इन दिनों बनाया गया शारीरिक संबंध लाता है जीवन में दुःख और अशांति

स्त्री-पुरुष के बीच पारस्परिक आकर्षण, सृष्टि का एक अटल सत्य है। सृष्टि की रचना ही इस आकर्षण और मिलन पर निर्भर है इसलिए यह कहना उचित ही होगा कि महिला-पुरुष का संगम अगर सामाजिक, धार्मिक और पारिवारिक मान्यताओं के अनुसार किया जाए तो यह एक बेहद पवित्र घटनाक्रम है। हमें अक्सर ऐसा लगता है कि शादी के बाद कभी भी हम अपने पार्टनर के साथ संबंध बना सकते हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है, शादी के बाद भी कुछ ऐसे दिन होते हैं, जब पार्टनर से दूरी बना कर रखनी चाहिए।

आइए हम आपको ऐसे ही कुछ दिनों के बारे में बताते हैं जब आपको अपने पार्टनर से दूरी बनानी होगी।

# अमावस्या

शास्त्रों के मुताबिक अमावस्या के दिन वैवाहिक जोड़े को एक दूसरे के साथ यौन संबंध नहीं बनाना चाहिए। इस दिन ऐसा करने से उनके वैवाहिक पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

# संक्रांति

संक्रांति के दिन भी पति पत्नी को एक दूसरे के करीब आने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि संक्रांति के दिन उनका मिलाप सही नहीं होता है।

# रविवार

भले ही रविवार के दिन आप घर पर हो, लेकिन इसके बावजूद आप अपनी पत्नी के साथ यौन संबंध नहीं बना सकते हैं। पुराणों के मुताबिक रविवार के दिन पति पत्नी में जितनी दूरी हो उतना अच्छा है।

# पूर्णिमा की रात

इसके अलावा पूर्णिमा की रात भी विवाहित दंपत्ति को एक दूसरे से अलग ही रहना चाहिए।

# पितृ पक्ष या श्राद्ध

श्राद्ध या पितृ पक्ष के दौरान पति और पत्नी को शारीरिक संबंध बनाने के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए।

# व्रत

ऐसा कहा जाता है कि व्रत के दिन पति और पत्नी को संबंध नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि इस दिन एक दूसरे से संभोग करना उनके दाम्पत्य जीवन में काफी प्रभाव पड़ता है।

# नवरात्रि

हिदूं धर्म के अनुसार नवरात्रि के दिनों में पति पत्नी को एक दूसरे से दूरी ही बनानी चाहिए क्योंकि इन नौ दिनों में सिर्फ मनुष्य को माँ की भक्ति में लीन होना चाहिए ना ही शारीरिक संबंध बनाने में।