बच्चों का दिल दुखा सकती हैं पेरेंट्स की कही ये बातें, डालती हैं आपके रिश्ते पर प्रभाव

बच्चों को पालना कोई आसान काम नहीं हैं, यह सभी पेरेंट्स जानते हैं और मानते हैं। उनकी खुशी का ख्याल रखते हुए उन्हें नैतिक जिम्मेदारियों के साथ एक अच्छा इंसान बनाने की चाहत हर पेरेंट्स की होती हैं। लेकिन कई बार पेरेंट्स अपनी इस चाहत में बच्चों से कुछ ऐसी बातें बोल देते हैं जो उनके दिल को दुखाने का काम करती हैं और इसका असर आपके रिश्ते पर पड़ता हैं। जी हां, माता-पिता के कुछ ताने ना सिर्फ बच्चों को हर्ट कर सकते हैं बल्कि इससे बच्चे बिगड़ने भी लगते हैं। ऐसे में जो बातें आप अपने लिए नहीं सुनना चाहते, वैसी बातें आप बच्चे से बोलने से पहले सोच लें। आज इस कड़ी में हम आपको उन बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको अपने बच्चों से कभी नहीं बोलनी चाहिए।

बच्चों को न कहें बेवकूफ

कुछ पैरेंट्स बच्चों को हर बात पर बेवकूफ कहते रहते हैं। बेशक पैरेंट्स के लिए बेवकूफ शब्द काफी नॉर्मल होता है। मगर इससे बच्चों का आत्मविश्वास कम होने लगता है और बच्चे कुछ समय में खुद को दूसरों से कम आंकना शुरू कर देते हैं।

तुम्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए


यह बहुत ही गलत वाक्य है। इस तरह की बात करना बच्चों पर नकारात्मक असर डालता है। कई बच्चे होते हैं, जो दूसरों की अनदेखी करके अपने काम करते जाते हैं। शैतानियां करने से पीछे नहीं हटते। लेकिन इस तरह के शब्द कहने से बेहतर है कि आप उसे बैठकर शांति से उसकी गलती का अहसास दिलाएं। उसे बताएं कि अच्छे और बुरे में क्या अंतर है।

सिरदर्द बन गए हो तुम

कई बार हम थके होते हैं या स्ट्रेस में होते हैं और ऐसे में बच्चों की छोटी सी गलती भी हमें परेशान कर जाती है। ऐसे में अक्सर हम इस तरह के वाक्य बोल जाते हैं। लेकिन आपको बता दें कि बच्चों का मन बहुत कोमल होता है और वे आसानी से हर्ट हो जाते हैं। ऐसे वाक्य बच्चों में अविश्वास, गुस्सा, आपसी दूरी की वजह बन सकता है। इसलिए ऐसी बातें बच्चों को कभी ना बोलें।

तुम अपने भाई/ बहन की तरह क्यों नहीं हो

इस तरह की तुलना भी ठीक नहीं है। अपने ही बच्चों में तुलना करके आप उनह्ें एक- दूसरे के खिलाफ खड़ा कर रहे हैं। इस तरह से उनके बीच मनमुटाव पैदा होगा और उनके बीच दूरी आएगी। आप स्वयं नहीं चाहते कि आपके बच्चे आपके लिएन कारात्मक सोचें या अपने भाई- बहन के लिए, इसलिए इस तरह के शब्द बोलने से खुद को रोकें।

बेटा-बेटी के बीच का फर्क

बेटी से रसोई में बर्तन धुलवाना और बेटे को घर के काम करने से मना कर देना, पेरेंट्स क ऐसी आदत बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। हालांकि, अब घर के कामों को लेकर बेटा-बेटी के बीच का फर्क पहले से कम होता जा रहा है लेकिन फिर भी थोड़ा ही सही, ये मौजूद तो है। इसलिए पेरेंट होने के नाते आप अपने बच्चों को एक बराबर काम सौंपे। आप जैसा करेंगे, आपका बच्चा भी बड़ होकर वैसे ही करेगा और ये साइकिल कभी खत्म ही नहीं होगी।

तुम्हें ये समझ नहीं आता


आपको बता दें कि बच्चे के लिए एक बार में सब कुछ समझ लेना मुश्किल होता है। लेकिन अगर आप उन्हें बेहतर तरीके से समझाएं तो उन्हें जीवन भर के लिए ये बात समझ आ जाती है। ऐसे में अगर बच्चे को कुछ समझ नहीं आ रहा तो ये आपके समझाने में कुछ गलती हो सकती है। अगर आप बार-बार उसे इस तरह की बात बोलते हैं तो इससे उसके आत्मविश्वास पर असर पड़ेगा और चीजों से भागने लगेगा। यही नही, आगे चल कर वो भी इस तरह की बात किसी को बोल सकता है।

अच्छा होता कि तुम नहीं होते

इस तरह के वाक्य अमूमन माता- पिता भावनाओं में बहकर कह देते हैं और बाद में पछताते हैं। आप तो मन ही मन में पछता कर चुप रह जाते हैं लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आपके इस वाक्य का आपके लाडले पर क्या असर हुआ है। वह अंदर से दुखी हो जाता है और उसे अपने जन्म लेने पर अफसोस होने लगता है। यह सबसे दुखी बात है, जो आप अपने बच्चे से कह बैठते हैं। चाहे कितनी ही बुरी स्थिति क्यों न हो, इस तरह के वाक्य कभी भी न कहें, जिससे आपको जीवन पर पछताना पड़े।