क्या आपके बच्चे भी स्कूल जाने से डरते है, अपनाए ये उपाय

क्या आपके बच्चे भी स्कूल जाने के नाम से डरते है, क्या आपके बच्चे भी स्कूल जाने को लेकर ये कहते है कि मुझे स्कूल नहीं जाना या मेरा मन नहीं है। ऐसी बातें बच्चे अक्सर स्कूल न जाने के लिए कहते हैं। कई बार तो छोटे बच्चे स्कूल जाने के डर से रोने लगते हैं और अंत में उनका रोना देखकर पेरेंट्स उन्हें स्कूल नहीं भेजते हैं लेकिन कई बार पेरेंट्स के मन में ये सवाल आता है कि आखिर उनका बच्चा स्कूल जाने से इतना डरता क्यों है। इसके अलावा कुछ पेरेंट्स ऐसे भी होते हैं, जो बच्चे के डर और स्कूल न जाने के पीछे के कारण को समझने की जगह उन्हें मारकर-पीटकर स्कूल भेजते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उनका बच्चा झूठ बोल रहा है या बहाने बना रहा है लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि आपके बच्चे को स्कूल के माहौल, दोस्तों या टीचर की वजह से भी स्कूल जाने में डर लग सकता है। इसके अलावा कई बार बच्चे अपने पेरेंट्स को छोड़कर स्कूल में एडजस्ट नहीं कर पाते हैं। छोटे बच्चों के लिए बहुत मुश्किल होता है। इस आर्टिकल के जरिये हम आपको ये ही बताएंगे कि बच्चों के स्कूल जाने के डर का कारण क्या है और ये डर कैसे निकाले ?

फैमिली से दूर होने का डर

बच्चा जन्म से लेकर 2-3 साल की उम्र तक केवल अपने परिवार वालों के साथ ही समय बिताता है। ऐसे में बाहरी लोगों या स्कूल रूटीन को फॉलो करना उनकी दिनचर्या का हिस्सा नहीं होता है, तो उन्हें नए लोगों को देखकर या अन्य बच्चों के साथ भी असहज महसूस हो सकता है। अपने पेरेंट्स से दूर रहने के बारे में सोचकर ही कई बच्चे रोने लगते हैं। जिसके कारण बच्चे काफी तनाव लेने लगते हैं।

बाहरी लोगों से डर

पहली बार जब बच्चे घर से स्कूल के लिए जाते हैं, तो उन्हें लोगों का भी डर होता है क्योंकि वह बाहरी लोगों से खुलकर अपनी बात कहने में सक्षम नहीं होते हैं। वह दूसरे बच्चे से बात करने या टीचर के कुछ पूछने पर भी रोने लगते हैं। इसके अलावा उन्हें स्कूल के नियमों का पालन करने में भी परेशानी हो सकती है।

खुद को दूसरे बच्चों से कम समझना

स्कूल के शुरूआती दिनों में बच्चे अपने दोस्तों या क्लास के बच्चों के साथ हर बात पर कॉम्पिटीशन करते हैं। चाहे फिर पढ़ाई हो या खेल वे आगे रहने की कोशिश करते हैं और ऐसा करना सही भी है लेकिन कई बार हार जाने या न कर पाने के डर से भी बच्चे स्कूल जाने से मना करते हैं। वह अपनी तुलना में अपने साथियों को बेहतर समझने लगते हैं। इसके अलावा अगर बच्चे को अन्य बच्चों की तुलना में सीखने में अधिक समय लगता है, तो वे डरने लगते हैं।

कॉन्फिडेंस में कमी

बच्चों का मन बहुत कोमल होता है। स्कूल के पहले दिन अगर उनके साथ कोई बात हो जाए या कुछ गलत हो जाएं तो वे स्कूल न जाने का मन बना लेते हैं। उनके मन में कॉन्फिडेंस की कमी हो सकती है और वे रोज स्कूल जाने से भी डरने लगते हैं। यहीं नहीं इस डर के कारण बच्चे कुछ नया करने से भी डरने लगते हैं क्योंकि वह असफल नहीं होना चाहते हैं लेकिन साथ ही पेरेंट्स को बच्चे को यह समझने की जरूरत होती है कि बिना कोशिश किए वे सफल नहीं हो सकते हैं।


बच्चों को ऐसे करें तैयार-

1. एक पेरेंट्स के तौर पर आप हमेशा बच्चे से बात करें, हमेशा उनसे उनके दोस्त बनकर उनसे बात करें। उन्हें अपने स्कूल और स्कूल की मस्ती के बारे में बताएं। उन्हें समझाने की कोशिश करें कि स्कूल बहुत मजेदार जगह है और उन्हें स्कूल जाकर खुशी मिलेगी।

2. सबसे पहले एक पेरेंट्स के तौर पर आपको ये समझने की जरूरत होती है कि जितना आप इस समस्या को इग्नोर करेंगे या बच्चे पर दबाव बनाएंगे। इन कारणों से समस्या और बढ़ती जाएगी।

3. आप उन्हें खुद स्कूल लेने और छोड़ने जाएं और उनसे रोजाना स्कूल के बारे में बात करें और कुछ गलत होने पर भी उन्हें इस बारे में प्यार से समझाएं ताकि वे अपनी कमियों और गलतियों को पॉजिटिव तरीके से लें।

4. अगर बच्चे को स्कूल के किसी खास शख्स या टीचर की डांट से डर लग रहा है, तो आपको संबंधित व्यक्ति से बात करनी चाहिए और बच्चे की मदद करने की कोशिश करनी चाहिए।

5. इसके अलावा आप बच्चे के दोस्त बनाने में मदद करें और उनके दोस्त के साथ उन्हें खेलने और कुछ क्रिएटिविटी करने का मौका दें ताकि वह स्कूल जाने के लिए उत्साहित रहें और दोस्त के साथ खुश रहें।

6. इसके अलावा हमेशा उनके दोस्त बनकर उनसे बात करें ताकि वह अपनी सारी बातें आपसे शेयर कर सकें। इसके अलावा उन्हें स्कूल के लिए सभी तरह की नई चीजें लाकर दें। जैसे बोतल, बैग और लंच बॉक्स।