होली रंगों का त्योहार है इस खास मौके पर बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी
उत्साहित रहते हैं। बच्चे किसी भी त्योहार को लेकर अति उत्साह में रहते
हैं। पिचकारी और रंग लेकर वो सड़कों पर निकल जाते हैं। लेकिन इस उत्साह के
साथ वे ये भूल जाते है जो उन्हें नहीं करना चाहिए, ऐसे में आपकी लापरवाही
आपके और बच्चों के उत्साह में खलल डाल सकती है। इसके लिए आपको कई
सावाधानियां बरतने की जरूरत है ताकि बच्चों का यह त्योहार खुशियों से भरपूर
हो। आइए जानते हैं होली के दौरान बच्चों को लेकर किस तरह की सावधानी बरतनी
चाहिए।
गुब्बारों से दूर रखेंपानी से व रंगों से भरे गुब्बारों से होली खेलने में बच्चों को बहुत मजा आता है। लेकिन ये आनंद कहीं दर्द में न बदल जाए इसका ख्याल आपको रखना है। इसके लिए आप बच्चों को गुब्बारे से न खेलने की सलाह दें जबकि उन्हें पिचकारी से खेलने की सलाह दीजिए।
केमिकल कलर से बचाएं
आजकल अधिकांश केमिकलयुक्त रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। केमिकलयुक्त रंग बच्चों की आंखों में पहुंचकर नुकसान न पहुंचाएं इसके लिए बच्चों को कलरफुल और फंकी गॉगल्स पहनाएं। इससे बच्चे स्टाइलिश भी दिखेंगे । इसके अलावा बच्चों को फुल बांह के कपड़े पहनाएं। त्वचा ढंकी रहने से वह कलर्स के संपर्क में कम आएंगे।
ऑर्गेनिक कलर का इस्तेमाल ऑर्गेनिक कलर, केमिकल फ्री होते हैं। होली खेलने के दौरान अगर रंग मुंह में चला जाए तो ये खतरनाक साबित हो सकता है। सिंथेटिक कलर हो या फिर ऑर्गेनिक कलर मुंह में चले जाने के कारण फूड प्वॉाजनिंग और इंफेक्शन होने का खतरा रहता है।
तेल का इस्तेमालहोली खेलने से पहले बच्चों पूरे शरीर पर सरसो का तेल लगा लें। खास कर के हाथ और पैरों में, क्योंकि ये अंग रंगों से सीधे संपर्क में आते हैं। तेल से बच्चों की त्वचा सुरक्षित रहेगी और रंग भी इससे आसानी से हट जाते हैं।