इस तरह बनाए रखें अपने रिश्ते की डोर को मजबूत, कभी नहीं आएगी दूरियां

आज की जीवनशैली में घर और औफिस की बढ़ती जिम्मेदारियों को निभाना यों तो आसान लगता है किंतु वास्तव में आसान है नहीं। स्वस्थ मानसिकता के अभाव में इस रिश्ते को निभाने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन इन समस्याओ के बावजूद भी पति-पत्नी के रिश्ते की डोर मजबूत कैसे रखी जाये उसके लिए जानते है उनके रिश्ते की परफेक्ट एबीसीडी-

- इस रिश्ते की नींव के ए का मतलब है-एडमायर

यानी एक दूसरे की प्रशंसा करना।पति पत्नी एकदूसरे की अच्छी बातों के लिए तारीफ करने में कंजूसी बिलकुल नहीं करनी चाहिए.एकदूसरे को कौंप्लिमैंट दें.एकदूसरे की ड्रैस सैंस की तारीफ करें।

बी- बी का अर्थ है, बिलीव

यानी विश्वास।कच्चे धागो पर टीके इस रिश्ते को विश्वास के आधार की जरूरत होती है. विश्वास के आधार पर रिश्ते में मिठास भरें.एक दूसरे पर छोटी छोटी बातो पर शक करके अपने रिश्ते को कमजोर न बनाये।

सी- सी का मतलब है,कम्युनिकेशन

यानी एक दूसरे से बाते शेयर करना। ध्यान से समझे तो पति-पत्नी के रिश्ते में कई रिश्ते समायें हुए है. जैसे कभी एक दूसरे के दोस्त बनकर अपने सुख दुःख बाटते है तो कभी एक दूसरे के पेरेंट्स बनकर एक दूसरे को सही राह दिखाते है. लेकिन ये सब कुछ उनके सही दिशा में होने वाले कम्युनिकेशन पर निर्भर करता है.

डी- डी का अर्थ है डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ़ रिस्पांसिबिलिटी

यानी पतिपत्नी आपस में अपनी जिम्मेदारियों को बाँट ले और मन से उनको पूरा करें। इन् सब जिम्मेदारियों को निभाते-निभाते ये भी ध्यान रखें कि एक-दूसरे की केयर करना न भूलें।