्हें कहानियों का पिटारा तैयार मिलेगा। रोज एक नई कहानी का बच्चों को इंतजार रहने लगेगा।
ये बरतें सावधानी छींकते और खांसते समय रूमाल का इस्तेमाल करें। बुजुर्गों को घर में बना ताजा पोषण युक्त आहार लेना चाहिए। उन्हें गर्म खाना खाने, बार बार पानी पीने और नियमित तौर पर ताजे फलों का रस पीने की सलाह दी गई है। अपनी दैनिक निर्धारित दवाओं में जरा सी लापरवाही न बरतें। अपनी वैकल्पिक सर्जरी को कुछ महीनों के लिए स्थगित करें।
डाईट का रखें ध्यानसबसे जरूरी यह है कि बच्चों और बुजुर्गों का इम्यून सिस्टम दुरुस्त रहे। उनकी डाइट में पोषक तत्वों से भरा आहार शामिल करें। घर के बच्चे और बुजुर्ग फलों और जूस का भी सेवन करें। समय पर नाश्ता, लंच और डिनर दें। ध्यान रखें कि वे पूरी नींद लें।