अपने बेटों की मानसिकता में लाए बदलाव, इन बातों की सीख से बनाए उन्हें एक जिम्मेदार इंसान

अक्सर देखा जाता है कि एक माँ अपने बेटों को घर के कई काम करने से रोक देती है या जब बेटों को जब घर के किसी काम के लिए बोला जाता है तो वे मना कर देते हैं। ऐसा इसलिए होता है कि बेटों को बचपन से बेटियों से अलग सीख दी जाती रही हो जो उनके अच्छा इंसान बनने में रूकावट डालते हैं। इसलिए वचपन से ही बेटों को भी कुछ हिदायतें देने की जरूरत होती है ताकि वे एक जिम्मेदार इंसान बन सके। आज हम आपको यही जानकारी देने जा रहे है कि किस तरह अपने बेटों को बचपन में अच्छी बातें सिखाई जाए।

* अक्सर मां अपने बेटे को किचन का कोई काम करने नहीं देती। उनका मानना है कि किचन का काम सिर्फ लड़कियों का है। मगर अपने बेटे को बताएं कि आज के दौर में लड़को को भी किचन का काम आना चाहिए क्योंकि जॉब के दौरान उन्हें अकेला रहना पड़ सकता है। वहीं अगर शादी के बाद पत्नी नौकरीपेशा होगी तो यह हमेशा उनके काम आएगा।

* 12 वर्ष की आयु के बाद बच्चा परिपक्व होने लगता है। उसे आप इस अवस्था में बेसिक कुकिंग जैसे चाय व सैंडविच बनाना आदि सिखा सकती हैं।

* बेटे को शारीरिक हिंसा से हमेशा दूर रहने के लिए कहें। इससे जहां वह बाहर लड़ाई-झगड़े से दूर रहेगा वहीं घर के सदस्यों से भी हाथापाई नहीं करेगा।

* हर महिला को अपने बेटे को महिलाओं का सम्मान करने की शिक्षा देनी चाहिए। बचपन से मिली इस शिक्षा के कारण वह हर रिश्ते एवं बाहर की महिलाओं का भी सम्मान करेगा और उनसे आदर से बात करेगा।

* कई महिलाएं अपने बेटे को रोते समय कहती है तुम लड़की हो क्या? लेकिन ऐसा न कहें। भावनात्मक होना कोई शर्मनाक बात नहीं है। ऐसा करके आप बच्चे को कठोर बना देती हैं और फिर वह किसी ओर की भावनाओं को भी नहीं समझता।

* बेटे को बताएं कि उसे मन में सभी के प्रति दया भाव रखना चाहिए। क्रूर बनना बेहद शर्मनाक बात है। उसे हर जीव से प्यार करना और उसका सम्मान करना सिखाएं।