आज के समय में देखा जाता हैं कि पेरेंट्स अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए स्कूल के अलावा ट्यूशन भेजना पसंद करते है जिसके पीछे कई कारण हो सकते है। लेकिन इस दौरान पेरेंट्स को कई बातों को ध्यान रखने की जरूरत होती हैं। ऐसा नहीं है कि आपने उन्हें ट्यूशन भेज दिया तो आपकी जिम्मेदारी यहीं समाप्त हो जाती हैं। आज हम आपको बताने जा रहे है कुछ जरूरी बातों के बारे में जिनका आपको जरूर ध्यान रखना चाहिए। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
ट्यूटर कैसा है
ट्यूटर चाहे वह कोचिंग सेंटर का हो या घर का ट्यूशन पढ़ाने वाला हो, वह अपने पढ़ाने वाले विषय में मास्टर हो। घर पर पढ़ा रहा है तो बीच-बीच में चक्कर लगा कर देख लें कि वह ठीक से पढ़ा रहा है या नहीं। कुछट्यूटरबच्चों को पढ़ाने की जगह गप्पबाजी में लग जाते हैं। वह अपना पूरा समय इसी में निकल देते हैं। इसके अलावा यदि कोचिंग सेंटर भेज रहे हैं तो भी बीच-बीच में अचानक जाकर देखें कि ट्यूटर ठीक पढ़ा रहा है या नहीं।
उसका चरित्र व स्वभाव
बच्चे उसी शिक्षक से पढऩा पसंद करते हैं जो उन्हें समझा कर ठीक से पढ़ाते हैं। कई बार देखने को मिला है कि शिक्षक बच्चियों का यौन शोषण भी करते हैं। अत: ऐसे में उसके चरित्र के बारे में जानकारी लेना बहुत जरूरी है। इसका अलावा ध्यान रखें कि ट्यूटर बच्चे को ज्यादा ना मारते हो। गलती करने पर कठिन सजा ना देते हो। ट्यूटर का स्वभाव विनम्र होना चाहिए।
पढ़ाई का माहौल
कई बार ऐसा होता है कि अभिभावक तीन-चार बच्चों को मिलाकर ट्यूशन लगवा लेते हैं। ऐसे में वहां का माहौल पढ़ाई वाला होना चाहिए। चाहे वह आपका घर हो या किसी और का, इस बात ध्यान रखना जरूरी है कि टीवी तेज आवाज में नहीं चलना चाहिए अथवा जहां बच्चे पढ़ रहे हों वहां जोर-जोर से बातें नहीं होनी चाहिए। यानी पढ़ाई का सही माहौल होना जरूरी है।
दोस्तों पर रखें नजर
आपके बच्चे के साथ दोस्त कैसे हैं इस पर ध्यान देना जरूरी है। यदि वे पढ़ाई-लिखाई में कमजोर हैं और गलत संगत में भी हैं तो आपके बच्चे का नुकसान हो सकता है। अत: साथी दोस्त जो पढ़ाई कर रहे हैं उनका सही होना जरूरी है।
टाइम टेबल बनाएं
बच्चों को कोचिंग या ट्यूशन के अलावा सेल्फ स्टडी व स्कूल में मिला होमवर्क करने की भी जरूरत होती है। अत: सभी बातों का ध्यान रखतेे हुए टाइम टेबल बनाएं। उसे बच्चों के साथ साझा करें। एक घंटा फ्रेश होने के लिए खेलने का टाइम अवश्य रखें। इसके अलावा मोबाइल टीवी आदि पर 1 घंटे से अधिक प्रयोग में न लाने दें।
बच्चों के लिए समय निकालें
माता-पिता के लिए यह बात बहुत जरूरी है कि तमाम व्यस्तताओं के बावजूद, बच्चों के लिए समय निकालें। अगर आप बच्चों को कोचिंग करा के निश्चिंत होना चाहते हैं तो यह सही नहीं है। यानी सिर्फ ट्यूशन पर ही डिपेंड ना रहें। प्रतिदिन कोचिंग सेंटर या ट्यूटर ने क्या पढ़ाया है, इस बात की जानकारी रखें। बच्चे को पढ़ाया हुआ विषय समझ में आ रहा है या नहीं यह अवश्य जाने। बच्चे के साथ गुस्से वाला रुख ना अपनाएं। अन्यथा वह डर कर अपने मन की बात नहीं बताएंगे।