पेरेंट्स की इन बातों का पड़ सकता हैं बच्चों पर गलत प्रभाव, बोलते समय बरतें सतर्कता

किसी भी पेरेंट्स के लिए बच्चों की अच्छी परवरिश करना कोई आसान काम नहीं हैं। क्योंकि पेरेंट्स द्वारा की गई किसी भी गलती का प्रभाव बच्चों की मानसिकता और व्यवहार पर पड़ता हैं। खासतौर से पेरेंट्स द्वारा बच्चों को बोली गई बातों का विशेष प्रभाव पड़ता हैं। ऐसे में पेरेंट्स को बोलते समय सतर्कता बरतने की जरूरत होती हैं। आज हम आपके लिए कुछ ऐसी बातों की जानकारी लेकर आए हैं जो बच्चों पर बहुत नकारात्मक प्रभाव डालती हैं और आपको इन्हें बोलते समय सतर्कता बरतने की जरूरत होती हैं। तो आइये जानते हैं उन बातों के बारे में जो बच्चों को नहीं कहनी चाहिए।

हमेशा ताना ठीक नहीं
बच्चों को बार-बार ताना न दें। बार-बार एक ही बात बोलने और ताना देने से बच्चे ज्यादा गुस्से वाले और चिढ़चिढ़े हो जाते हैं। साथ ही वो जिद्दी भी होने लगते हैं।

बच्चों में तुलना ना करें
कई बार हम अपने बच्चों में ही ना चाहते हुए भी भेदभाव दर्शा देते हैं। अपने बच्चे की तुलना किसी दूसरे बच्चे से न करें। दूसरा बच्चा आपके बेटे या बेटी से तेज है या खूबसूरत है, इस तरह की तुलना न करें। इससे बच्चों में दूसरे बच्चों को लेकर हीन भावना पैदा होने लगती है।

मैं भी पढ़ाई में इतनी ही बुरी थी/था
बच्चे से भूलकर भी यह बात ना कहें। क्योंकि इस बात से बच्चे पढ़ाई को लेकर लापरवाह हो सकते हैं। बच्चे को कड़ी मेहनत के लिए प्रेरित करें।

पापा से शिकायत
आमतौर पर घरों में पापा की छवि एक अनुशासित व्यक्त‍ि की तरह बनी होती है। पर बार-बार पापा के नाम की धमकी देकर आप जो बच्चों को अनुशासित करने की कोशिश करती हैं, दरअसल वो उनके मन में पापा के लिए डर पैदा करता है। उनके मन में पापा के लिए सम्मान की जगह खौफ ले लेता है। जिस कारण बच्चा अपने पिता से दूर हो सकता है।

मोटापे का एहसास ना कराएं
आप डायट पर हैं या अपना वजन घटाना चाहती हैं, यहां तक तो ठीक है। पर यह बात बच्चों के सामने जाहिर न करें। ऐसा करने से बच्चे अपने वजन को लेकर चिंतित हो जाते हैं और खाना ठीक से नहीं खाते। इसलिए बार-बार उनके सामने वेट मशीन पर खड़ी ना हों और ना ही उनसे यह कहें कि आजकल आप वजन घटाने की कोशिश कर रही हैं।