माता-पिता और बच्चे का रिश्ता बहुत ही खास होता है जिसमें कई तरह की परिस्थितियां देखने को मिलती हैं। इस रिश्ते में कभी रूठना-मनाना हैं तो कभी केयर और सम्मान भी। दोनों चाहते हैं कि एक-दूसरे से उनका रिश्ता बेहद मधुर बना रहे। लेकिन कई बार कुछ बातें ऐसी हो जाती हैं जिनकी वजह से पेरेंट्स और बच्चों के रिश्ते में दूरियां आ जाती हैं, जो कि कोई नहीं चाहता हैं। माता-पिता और बच्चों के बीच आने वाली यह दूरी बच्चे के मन और उसके विकास पर गहरा प्रभाव डालती है। ऐसे में आपको उन बातों को समझने की जरूरत हैं ताकि उन्हें समय रहते दूर किया जा सकें। आज इस कड़ी में हम आपको उन्हीं बातों की जानकारी देने जा रहे हैं जो आपके रिश्ते में कड़वाहट का कारण बन रही हैं।
हमेशा जीतने का दवाब बनानाबीते कुछ समय से हर क्षेत्र में कॉम्पटीशन काफी बढ़ चुका है। ऐसे में अपने बच्चों को सबसे आगे रखने की चाह में ज्यादातर पेरेंट्स उनपर जीतने और आगे बढ़ने का दवाब बनाने लगते हैं। आगे बढ़ने के इस चाह में अक्सर पेरेंट्स अपने बच्चों को नाकामी से डील करना नहीं सिखाते, जिससे कई बार वह मानसिक समस्याओं से जूझने लगते हैं और धीरे-धीरे आपके इसी दवाब के चलते वह आपसे दूर होने लगते हैं।
लाइफ में हस्तक्षेपचीजों को अपने तरीके से पूरा करने की जिद या अपनी इच्छा अनुसार बेटे की लाइफ में हस्तक्षेप करना पेरेंट्स और बच्चे के अस्वस्थ रिश्ते का कारण हो सकता है। रोना, बच्चे को बुरा महसूस कराना और सहानुभूति हासिल करना कुछ ऐसे तरीके हैं, जिनसे पेरेंट्स की लाइफ में हस्तक्षेप कर सकती हैं।
तुलना करनालगभग हर अभिभावक की ऐसा करने की आदत होती है। यह हम सभी जानते हैं कि जिस तरह हाथों की पांचों उंगलियां एक जैसी नही होती, वैसे ही बच्चे भी एक जैसे नहीं होते। हर एक बच्चा अपने आप में अलग होता है। ऐसे भाई-बहन या किसी अन्य बच्चे से अपनी बच्चे की तुलना करना आपके रिश्ते में खटास ला सकता है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि आप किसी भी हालात में अपने बच्चे की किसी और से तुलना न करें।
अधिक नियंत्रणपढ़ाई में किस विषय को चुनना है, कौन से कपड़े पहनने हैं, किससे शादी करना है और भविष्य में कहां जाना है, ऐसे ही कई मुद्दों की वजह से पेरेंट्स और बच्चे के बीच में तनाव बना रहता है। पेरेंट्स का अधिक नियंत्रित करना बच्चे को बंधन लग सकता है।
सिखाने की जगह डांटनाबच्चे मन के साफ और नादान होते हैं। वह अक्सर जाने-अनजाने कई गलतियां कर देते हैं। ऐसे में पेरेंट्स उन्हें उनकी गलतियों की वजह से डांटने या चिल्लाने लगते हैं। आपकी इस आदत की वजह से बच्चा आपसे डरने लगेगा और इसी डर की वजह से वह आपसे कुछ भी कहने से कतराएगा, जिससे आपके रिश्ते में दूरियां आने लगेगी। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि आप बच्चों को डांटने की बजाय उन्हें समझाने या सिखाने की कोशिश करें।
ओवरप्रोटेक्टिवकुछ माता-पिता अपने बच्चे को लेकर ओवरप्रोटेक्टिव होते हैं। जब पेरेंट्स बच्चे की हर बात की निगरानी करें, उसके बारे में जानकारी हासिल करें या हर बात पर झगड़ा करें, तो समझिए पेरेंट्स और बच्चे के बीच दूरियां आना तय है।
समय न देनायह समस्या आजकल लगभग हर रिश्ते में देखने को मिलती है। अभिभावक होने के नाते यह बेहद जरूरी है कि आप अपने बच्चे के साथ पर्याप्त समय बिताएं। उनसे बात करें और उनके बारे में जानने की कोशिश करें। लेकिन अगर आप अपने काम के अलावा किसी और पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, तो यह आपके और आपके बच्चे के रिश्ते के लिए हानिकारक साबित होगा। दरअसल, बच्चे को समय न देने की वजह से आपके बच्चे आपसे दूर होने लगते हैं।