बच्चों के अंदर दूसरों के व्यवहार को समझकर उसके अनुसार व्यवहार करने की क्षमता होती है। कुछ बच्चे शुरू से ही ज्यादा बोलना सीख जाते हैं और अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त करते हैं। इससे उनका स्वस्थ और स्वाभाविक विकास होता है। वहीं दूसरी ओर कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जिनके लिए अपनी बात को दूसरों के सामने रखना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे बच्चों को अपने पैरेंट्स और परिवार के सदस्य के साथ और प्यार की ज्यादा जरूरत होती हैं। अगर आपका बच्चा भी कम बोलता है यानी इंट्रोवर्ट हैं तो आप इन बातों को रखें ध्यान-
बच्चों में जगाएं आत्मविश्वास अगर आपका बच्चा कम बोलता है तो आपकी जिम्मेदारी है कि अपने बच्चे के इस व्यवहार पर ध्यान दें। अपने बच्चे में आत्मविश्वास जगाएं। बच्चे को बार-बार बतायें कि उसमें कोई कमी नहीं है। वह सही बोलता है, जो भी बोलता है। इससे उसमें आत्मविश्वास आयेगा, वह अपनी झिझक कम कर पायेगा।
ऐसे बच्चों को पेरेंट्स के एक्स्ट्रा प्यार की जरूरत
वैसे तो बच्चों को पैरेंट्स के प्यार की जरूरत हमेशा रहती है, लेकिन स्वभाव से इंट्रोवर्ट बच्चों को पेरेंट्स से एक्स्ट्रा प्यार की जरूरत होती है। ऐसे बच्चों के दोस्त कम बन पाते हैं, इसलिए आप इनके दोस्त बनें उनसे हर तरह की बात करें।
बच्चों की पसंद का रखें ध्यान इंट्रोवर्ट बच्चे अपनी पसंद को भी शेयर नहीं कर पाते। ऐसे में पैरेंट्स होने के नाते आपका फर्ज है कि आप अपने बच्चे की पसंद-नापसंद का उसके बिना कहे ध्यान रखें। उसे उसकी पसंद का माहौल दें।
बच्चों की क्षमताओं को पहचानें इंट्रोवर्ट बच्चे काफी रचनात्मक होते हैं। उनकी रचनात्मकता को प्रदर्शित करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें। कभी-कभी दूसरों के सामने अपने बच्चे की बढ़ाई करें इससे बच्चों को बहुत खुशी मिलती है।
आउटिंग पर लेकर जाएं
इंट्रोवर्ट बच्चों को समय-समय पर बाहर घूमाने लेकर जाएं। इससे वह ज्यादा लोगों से मिलेगा और कई बातें सीखेंगा। बच्चों को दूसरे बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने का मौका दें।