बच्चों के प्रीबोर्ड एग्जाम शुरू होने वाले हैं, परीक्षा का टाईमटेबल आते ही बच्चो के लिए नए नए नियम शुरू हो जाते हैं। उनकी पूरी दिनचर्या तय कर दी जाती है कि बच्चा कब उठेगा, कब खायेगा, कब खेलेगा, कब पढेगा, यहां तक कि कब सोएगा भी। स्कूल की परीक्षा के समय बच्चों को बहुत डर लगता है। लेकिन सही योजना और सकारात्मक सोच के साथ परीक्षा की तैयारी की जाए तो कुछ हद तक डर कम किया जा सकता है। परीक्षा से पहले और उसके दौरान विद्यार्थी कैसे तनाव से बच सकते हैं आइये जानते हैं।
तनाव को पहचानिएतनाव का तोड़ तभी तलाशा जा सकता है, जब आपको उसके लक्षणों को पहचानना आता हो। आपको पता होना चाहिए, तनाव किस रूप में आप पर असर करता है। अचानक से ब्लड प्रेशर या दिल की धड़कनों का बढ़ जाना, जरूरी न होने पर भी जोर-जोर से बोलना या चिल्लाना, अकसर चिड़चिड़ा रहना, धैर्य की कमी और अकसर गलत फैसले लेना आदि इस बात की निशानी है कि आप तनाव में हैं।
हेल्दी और फ्रेश खाना खाएपरीक्षा के दिनों में बच्चों को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है इसलिये उन्हें स्वास्थ्यवर्धक आहार का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी भी जरूर पीना चाहिए इससे दिमाग तर रहता है। ताजा, हल्का और घर का बना खाना बच्चों का एनर्जी लेवल और एकाग्रता बढ़ाता है। इस तरह का आहार न केवल बच्चों को स्वस्थ रखता हैं बल्कि तनाव भी कम करता है।
दिमाग को ज्यादा से ज्यादा आराम करवाएंपरीक्षा के दिनों में लगातार पढ़ना और देर रात तक जागना शारीरिक व मानसिक रूप से नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए शरीर और मस्तिष्क को आराम देने के लिए पूरी नींद लें। पर्याप्त आराम करने से स्मृति और एकाग्रता सही रहती है।
बॉडी को स्ट्रेच करेंएक ही अवस्था में देर तक बैठकर पढ़ने से नुकसान हो सकता है इसलिए पढ़ाई के बीच में ब्रेक लेकर बॉडी को स्ट्रेच करें। इस साधारण से स्ट्रेच से मसल्स का तनाव कम होता है और पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में चमत्कारिक सुधार होता है।
अभिभावक ध्यान दें परीक्षा का तनाव अगर छात्रों को परेशान कर रहा है तो उनसे बात करें। डॉक्टरों का कहना है कि इन दिनों विद्यार्थी स्कूल से ज्यादा घर में रहता है। परीक्षा का दबाव भी होता है। ऐसे में कई बार वह इसे बोल कर जाहिर नहीं कर पाता है। लेकिन अगर कोई शारीरिक परेशानी हो रही है तो अभिभावकों को उस पर ध्यान देना चाहिए।