मां-बेटी का रिश्ता ऐसा होता हैं जिसमें दोनों एक-दूसरे के कई राज जानते हैं और उन्हें छिपाने में पूरी मदद करते हैं। यह रिश्ता अच्छी दोस्त से भी ज्यादा क्लोज होता हैं, जिसमें सभी बातें शेयर की जा सकती हैं। हांलाकि बेटी की शादी के बाद दोनों में दूरियां आ जाती हैं लेकिन प्यार और बढ़ जाता हैं। ऐसे कई मौके आते हैं जब एक शादीशुदा बेटी को अपनी माँ की बहुत ज्यादा याद आती हैं। तो आइये जानते हैं उन पलों के बारे में जब एक बेटी अपनी माँ को याद करती हैं।
* मां के हाथ का खानाभले ही लड़की खाना बनाने में कितनी ही एक्सपर्ट क्यों न हो लेकिन ससुराल में तरह-तरह का स्वादिष्ट पकवान बनाते समय वह अपनी मां के हाथों के बने पकवान के स्वाद को जरूर याद करती हैं।
* जब सामान न मिलेअगर मां को कही बार जाना होता तो वह फोन करके पहले ही बता देती है कि तुम्हारे कपड़े व खाना बना रखा हैं, टाइम पर खा लेना लेकिन शादी के बाद खुद ही सभी बातों का ध्यान रखना पड़ता। बस इसी पल को याद करते हुए बेटी सोचती है कि मां होती तो कितना अच्छा होता।
* बीमारी के दिनबीमार बच्चे होते है लेकिन सारा दिन व रात चिंता में मां रहती है। समय-समय पर खाना व दवाइयां देती है लेकिन शादी के बाद सब बदल जाता है। शादी के बाद तपते बुखार में भी खुद ही सब कुछ करना पड़े तो बेटी अक्सर सोचती है कि बस जल्दी से मां आ जाए और गोद में सिर रखकर सुला दे।
* सुबह जल्दी उठनाशादी से पहले जब मां बार-बार आवाज लगाकर उठाती थी तो बेहद गुस्सा आता था लेकिन शादी के बाद मां की यहीं आवाज सुनने के लिए कान तरस जाते है क्योंकि मां की तरह प्यार से उठाने वाला कोई नहीं मिलता।
* जब नखरे करने न मिलेमां अपने बच्चे के हजार नखरे भी सह लेती है लेकिन ससुराल में ऐसा बिल्कुल नहीं होता। मां से तो हम जिद्द करके कुछ भी बनवा लेते है लेकिन कोई मां की तरह उसे पूरा करने वाला नहीं मिलता तो तब याद आता है कि काश मां होती सभी ख्वाहिशे झट से पूरी कर देती।