दोस्ती का रिश्ता ऐसा होता हैं जो इस दुनिया के अनमोल रिश्तों में गिना जाता हैं और इसे इंसान खुद चुनता हैं। हर किसी के जीवन में कोई न कोई ऐसा दोस्त होता ही है जिससे आप अपनी सभी बातें शेयर कर सकें। इसी दोस्ती को समर्पित करते हुए हर साल अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे के रूप में सेलिब्रेट किया जाता हैं जो कि इस बार 7 अगस्त को पड़ रहा हैं। हर कोई चाहता हैं कि दोस्ती का यह रिश्ता अटूट बना रहे और कभी भी इस रिश्ते में दरार ना आए। लेकिन कई बार दोस्ती में कुछ चीजें ऐसी आ जाती हैं जो इस रिश्ते में खटास ला सकती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको उन्हीं बातों की जानकारी देने जा रहे हैं जो कभी भी दोस्ती के रिश्ते के बीच नहीं आनी चाहिए। आइये जानते हैं इसके बारे में...
दोस्त से झूठ न बोलें
दोस्ती का पहला रूल है विश्वास। किसी भी रिश्ते की नींव विश्वास पर टिकी होती है। इसलिए कभी ऐसा कोई काम न करें, जिससे आपके दोस्त का भरोसा आप पर से उठ जाए। अपने मित्र के साथ रिश्ता पूरी ईमानदारी से निभाएं और इस तरह का भरोसा बनाकर रखें, कि जब कोई आप पर विश्वास न करे, तब भी आपका दोस्त आपकी हर बात का यकीन करे।
पैसों की दोस्ती से दूर रहें
दोस्ती के रिश्ता निस्वार्थ होना चाहिए। कभी भी दोस्त का फायदा न उठाएं। हो सकता है कि आपको आर्थिक मदद की जरूरत हो, लेकिन दोस्ती में पैसों को कभी न लाएं। क्योंकि जब आप अपनी जरूरतों के लिए दोस्त और उसके पैसों पर निर्भर होने लगते हैं, तो दोस्ती टूटने की कगार पर आ सकती है। दोस्ती इंसान की इंसानियत को देखकर की जाती है और ये पैसों से कहीं बड़ी होती है। सच्चे दोस्त पर आपकी हैसियत का कोई फर्क नहीं होता। जो लोग आपका धन और रुतबा देखकर दोस्ती करते हैं, वो कभी आपके मित्र नहीं हो सकते।
अनदेखा ना करें
कई बार हम ग्रुप में या अन्य दोस्तों के कारण उन दोस्तों का अनदेखा कर देते हैं, जो आपसे दिल से जु़ड़े होते हैं। ऐसे में आपका अनदेखा करना, उनकर दिल दुखा सकता है। बार-बार ऐसा होने व दोस्त के मन में आपके प्रति गलतफैमी पैदा हो सकती है, जो रिश्ते में दरार का कारण बनती है। दोस्तों को कभी अनदेखा न करें। वे आपसे भावनात्मक रूप से जुड़े हैं, इसीलिए आपके दोस्त हैं। उनकी अहमियत को समझें, और गलती का एहसास होने पर उनसे माफी जरूर मांगें। कहीं ऐसा न हो कि, आप इस गलती को दोहराने के कारण एक अच्छा दोस्त खो दें।
बातें न छुपाएं
जीवन में आपके कई सारे दोस्त बनते हैं, लेकिन हर किसी के साथ वो बॉन्डिंग नहीं होती, कि आप उनसे हर बात कह सकें। ऐसे दोस्त गिने चुने ही होते हैं। अगर आपके पास ऐसा दोस्त है, तो उसकी हमेशा कद्र करें। जब कभी भी आप मुंश्किल में हों, तो उससे मन की बात को शेयर करें। छिपाने का प्रयास न करें। आपके इस प्रयास को वो हर हाल में समझ लेगा और उसे आपके छिपाव वाले बर्ताव का बुरा लगेगा। आपका मित्र आपके मुश्किल समय में कभी भी गलत सलाह नहीं देगा, इसलिए अपने मन की दुविधा को उससे शेयर जरूर करें।
दोस्त की मदद करने से पीछे न हटें
दोस्ती का एक मतलब हर दुख सुख में साथ देना है। ऐसे में जब दोस्त को आपकी सबसे ज्यादा जरूरत हो, तो कभी मदद से पीछे न हटें। दोस्त से वादा करें कि उनकी हर परेशानी में संभव मदद करेंगे। इस वादे को निभाएं। हो सकता है कि दोस्त की मदद करने के लिए आपके पास पर्याप्त साधन न हों, लेकिन मानसिक तौर पर आप दोस्त को कमजोर और अकेला न पड़ने दें। आपकी साफ नियत दोस्ती को मजबूत बनाएगी और मदद के नाम पर दोस्त को इग्नोर करने पर दोस्ती खत्म होने की कराग पर आ जाएगी।
मर्यादा की सीमा का रखें ध्यान
हर रिश्ते की अपनी एक मर्यादा होती है। दोस्ती में भी यह बात सही बैठती है। इसलिए भूलकर भी दोस्ती में मर्यादा को पार न करें। अगर आप मर्यादा की सीमाएं लांघने लगते हैं तो फिर दोस्ती का रिश्ता धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगता है।
हर बात पर ना रहें निर्भर
अक्सर आपने ध्यान दिया होगा की अधिकतर लोग अपने छोटे-छोटे काम दोस्त से बोलकर करवा लेते है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें, कि हर काम के लिए दोस्तों पर निर्भर रहना सही नहीं है। ऐसा करने से आप अपने दोस्त पर बोझ डालते है और शायद भले ही आपका दोस्त आपको यह बात नहीं बता पाए, लेकिन ये गलत आदत आपके रिश्ते में दरार पैदा कर देती है। ऐसे में हमेशा ध्यान रखें कि दोस्तों पर निर्भर कम रहे और जब बहुत जरुरी कोई कार्य हो तभी उनकी सहायता लें।
सही मार्ग दिखाएं
सच्चा मित्र वही होता है जो हमेशा सही रास्ता दिखाए। ऐसे दोस्त किसी आभूषण से कम नहीं होते हैं। दूसरी ओर, जो दोस्त गलत रास्ते पर जाने के लिए प्रेरित करें, वे आपके दुश्मन से भी बुरे होते हैं। ऐसे दोस्तों से सदैव सतर्क रहना चाहिए।