शादी के बाद लड़का हो या लड़की दोनों की जिंदगी में बदलाव देखने को मिलता हैं। रिश्ता जुड़ने के बाद दांपत्य जीवन में ताल-मेल बैठाने की जरूरत होती है जिसके लिए दोनों पार्टनर्स को अपने स्वभाव में कुछ बदलाव लाने की जरूरत पड़ती हैं। अक्सर देखा जाता हैं कि दोनों पार्टनर्स का अलग स्वभाव रिश्ते को कमजोर करता हैं और दोनों के बीच दूरियां आने लगती हैं। रिश्ते में पनपी यह गलतफहमी रिश्ते को टूटने की कगार पर पहुंचा देती हैं। ऐसे में जरूरी हैं कि समय रहते समझदारी से काम लिया जाए और ताल-मेल बैठाते हुए रिश्ते को संभाला जाए। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से दोनों पार्टनर्स का अलग स्वभाव होने पर भी रिश्ते को मजबूत किया जा सकता हैं।
एक-दूसरे को समझें एक समानदांपत्य जीवन में यदि कोई एक पार्टनर खुद को दूसरे पार्टनर से बड़ा समझे या महान समझे तो ऐसा करने से भी मनमुटाव हो सकता है। क्योंकि आप एक अच्छी जगह नौकरी करते हैं या आपकी सैलरी आपके पार्टनर से ज्यादा है तो इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि आप अपने पार्टनर की बात नहीं सुनेंगे या उस पर अपनी मनमानी करेंगे। ऐसा करने से लड़ाई और मनमुटाव ज्यादा बढ़ सकता है। हमेशा दांपत्य जीवन में एक दूसरे को सामान समझे और दोनों के फैसले को महत्व दें।
किसी तीसरे को कभी ना लाएं रिश्ते मेंपति-पत्नी के बीच में छोटे-मोटे बातचीत पर असहमति होना एक आम बात है। ऐसे में रिश्ता और मजबूत वह इंटरेस्टिंग बनता है। लेकिन यदि आप दोनों के बीच में कोई भी दिक्कत आ रही है तो किसी तीसरे को बीच में ना लाएं। खुद उस मामले को सुलझाने की कोशिश करें। क्योंकि किसी तीसरे के आने से हो सकता है कि आपका पार्टनर आपसे और गुस्सा हो जाए। ऐसे में अपने बीच की बात किसी को भी ना बताएं। वरना इससे आपके रिश्ते की डोर कमजोर हो सकती है। जो भी निर्णय है या भी मसला है उसे आपस में सुलझाने की कोशिश करें। साथ ही एक दूसरे से बातचीत बंद ना करें।
एक-दूसरे से करें बातचीतएक दूसरे से मन ना मिलने के कारण या अलग स्वभाव होने के कारण दांपत्य जीवन में लड़ाई होना संभावित है। ऐसे में यदि एक दूसरे से बातचीत बंद कर दें तो इससे और भी दिक्कत बढ़ सकती है। हो सकता है कि किसी टॉपिक पर या परिस्थिति पर आप दोनों के विचार एक दूसरे से नहीं मिल रहे हैं लेकिन ऐसे में लड़ाई होने पर एक दूसरे से बातचीत करना गलत है। वरना इससे परिस्थिति और खराब हो सकती है और रिश्ता कमजोर हो सकता है।
कभी ना बदलें अपने पार्टनर का स्वभावदांपत्य जीवन में एक दूसरे से प्यार करने के साथ-साथ उसकी इज्जत करना भी बेहद जरूरी है। ऐसे में यदि आपको पता है कि आपके पार्टनर का स्वभाव अलग है या उसके कुछ फैसले आपको पसंद नहीं हैं तो उसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि आप अपने पार्टनर के स्वभाव को बदलें। ऐसा करने से आपके पार्टनर को लग सकता है कि आप उससे प्यार नहीं करते और आप को उनके कारण शर्मिंदगी होती है। ऐसे मैं अपने पार्टनर का स्वभाव बदलने के बजाय आप अपने पार्टनर को अपनी परेशानी के बारे में बताएं और एक दूसरे से बातचीत करें।
अपनाएं बीच का रास्ताअगर आपकी अपने पार्टनर के साथ कई मसलों पर सहमति नहीं होती हैं तो ऐसे में लड़ाई करने के बजाए कोई ऐसा रास्ता निकालें, जिससे आपका और आपके पार्टनर का दोनों की बात का मान रह जाए। उदाहरण के तौर पर यदि आपका मन बाहर घूमने का कर रहा है लेकिन आपका पार्टनर काफी थका हुआ है तो ऐसे में आप अपने साथी के साथ समय बिताने के लिए बालकनी या छत पर वॉक कर सकते हैं। इससे आपका घूमना भी हो जाएगा और आप अपने घर पर ही रहेंगे।
एक दूसरों को दें पर्सनल स्पेसहर व्यक्ति की अपनी पसंद अपनी इच्छा होती है। ऐसे में अपने पार्टनर पर उस इच्छा को ठोकना गलत बात है। अपने पार्टनर को पर्सनल स्पेस से दें। यदि वह आपकी किसी फैसले पर सहमत नहीं है तो उससे जिद्द करने के बजाय आप थोड़े से समय दें और सोचने का मौका भी दें। हो सकता है कि ऐसा करने से आपका पार्टनर आपकी बात पर सहमति प्रकट करे। और अगर ना भी सहमत हो तो हो सकता है कि सोचने से कोई और रास्ता निकल जाए।