रिलेशनशिप में दोनों पार्टनर का साझा साथ होता हैं और एक-दूसरे पर भरोसे से ही यह रिश्ता अच्छे से आगे बढ़ पाता हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता हैं कि दोनों में से कोई एक खुद को श्रेष्ठ समझने लगता हैं और दूसरे से रूखा व्यवहार करने लगता हैं। बिना अपने पार्टनर से बातें साझा कर खुद फैसले लेने लगते हैं और दूसरा पार्टनर खुद के प्रति हीन भावना महसूस करने लगता हैं जिस वजह से रिश्ते में खटास आने लगती हैं। ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ ऐसे तरीके लेकर आए हैं जिनकी वजह से रिश्ते में आई इस परेशानी को दूर किया जा सकता हैं। तो आइये जानते हैं इन टिप्स के बारे में।
छोटी-छोटी बातों पर निर्भर होना छोड़ेंमाना कि जीवन में छोटे बड़े फैसले पार्टनर से मिलकर लेने चाहिए। लेकिन जब आपके जीवन के हर फैसले में पार्टनर की राय हो तो ऐसे में निर्भरता आना स्वभाविक है। पत्नी कुछ फैसले खुद भी लेना सीखे। अगर किसी फैसले को लेते वक्त गलती हो जाए तो इससे निराश होने की बजाय सीखने की कोशिश करें और आगे बढ़े। छोटी-छोटी बातों के लिए पति पर निर्भर रहना सही नहीं है। इससे पति की आदत भी खराब हो सकती है।
छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा ना करेंअगर आपको पता है कि आपके पति के स्वभाव में अहंकार आ गया है तो ऐसे में गुस्से से समस्या को दूर नहीं किया जा सकता। अगर आप गुस्सा करेंगे तो इससे ना केवल घर का माहौल खराब होगा बल्कि संबंध भी कमजोर हो सकते हैं। ऐसे में सबसे पहले गुस्से पर नियंत्रण करना जरूरी है और अपने पति की आदत को समझना भी जरूरी है।
खुलकर करें बातअक्सर महिलाएं पति के बदलते स्वभाव को लेकर चिंता में रहती हैं लेकिन वे अपने पति से इस विषय पर बात नहीं करतीं। यह गलत आदत है। अगर आप अपने पार्टनर से इस पर खुलकर बात करेंगे तो हो सकता है कि वह भी इस पर विचार करे। कभी-कभी हम अपने बदलते स्वभाव को नहीं पहचान पाते। सामने वाले को उसका एहसास होता है। ऐसे में हो सकता है कि आपके पति को भी अपने बदलते स्वभाव के बारे में ना पता हो। ऐसे में आपकी जिम्मेदारी है कि आप अपने पति को उसके बदलते स्वभाव के बारे में बताएं। साथ ही यह भी बताएं कि इससे आपको क्या क्या समस्या हो रही है।
खुद पर विश्वास रखना जरूरीपति के अंदर अहंकार तब भी पनप सकता है जब उसे लगेगा कि आपके अंदर आत्मविश्वास की कमी है। यदि आप अपने पति को यह दिखाएंगे कि आप पूरी तरह से सक्षम नहीं हैं किसी भी काम को करने के लिए तो वह अपनी इच्छाओं को आप पर थोपने लगेगा। ऐसे में जरूरी है सबसे पहले खुद पर विश्वास रखना। इसके लिए जरूरी है कि हर विषय पर अपनी राय रखें। अपने पार्टनर को अपने फैसलों के बारे में बताएं तो ऐसे में आपके पार्टनर को भी आपकी राय लेने की आदत हो जाएगी।
घर पर अपनी जगह होना जरूरीअगर आपको पता है कि आपके पति आपकी बातों को महत्व नहीं देते हैं तो ऐसे में सबसे पहले जरूरी है कि आप घर के लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाएं और उनके सामने अपनी राय रखें। इससे अलग अपने बच्चों को पूरा समय दें और दोस्ताना व्यवहार परिवार के लोगों के साथ रखें। ऐसा करने से आपके पति को भी आपके महत्व के बारे में पता लगेगा और वह आपकी बातों को तवज्जो देना शुरू कर देना।
अपनी इच्छाओं को ना थोपेंपांचों उंगलियां एक दूसरे से अलग होती हैं। ऐसा ही कुछ इंसानों के साथ भी है। हर किसी इंसान की सोच अलग-अलग हो सकती है। हो सकता है कि पति पत्नी के विचार भी किसी बात पर एक दूसरे से ना मिलें। इसका मतलब यह नहीं है कि आपका पति आप पर अपनी सोच को थोर रहा है या आप अपनी इच्छाओं को लेकर पति को फोर्स कर रहे हैं। आप अपनी सोच अपने विचारों को अपने पार्टनर को बता सकते हैं। लेकिन थोप नहीं सकते। इससे रिश्ता कमजोर हो सकता है। साथ ही पति भविष्य में आप से राय लेना भी बंद कर सकता है।
'हम' शब्द का प्रयोग करना जरूरीपति पत्नी के रिश्ते में जब 'मैं' शब्द जगा ले लेता है तो रिश्ता कमजोर हो जाता है। ऐसे में जब भी बात एक दूसरे की हो तो मैं की जगह हम का इस्तेमाल करें। इससे ना केवल पति के अहंकार पर प्रभाव पड़ेगा बल्कि पति भी भविष्य में आप आपके और अपने बारे में लिए फैसले को हम का नाम देगा और एक दूसरे के बारे में सोच कर ही निर्णय को लेगा।