इन तरीकों से मजबूत होगा पारिवार के साथ रिश्ता, बनी रहेगी खुशहाली

आज के दौर में बहुत कम देखने को मिलता हैं जहां संयुक्त परिवार हो। लोग काम के चलते या अन्य कारणों से एकल परिवार में रहना पसंद करते हैं। लेकिन परिवार और रिश्तों की खूबसूरती तभी है जब सब एक साथ हों। परिवार के साथ रहने के कई फायदे हैं जो खुशी-गम में एक-दूसरे का साथ देते हैं। परिवार में सुख और शांति का माहौल बनाए रखना बहुत ही चुनौतीपूर्ण काम है। यह सिर्फ किसी एक की जिम्मेदारी नहीं हैं बल्कि सभी को इसके लिए प्रयास करने की जरूरत होती हैं। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जो पारिवार के साथ रिश्ता मजबूत बनाने का काम करेंगे और खुशहाली लाएंगे। आइये जानते हैं इसके बारे में...

बीच में टोके नहीं

परिवार के बीच मौजूद होने पर कई बार हमसे ऐसे टॉपिक्स पर भी चर्चा होती है, जिनमें हमारी दिलचस्पी नहीं होती है या समय की कमी के चलते हम उनकी बातें पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे पाते। ऐसे में उनकी बात बीच में काटने की भूल ना करें। कई बार महिलाएं यह सोचकर परिवार के सदस्यों के बोलने के दौरान उन्हें टोक देती हैं, क्योंकि वे ये जाहिर करना चाहती हैं कि वे बात पर ध्यान दे रही हैं, लेकिन इसका मतलब यही निकाला जाता है कि बोलने वाले को उचित सम्मान नहीं दिया जा रहा। ऐसे में समय की मांग को देखते हुए यथासंभव शांत रहें और अपने प्रियजनों की बात को बीच में ना काटें। इससे फैमिली लाइफ में खुशियां हमेशा बरकरार रहती हैं।

निकालें उनके लिए समय

कभी-कभी हमारा व्यस्त जीवन हमें एक दूसरे से बातचीत करने से रोकता है और जब आप कभी आप साथ में समय बिताते हैं तो कई बार ऐसा भी महसूस होता है कि जैसे हम अपनों को कम जानते हैं। इसलिए बातचीत, मिलने जुलने का सिलसिला जारी रखें। इससे आप एक दूसरे को बेहतर तरीके से जान पाएंगे।

नाराजगी का करें सामना

घर-परिवार में अक्सर किसी ना किसी बात पर नाराजगी हो जाती है। अगर कभी परिवार वाले आपसे किसी बात पर नाराज हो जाएं और आपके खिलाफ बोलने लगें तो उसमें बुरा ना मानें और धैर्य से उनकी बातें सुनें। इस बात का आंकलन करें कि क्या वाकई आपसे गलती हुई है। बहुत सी महिलाएं तनाव की स्थिति में अपने घर वालों की बातों से बुरी तरह आहत हो जाती हैं और अपने बचाव में कई ऐसी बातें बोल देती हैं, जो परिवार वालों को तकलीफ देती हैं। अपने बचाव में बहुत ज्यादा बोलने से संबंधों में तनाव पैदा होता है। अगर आप अपने प्रियजनों की बातें ध्यान से सुनें और उनका नजरिया समझने की कोशिश करें, तो मुमकिन है कि समस्या का समाधान निकल आए और तनाव भी दूर हो जाए।

माहौल को सहज बनाए

बच्चों के लिए नियम, अनुशासन और सीमाएं होना जरूरी है, लेकिन माता-पिता को चाहिए कि बच्चों को डराने या दबाने के बजाए माहौल को सहज बनाए रखने का प्रयास करें। अपने परिवार के साथ नियमित रूप से बाहर घूमने जाएं। परिवार के साथ अच्छा समय बिताने से आपस में प्यार और मजबूत होता है।

परिवार के बारे में पहले सोचें

आज के समय में हर व्यक्ति अपने हित के बारे में सबसे पहले विचार करता है। वास्तव में इसी प्रकार की सोच परिवार में दरार डालने का कार्य करती है। यदि आप परिवार में रहती हैं तो आपको खुद से पहले पूरी फैमिली के हित के बारे में सोचना चाहिए। यदि आप इस प्रकार की सोच के साथ कार्य करेंगी तो सभी लोग आपको फॉलो करेंगे तथा एक दूसरे की मदद को हमेशा तैयार रहेंगे।

खुद पर ना केंद्रित हो बातचीत

कई महिलाएं किसी भी विषय पर होने वाली बातचीत को खुद पर केंद्रित कर लेती हैं। कई बार महिलाएं अनजाने में यह काम करती हैं और कई बार वे खुद पर ध्यान आकर्षित कराना चाहती हैं। लेकिन यह गलती संबंधों में खटास पैदा कर सकती है। अगर आपकी ननद या देवर की शादी की चर्चा चल रही है तो आपको उसमें अपने अनुभव जोड़ने के बजाय उनकी बातों को ध्यान से सुनना जरूरी है। यह ऐसा समय है जब उनकी बातों को सुनकर उनके साथ खड़े होने का अहसास करा सकती हैं और उनकी किसी भी तरह की समस्याओं में जरूरत पड़ने पर मदद भी कर सकती हैं। इसे मैरिटल लाइफ में सुख-शांति का वास बना रहता है।