अक्सर माना जाता है कि कि बेटी का रिश्ता अपनी माँ के साथ ज्यादा मजबूत होता हैं, जबकि असलियत में बेटी अपने पिता की बहुत प्यारी होती हैं और बाप-बेटी का रिश्ता बहुत ही अनूठा होता हैं। एक बेटी के लिए उसका पिता किसी शक्तिमान से कम नहीं होता हैं, जो जिंदगी के हर कदम पर उसका साथ देता हैं। हांलाकि दोनों एक-दूसरे से अपना प्यार जताने में कतराते हैं, लेकिन कई मौके ऐसे आते हैं जब उनमें एक बाप-बेटी का प्यार झलकता हैं और हर बेटी अपने पिता को याद करती हैं। तो आइये जानते हैं उन पलों के बारे में।
* जब लोग बेवजह उंगली उठाएपापा अकेले में चाहे हमें डांटते हों मगर किसी और को बोलने तक नहीं देते। जब हम उनसे दूर होते हैं और कोई बेवजह उंगली उठाता तो जुबां से बस यही निकलता है 'पापा कहां हो आप'।
* जब चाहिए हो लाइफ एडवाइसज्यादातर बच्चों का लगाव अपनी मम्मी से होता है। मगर जब कोई एडवाइस लेनी होती है तो सभी पापा के पास ही जाते हैं। जिंदगी की कशमकश में फंसे हो तो ऐसा महसूस होता है काश पापा होते और उनकी मैं उनकी सलाह ले पाती।
* जब दिल अकेला महसूस करेंजिंदगी में कई ऐसे मोड़ आते हैं जब लगता है कि कोई हमारे साथ नहीं, उस समय सिर्फ पापा की याद आती है। काश पापा साथ होते उनसे अपने दिल की बातें कर पाते।
* जब मम्मी ना समझे कोई बातजब मम्मी कोई बात ना मानें तो पापा को मना लेना। पापा मान गए तो मम्मी तो समझो मान ही गई। मगर जब पापा साथ ना और मम्मी कोई बात ना समझे तो उनकी बहुत याद आती।
* किसी भी खास मौके परखास मौके जैसे पहली सैलरी या फिर शादी खासतौर पर जब कन्यादान होता है उस समय पापा का ना होना खालीपान का अहसास करवा जाता है।