हर रिश्ते के अपने अलग ही मायने होइते है। और साथ ही हर रिश्ते का मतलब ही एडजस्ट करना होता है। साथ ही बातो को बर्दाश्त करना भी होता है। अपनों से प्यार के लिए झुकना भी बहुत जरूरी है। पर कभी-कभी बात जब आपके स्वाभिमान पर आ जाये तो बात हद से बाहर चली जाती है। ऐसे में जरूरत समझदारी की जिससे रिश्ता भी बचा रहे और साथ ही आपके स्वाभिमान को भी ठेस न लगे। आज हम ऐसी ही बातो के बारे में बतायेंगे तो आइये जानते है इस बारे में...
* यह ज़रूरी नहीं कि एब्यूज़ यानी शोषण स़िर्फ शारीरिक ही होता है। यह कई स्तर पर हो सकता है, मौखिक, भावनात्मक, मानसिक, आर्थिक आदि। यदि आपको यह महसूस हो रहा है कि रिश्ते में आपका शोषण हो रहा है,बेवजह गाली-गलौज की जा रही है या आर्थिक स्तर पर परेशान किया जा रहा है, तो बर्दाश्त करने से बेहतर होगा की आप अपने पार्टनर से बात करें।
* आपसे उम्मीद की जाती है कि आप अपने पार्टनर को इज़्ज़त दें, लेकिन बदले में आपको सम्मान व समान दर्जा नहीं मिलता, तो तकलीफ़ होना लाज़िमी है। हो सकता है, अंजाने में ऐसा हो रहा हो, तो सही रास्ता यही है कि अपने पार्टनर से इस बारे में बात करें, ताकि वो आपके पक्ष को समझ सके और आपको कैज़ुअली न ले। लोगों व रिश्तेदारों के सामने उल्टा-सीधा न कहे। आपको सम्मान व समान दर्जा दे।
* आपकी बातों को तवज्जो न देना, महत्वपूर्ण निर्णयों में आपकी राय ही न लेना, आपके कुछ भी कहने पर बात को इग्नोर कर देना या यह कह देना कि तुमको क्या पता इस बारे मे यदि आप यह शुरू से ही बर्दाश्त करते आ रहे हैं,तो इस बारे में अपने पार्टनर से बात करे, नही तो आगे चलकर आपका होना महत्वहीन लगेगा।
* यह ज़बर्दस्ती किसी भी मामले में हो सकती है और अगर यह सेक्स में है, तब तो आपको और भी सतर्क हो जाना चाहिए। रिश्ते में दोनों की भावनाओं और इच्छाओं का सम्मान बेहद ज़रूरी है। यदि आप अपने पार्टनर का सम्मान करते हैं, तो पार्टनर से भी उम्मीद करते होंगे, वो भी उतना ही सम्मान आपको दे।