किसी भी रिलेशनशिप की शुरुआत से पहले एक-दूसरे को जानना और मिलना बहुत जरूरी होता हैं। इसके लिए डेट अरेंज की जाती हैं ताकि आप एक-दूसरे से मिलकर समझ पाए। सभी का मानना हैं कीडेट की पहली मीटिंग बहुत जरूरी होती हैं तब कई बातों का ध्यान रखना होता हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि पहली मीटिंग से ज्यादा ध्यान दूसरी मीटिंग में रखने की जरूरत होती हैं क्योंकि इसी में आप आराम से समझने और परखने की कोशिश करते हैं। पहली मीटिंग तो रोमांच और एंग्जायटी में ही खत्म हो जाती हैं। दूसरी डेट पर जा कर आप असल में तय करते हैं कि आप एक दूसरे के लायक है या नहीं। अगर इस डेट पर आपको एक-दूसरे का साथ पसंद आ जाता है, तो लोग अक्सर रिलेशनशिप को आगे बढ़ा लेते हैं। तो आइये जानते हैं इस समय किन बातों का ध्यान रखा जाए।
अपनी मेमोरी का उपयोग करें
सेकंड डेट पर जाने पर आपको अपने मेमोरी का इस्तेमाल करते हुए पहली डेट की बातों को याद रखना चाहिए। आपको सामने वाले को ऐसा महसूस करवाना चाहिए कि बहुत कम वक्त में ही आपको उनको अच्छे से जान गए हैं। ऐसे में आपको उन्हें खुश करनेमें मदद मिलेगी। आप याद से उनकी मन पंसद चीजों को करें। उनके लिए फूल ले जाएं या उनकी पसंद के बारे में जो पिछली बार आपने पूछा थो उसी आधार पर नई चीजों को करें।
थोड़ी इश्कबाज़ी करें
अगर आप अपनी दूसरी डेट को शानदार बनाना चाहते हैं, तो पहली डेट की तरह मुंह बंद करके डेट को बोरिंग न बनाएं। ऐसे में सामने वाले को खुश करने के लिए थोड़ी इश्कबाजी करें। छोटी-मोटी इधर ऊधर की बातें करें, थोड़ा मजाक करें और थोड़ी सी इश्कबाज़ी करें। पर इन सबसे बीच कोई भी ऐसा काम न करें कि सामने वाल अनकंफर्टेबल महसूस करे।
लाइट मूड में रहें
आपका खराब मूड आपकी डेट बिगाड़ सकता है। वहीं अधिक गंभीर मूड इसे बोरिंग बना सकता है। तो अगर आप अपनी सेकंड डेट पर जा रहे हैं, तो लाइट मूड के साथ खुशी-खुशी जाएं।आपके माहौल को खुशनुमा बना कर रखें और सामने वाले के बारे में ज्यादा बात करने की कोशिश करें।
सामने वाले को कंफर्टेबल होने दें
सामने वाला इंसान आपके साथ जितना कंफर्टेबल होगा, उतनी ही आप खुल के बाते कर पाएंगे। आप समझने की कोशिश करें कि सामने वाला इंसान क्या चाह रहा है और कैसे चाह रहा है। उनकी सीमाओं का सम्मान करते हुए ही अपनी बातों को आगे बढ़ाएं और उन्हें असहज या डेटिंग एग्जायटी के शिकार न हो दें।