कही आप तो नहीं करते जुड़वा बच्चों की परवरिश के दौरान ये गलतियां, पड़ता हैं नकारात्मक असर

हर माता-पिता अपने बच्चों की परवरिश अच्छे से करने की कोशिश करते हैं जो कि कोई आसान काम नहीं हैं। बच्चों की परवरिश के दौरान कई बातों का ध्यान रखते हुए यह सोचने की भी जरूरत हैं कि इनका बच्चों पर क्या असर पड़ता हैं। खासतौर से पेरेंट्स को जुड़वा बच्चों की परवरिश के दौरान ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती हैं क्योंकि इस दौरान की गई आपकी गलतियां बच्चों पर नकारात्मक असर डालती हैं और मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता हैं। पेरेंट्स की इन गलतियों की वजह से बच्चों में हीन भावना भी प्रकट होती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको जुड़वा बच्चों की परवरिश के दौरान होने वाली गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में...

हमेशा दोनों बच्चों की एकसाथ फोटो लेना

आज के समय में बच्चों में भी फोटो खींचने और खिंचवाने को लेकर अलग जोश रहता है। पेरेंट्स कई बार यह गलती कर बैठते हैं कि वे दोनों बच्चों की एकसाथ ही फोटो लेते हैं। आपको बच्चों की एकसाथ फोटो लेने के साथ ही उनकी अलग-अलग तस्वीरें भी लेनी चाहिए। जुड़वा बच्चों की तस्वीर लेते समय माता-पिता को इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए।

बच्चों को पहचानने में दिक्कत

कई जुड़वा बच्चे दिखने में एकसमान ही होते हैं ऐसे में पेरेंट्स को उनको पहचानने में गलती नहीं करनी चाहिए। कई बार जुड़वा बच्चों में से किसी एक की गलती होने पर आप पहचानने में दिक्कत होने पर दूसरे को सजा दे बैठते हैं और ऐसा करना आगे चलकर उनके लिए खतरनाक हो जाता है। बच्चों की पहचान को लेकर हमेशा आपको कुछ ऐसे तरीके अपनाने चाहिए जिसकी वजह से उनको पहचानने में कोई दिक्कत न हो।

जुड़वा बच्चों की प्राथमिकताएं खुद तय करना

अक्सर पेरेंट्स यह गलती करते हैं कि वे जुड़वा बच्चों की प्राथमिकताओं को खुद तय करते हैं या मिक्स कर देते हैं। दोनों बच्चे बड़े होकर करियर में क्या करना चाहते हैं या उनको कौन सी चीजें पसंद हैं इसका निर्णय आप उन्हें खुद लेने दें। दोनों बच्चों की प्राथमिकता खुद से तय करने पर उनके ऊपर बुरा असर हो सकता है।

बच्चों को एक ही चीजें शेयर करने के लिए कहना

कई बार जुड़वा बच्चों की परवरिश के दौरान माता-पिता उन्हें एक ही चीज शेयर करने के लिए कहते हैं। पेरेंट्स कई बार बच्चों को एक ही खिलौने शेयर करने के लिए देते हैं या उन्हें कपड़ों को आपस में शेयर करने के लिए कहते हैं। देखने में यह बहुत अच्छा लगता है कि इससे बच्चों में आपसी प्रेम और सहयोग की भावना पैदा होगी लेकिन ऐसा होता नहीं है। बच्चे जब छोटे होते हैं तो उन्हें यह बात समझ में नहीं आती है। कई बार बच्चों में आपस में किसी चीज के लिए बहस या झगडा भी हो सकता है। बच्चों को एक ही चीज आपस में शेयर करने के लिए फोर्स करने से उनमें आपके प्रति नकारात्मक भावना पैदा हो सकती है या आपस में उनमें प्रेम कम हो जाता है इसलिए पेरेंट्स को ऐसा करने से बचना चाहिए।

ट्विन स्टीरियोटाइप्स ब्रेक करना जरूर सिखाएं

अक्सर माता-पिता जुड़वा बच्चों को लेकर बहुत प्रोटेक्टिव होते हैं लेकिन समाज में उन्हें स्टीरियोटाइप्स का सामना करना पड़ता है। जुड़वा बच्चों के माता-पिता को उनकी परवरिश के दौरान उन्हें इस चीज से जूझने के बारे में जरूर बताना चाहिए। ट्विन स्टीरियोटाइप्स ब्रेक करना सिखाने से उनके अंदर आत्मविश्वास की भावना पैदा होती है। ऐसे बच्चों के साथ पेरेंट्स को मजाक में भी ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए जिसकी वजह से उनके मानसिक सेहत पर असर हो।