हर पेरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा जीवन में खूब तरक्की करें और अपना नाम बनाएं। लेकिन इन बड़ी सफलताओं को हासिल करने के लिए बच्चों को मोटिवेशन की जरूरत पड़ती ही हैं ताकि वे सही दिशा में अग्रसर होते हुए अपने लक्ष्य को हासिल कर सकें। पैरेंट्स के कुछ शब्द और प्रभावी ढंग से की गई प्रशंसा बच्चों को कई तरह से फायदा पहुंचा सकती है। जिन बच्चों को मोटिवेट नहीं किया जाता, उनके अंदर हीनभावना और असुरक्षा की भावना घर कर जाती है। बच्चे उत्साहित महसूस करते हुए सभी परिस्थितियों का आशावादी रूप से सामना कर पाएं इसीलिए पॉजिटिव सेल्फ टॉक ज़रूरी है। इसलिए आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप बच्चों को मोटिवेट कर पाएंगे। आइये जानते हैं इन तरीको के बारे में...
बताएं उनकी स्ट्रेंथबच्चों की तारीफ करना उन्हें और बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है। बच्चे को लगातार उसके स्ट्रॉन्ग पॉइंट के बारे में बताते रहे। इससे कॉन्फिडेंस बिल्डिंग में काफी मदद मिलती है। यह हमेशा स्वीकार करना महत्वपूर्ण है कि आपके बच्चे ने किसी चीज़ के लिए प्रयास किए, चाहे उसका अंतिम परिणाम कुछ भी हो। यह आपके बच्चे को हमेशा असफलता से निपटने में मदद करेगा और उसे कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करने में मदद करेगा। बच्चे में मायूसी ना आए और लाइफ में वह एक नई ऊर्जा और पहले से कहीं ज़्यादा मेहनत और सकारात्मकता के साथ कदम बढ़ाए तो इसमें माता-पिता का रोल बहुत अहम है।
ईमानदारी दिखाएंहम कभी-कभी अपने बच्चों के आत्मसम्मान को बढ़ाने, उन्हें प्रेरित करने, किसी व्यवहार को प्रोत्साहित करने या उन्हें आहत करने वाली भावनाओं से बचाने के लिए जानबूझकर उनकी प्रशंसा करते हैं। हालांकि, अगर एनकरजमेंट शब्दों को ईमानदार और सच्चाई से उपयोग नहीं किया जाए तो बच्चे बहुत प्रोत्साहित महसूस नहीं करेंगे। निष्ठाहीन प्रशंसा न केवल अप्रभावी होती है, बल्कि हानिकारक भी हो सकती है।
मेहनत का इनाम देंअगर बच्चा खेल या फिर पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन कर रहा हो, तो आप उसकी प्रशंसा करने के साथ-साथ उसे इनाम भी दें। यह बच्चों को मोटिवेट करने का अच्छा तरीका है। ऐसा करने पर आपका बच्चा कड़ी मेहनत करेगा, क्योंकि उसे पता है कि मेहनत का उसे इनाम मिलेगा। इनाम सिर्फ पैसे या गिफ्ट देकर नहीं होता बल्कि आप बच्चे को गले लगाएं, उसे एहसास दिलाएं कि आपको उन पर गर्व है। साथ ही, दूसरों के सामने अपने बच्चे की तारीफ करें और उसकी पॉज़िटिव बाते लोगों को बताएं। जब आपका बच्चा ऐसी बातें सुनेगा, इससे वह मोटिवेट तो होगा ही, साथ ही उससे भी ज्यादा बेहतर करने की कोशिश करेगा।
पॉजिटिव शब्दों पर हो ज़ोरबच्चों को ये सिखाए कि दिनभर में कोशिश करें कि कोई भी शब्द या सेंटेंस ना बोलें जो नेगेटिव हो। कुछ बच्चे बात बात पर शिकायत करने वाले या बहुत जल्दी हार मान जाने वाले होते हैं। बच्चों को सिखाएं कि कैसे हर मुश्किल से मुश्किल सिचुवेशन का सामना किया जा सकता है। धीरे-धीरे आप खुद महसूस करेंगे कि बच्चों पर छोटी लग रही इन बातों का बड़ा असर पड़ता है। यकीन मानिए पॉजिटिव रहने की आदत उनकी लाइफ को बेहतरीन बना सकती है।
कोशिशों की तारीफ करेंजब किसी कार्य को करने के प्रयासों के लिए बच्चों की प्रशंसा की जाती है, तो वे सफलता का श्रेय अपने प्रयासों को देना सीखते हैं क्योंकि प्रयास एक ऐसा गुण है जिसे नियंत्रित करने और सुधारने की शक्ति हम सभी के पास है। इससे बच्चे परिणाम प्राप्त करने के बजाय अभ्यास या कौशल विकसित करने के प्रयास में अधिक ध्यान केंद्रित करेंगे।
क्षमताओं पर रखें नजरहर बच्चा एक जैसा नहीं होता और हर किसी की क्षमताएं भी समान नहीं होती। ऐसे में आप आंकलन करें कि आपके बच्चे की खासियत क्या है? चाहे पढ़ाई की बात हो या खेल की या फिर कलात्मक प्रतिभा की, आपको उसकी प्रतिभा के हिसाब से उसे मोटिवेट करना चाहिए। इससे बच्चा उस क्षेत्र विशेष में बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम होगा। इसके लिए बच्चे से समय-समय पर बातचीत करें और उसकी समस्याओं का समाधान करने की कोशिश करें। ऐसे छोटे-छोटे तरीकों से आप अपने बच्चे को मोटिवेट कर सकते है।