5 सितम्बर का दिन पूरे देश में 'शिक्षक दिवस' के रूप में मनाया जाता हैं। इस दिन की महत्ता सभी जानते हैं क्योंकि एक गुरु ही जीवन में सफलता की ओर लेकर जाता हैं और गुरु ही एक सच्चा मार्गदर्शक होता हैं। इसलिए हमेशा अपने गुरु का सम्मान करना चाहिए। लेकिन कभीकभार अनजाने में कुछ ऐसे काम हो जाते हैं, जिनकी वजह से गुरु का अपमान हो जाता हैं। आज हम आपको उन्हीं कामों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनसे गुरु का अपमान होता हैं। तो आइये जानते हैं उन कामों के बारे में।
* जितना दोषी किसी की बुराई करने वाला होता है, उतना ही सुनने वाला भी होता है। किसी के भी सामने गुरु की बुराई न करें। यदि कोई बुराई कर भी रहा है तो वहां से उठकर चले जाना चाहिए।
* शिष्य को गुरु के सामने पैर फैलाकर नहीं बैठना चाहिए। गुरु के सामने शिष्य को किसी दीवार के सहारे भी नहीं बैठना चाहिए।
* शिष्य को सदैव गरु का सम्मान करना चाहिए। शिष्य को कभी भी गुरु के समान आसन पर नहीं बैठना चाहिए। यदि गुरु जमीन पर विराजमान हैं तो शिष्य को भी वहीं बैठना चाहिए।
* गुरु के सामने शिष्य को भूलकर भी अश्लील शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
* गुरु से मिलने खाली हाथ न जाएं, कुछ न कुछ अवश्य लेकर जाएं।
* गुरु के सामने कभी भी धन का प्रदर्शन न करें। जब भी उनके सामने जाएं तो सादे कपड़े पहन कर जाना चाहिए।
* जब भी गुरु का नाम लें तो उनके नाम के आगे आदरणीय या परमपूज्य शब्द अवश्य लगाएं।
* गुरु शिष्य को सत मार्ग पर चलने की शिक्षा देते हैं। जब गुरु ज्ञान दे रहें हों तो आलस्य त्याग कर मन लगाकर सुनें।