तकनिकी के इस दौर में बच्चे अपना अधिकतर समय मोबाइल स्क्रीन में गुजारते हैं। उसके ऊपर से कोरोना आने की वजह से बच्चों का स्क्रीन टाइम कई गुना बढ़ गया हैं। इसका प्रभाव यह हो रहा हैं कि बच्चों की फिजिकली एक्टिविटी ना के बराबर हो गई हैं जिसका असर उनके शारीरिक विकास पर पड़ना स्वभाविक हैं। ऐसे में पेरेंट्स को चाहिए की बच्चों की दिनचर्या में ऐसी आदतें विकसित की जाए कि उनका ध्यान मोबाइल की तरफ जाए ही ना और वे फिजिकल एक्टिव बने। तो आइये जानते हैं उन तरीकों के बारे में जिनसे बच्चों में ये आदतें विकसित हो सकेगी।
सीढ़ियां चढ़ने के लिए बोलें बच्चों को एक्टिव रखने का सबसे अच्छा तरीका है उन्हें सीढ़ी चढ़ने के लिए कहें। इससे ना केवल बच्चे एक्टिव फील करेंगे बल्कि उनकी सुस्ती भी भाग जाएगी। ऐसे में आप बच्चे को किसी काम के लिए कह सकते हैं। या आप खुद भी उनके साथ इस एक्टिविटी को अपना सकते हैं। ऐसा करने से आप भी खुद को एक्टिव महसूस करेंगे और बच्चे आपको देख-दखकर आगे बढ़ेंगे।
फन एक्टिविटीबच्चों को फिजिकली एक्टिव बनाने के लिए जरूरी है कि आप उनकी उम्र के हिसाब से उन्हें कुछ मजेदार फिजिकल एक्टिविटी के बारे में बताएं। एक्टिविटी ऐसी होनी चाहिए, जिसे करने में बच्चों को मजा आए क्योंकि अगर बच्चे का इंटरस्ट डेवलप नहीं होगा तो फिर वह उसे नहीं करेगा। ध्यान रखें कि आप कभी भी बच्चे के साथ जबरदस्ती न करें, बल्कि उसका इंटरस्ट डेवलप करने की कोशिश करें।
डिनर के बाद जाएं बाहरआज के समय में माता-पिता डिनर के बाद टेलीविजन देखने बैठ जाते हैं। ऐसे में उन्हें देखा-देख बच्चे भी यही पैटर्न अपनाना शुरू कर देते हैं। ऐसे में सबसे पहले माता-पिता को अपनी आदत बदलनी होगी। उसके बाद ही वे अपने बच्चों की आदत बदल पाएंगे। खाना खाने के बाद घूमने जाएं, जिससे ना केवल बच्चों में अच्छी आदत पैदा होगी बल्कि उनकी सुस्ती भी दूर हो जाएगी।
स्कूल से घर तक जाएं पैदलअगर बच्चों का स्कूल पास है तो किसी व्हीकल लेने की बजाय उसे पैदल छोड़ने जाएं। इससे भी उसके अंदर ऊर्जा का संचार होगा और वो पैदल चलन के लिए प्रेरित होगा। बता दें कि पैदल चलने से ना केवल बच्चे की शारीरिक गतिविधि का विकास होगा ब्लकि वे एक्टिव भी रहेंगे। इससे अलग यदि आप बच्चे के साथ मार्केट जा रहे हो तो ऐसे में खुद भी पैदल जाने की कोशिश करें।
बनाएं ग्रुपअक्सर पैरेंट्स की यह शिकायत होती है कि उनके पास समय नहीं होता और इसलिए वह उनके हाथ में फोन दे देते हैं। जिस तरह आप बच्चों की दोस्ती फोन या इंटरनेट से करवाते हैं, ठीक उसी तरह आप उनकी दोस्ती दूसरे बच्चों से करवाएं। इस तरह उनका एक ग्रुप क्रिएट होगा। जब बच्चों के पास एक अच्छा ग्रुप होगा तो यकीनन वह फिजिकली एक्टिव होंगे।
बच्चों की लें घर के कामों में मददअगर माता-पिता बच्चों की मदद घर के काम में लेंगे तो इससे ना केवल उन्हें एक्टिव रहने में मदद मिलेगी बल्कि घर के कामों में बच्चों की भागीदारी भी बढ़ेगी। ऐसे में माता-पिता बच्चों से बर्तन धुलवा सकते हैं या कार साफ करने के लिए कह सकते हैं।
डांसिंग क्लास में हिस्सेदारीबच्चे को एक्टिव बनाने के लिए डांस क्लास आपके बेहद काम आ सकती है। कई शारीरिक गतिविधियां इसमें शामिल होती हैं, जिससे बच्चे की ना केवल एक्सरसाइज हो जाती है बल्कि वो एक्टिव भी महसूस कर सकता है। इससे अलग डांस क्लास के अलावा माता-पिता बच्चों को साइकिल के लिए भेज सकते हैं या उनसे रनिंग के लिए भी बोल सकते हैं। इससे वे एक्टिव रहने के लिए प्रेरित होंगे।