इन बातों का ध्यान रख करें बच्चो की परवरिश, मिलेंगे सकारात्मक परिणाम

किसी भी माता-पिता के लिए बच्चों की परवरिश सबसे अहम और बड़ी ज़िम्मेदारी होती है। बच्चों की ज़रूरतें पूरी करना ही ज़रूरी नहीं होता, बल्कि उन्हें पर्याप्त समय भी देना पड़ता है। बच्चों की परवरिश कोई आसान काम नहीं है। आज के अत्याधुनिक युग में तो यह हर किसी के लिए चैलेंज है। सामाजिक स्थितियों को देखें तो आज लोगों में विश्वसनीयता की कमी है। कोई इंसान किसी पर विश्वास नहीं करना चाहता। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारियां भी काफी बढ़ जाती है। इन आसान परेंटिंग टिप्स को अपनाकर आप आसानी से बच्चों की परवरिश कर सकती हैं और खुद को खुश भी रख सकती हैं।

बच्चे के दोस्त बनें

बच्चे का विकास तेजी से होता है, चाहे वो शारीरिक हो या मानसिक। इसलिए उम्र के हिसाब से बच्चे को समझने की कोशिशि करें। बच्चे की निर्णय क्षमता को विकसित करें। उसका मष्तिस्क ऐसा विकसित हो जिससे उसे आपके साथ किसी भी बात को साझा करने में हिचक ना हो। एक समय आता है जब बच्चे को सच्चे दोस्त की जरूरत होती है। यह वह समय होता है जब बच्चा कॉलेज में पढ़ रहा होता है। यह किसी की जिंदगी का अहम मुकाम होता है। बच्चे को करियर चयन में मदद करना। लक्ष्य प्राप्ति के लिए उसके अंदर जूनून पैदा कर उसे पूरी ईमानदारी के साथ आगे बढ़ने में मदद करें।

ओवर केयरिंग से बचें

बच्चे की देखभाल करते-करते महिलाओं को पता ही नहीं चलता कि वे बच्चे के लिए ओवर केयरिंग हो जाती हैं और हर वक्त उसके साथ बनी रहना चाहती हैं। बहुत सी महिलाएं बच्चे की देखभाल के मामले में किसी पर भरोसा नहीं करतीं हैं, बच्चों के दादा-दादी पर भी नहीं, इससे उनकी मुश्किलें बढ़ जाती हैं। अकेले बच्चे की देखभाल करने से जहां महिलाओं को अपने लिए स्पेस नहीं मिल पाता, वहीं बच्चा भी घर-परिवार के दूसरों से लोगों से बातचीत करना सीख नहीं पाता। बच्चे के लिमिटेड एक्सपोजर की वजह से उसकी स्किल्स तेजी से विकसित नहीं होतीं।

अपनी मर्जी कभी न थोपें

आपका बच्चा जो बनना चाहे, उसे वही बनने दें। बच्चे पर अपनी मर्जी कभी न थोपें। जीवन के प्रति आपका जो नजरिया है, उससे अपनी संतान को प्रभावित करने की न सोचें। आपके बच्चे को ठीक वही करने की जरूरत नहीं है, जो आपने अपने जीवन में किया। हो सकता है कि आपका बच्चा अपनी रुचि और समझ से चलकर जीवन में उस जगह तक चला जाए, जिसकी आपने कल्पना तक न की हो।

बचपन से ही बनाएं स्ट्रांग


माना आज का दौर एक बेटी के लिए सेफ नहीं रहा, मगर इसका मतलब यह नहीं कि हम लड़कियों से उनके जीने की हसरत छीन लें। एक पिता ही नहीं बल्कि घर के सभी सदस्यों को चाहिए कि वह अपनी बेटी को अच्छे-बुरे की पहचान करना सिखाएं। अपनी हर बात घर आकर पेरेंट्स को बताएं। अगर कोई तंग करता है तो अपनी मां से जरुर इस बारें में शेयर करे और किसी से डरे नहीं।

बच्चों को गलतियां करने दें

जब बच्चे गलती कर देते हैं तो बहुत सी महिलाएं बच्चों से गुस्सा हो जाती हैं, उन्हें बुरी तरह डांट देती हैं या फिर उन्हें डरा देती हैं। कई बार जाने-अनजाने ऐसी चीजें होने पर बच्चों के मन पर बुरा असर होता है, साथ ही महिलाएं भी इस चीज से स्ट्रेस्ड रहती हैं। बच्चों को परफेक्ट बनाने से ज्यादा उन्हें लाइफ सिचुएशन्स को हैंडल करने में सक्षम बनाना जरूरी है। ऐसे में अगर बच्चे ने कोई सीरियल गलती नहीं की है, तो उसे खुद ही चीजों को हैंडल करने दें।