हर पेरेंट्स की चाहत होती है कि बच्चों को पढ़ा-लिखाकर एक अच्छा इंसान बनाया जाए। लेकिन अक्सर देखा गया हैं कि पेरेंट्स इस बात को लेकर परेशान रहते है कि बच्चे पढ़ाई में अपना मन नहीं लगा पाते हैं। ऐसे में पेरेंट्स को अपने बच्चों को सही गाइड करने की जरूरत होती हैं ताकि वे पढाई में अपना मन लगा सकें और उसे समझ सकें। इसलिए आज हम आपके लिए इससे जुड़े टिप्स लेकर आए हैं कि किस तरह से होमवर्क कराते समय ध्यान देकर बच्चों का पढ़ाई में मन लगाया जा सकें। तो आइये जानते हैं इन टिप्स के बारे में।
होमवर्क करते वक्त बच्चों पर नजरें रखें
जब भी बच्चा होमवर्क करने बैठे तो हमेशा उस पर नजरें रखें। अक्सर बच्चे होमवर्क और पढ़ने के नाम पर स्टडी टेबल पर बैठ जाते हैं, लेकिन उनका दिमाग खेलकूद या कॉपी के लास्ट में कुछ न कुछ खेलते पर रहता है। जबकि अगर आप बच्चों के पास रहेंगे तो वह ऐसा नहीं करेंगे और न चाहते हुए भी उन्हें पढ़ने में मन लगाना पढ़ेगा। अगर संभव हो तो आप खुद भी कोई किताब लेकर बच्चों के साथ बैठें।
उन्हें खुद करने दें अपना काम
बच्चे दिनभर तो खेलते हैं और शाम के वक्त पेरेंट्स के सामने रोते हैं कि वह उनका प्रोजेक्ट पूरा करने में उनकी मदद करें, नहीं तो स्कूल में उन्हें डांट पड़ेगी। पेरेंट्स भी बच्चों का रोना देख उनकी मदद कर देते हैं, जो आगे चलकर बच्चों की कमजोरी बन जाती है। यही नहीं, कई बार बच्चों का अधिक होमवर्क देखकर पेरेंट्स खुद उनके साथ काम बांटने की बात कहते हैं। अगर आप ऐसा करते हैं तो इस आदत को आज से ही बंद कर दें। क्योंकि ये कहीं न कहीं बच्चों को लापरवाह और दूसरों पर निर्भर रहना सिखाता है। बच्चों को अपना काम खुद करने के लिए प्रेरित करें।
बच्चों के आसपास भी न रहने दें गैजेट्स
बच्चों को गैजेट्स बहुत पसंद होते हैं। इतने पसंद कि वह जहां भी जाते हैं गैजेट्स को अपने साथ ले जाते हैं। यही काम बच्चे पढ़ते वक्त भी करते हैं। बच्चों की पढ़ाई में किसी प्रकार का खलल न पड़े इसलिए पेरेंट्स बच्चों को पढ़ाई के लिए अकेले छोड़ देते हैं। जबकि बच्चे बैठकर गैजेट्स का मजा लेते हैं। होमवर्क के दौरान कोशिश करें की बच्चों के पास किसी भी प्रकार के गैजेट्स जैसे कि लैपटॉप, मोबाइल, कैल्कुलेटर वाले वीडियो गेम्स न हों।