बच्चों का भविष्य खतरे में डालते हैं हेलीकॉप्टर पेरेंट, कहीं आप भी तो नहीं, जानें इन तरीकों से

पेरेंट्स अपने बच्चों के लिए फिक्रमंद रहते हैं और कोशिश करते हैं कि उनके बच्चों के जीवन में कोई परेशानी ना आए और उन्हें हर सुख-सुविधा दी जाए। लेकिन कई बार माता-पिता की यह चाहत उन्हें हेलीकॉप्टर पेरेंट बना देती हैं जिसका असर बच्चों के भविष्य पर पड़ता हैं। हेलीकॉप्टर पेरेंट वह होते हैं जो अपने बच्चों के हर काम में जरूरत से ज्यादा दखलंदाजी करते हैं फिर चाहे वह पढ़ाई हो या खेल। इसका बच्चों पर बुरा असर पड़ता हैं और वे कुछ सीख नहीं पाते हैं जिसका खामियाजा भविष्य में देखने को मिलता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको उन संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो दर्शाते हैं कि आप हेलीकॉप्टर पेरेंट हैं या नहीं।

आप अपने बच्चे को कोई भी काम नहीं करने देती

यदि आप स्वयं ही अपने घर के सारे काम करती हैं और अपने बच्चे को कोई भी काम नहीं करने देती हैं तक आप उसकी आदत को बिगाड़ रही है। अपने बच्चे को उसकी चीजे स्वयं उनकी जगह पर रखने को बोलें। यदि वह आप को पानी लाने या स्नैक्स लाने का हुक्म देते हैं तो उन्हें खुद वह चीजे लाने को बोलें। उन्हें अपने काम स्वयं करने दें।

आप उन्हें कभी फेल नहीं होने देती

यदि आप हमेशा यह सोचती हैं कि आपके बच्चे हमेशा जीतें। और उनके दिमाग में यह बात भर देती हैं कि जितना ही अच्छी बात है तो आप को ऐसा नहीं करना चाहिए। आप को कभी कभार अपने बच्चे को नाकामयाब भी होने देना चाहिए ताकि उस हार से उन्हें कुछ सीखने को मिल सके। उन्हें कभी कभार गलती भी करने दे ताकि उन्हें फेलियर से निपटना भी आए।

अपने बच्चो की लड़ाई स्वयं लड़ना

यदि आप के बच्चे की स्कूल में किसी के साथ लड़ाई हो जाती है और आप जिसके साथ उसकी लड़ाई हुई है उसकी शिकायत करने के लिए उसके घर पर फोन लगाते हैं तो आप को ऐसा नहीं करना चाहिए। आप को अपने बच्चे को स्वयं ही उसके दोस्त के साथ सुलह करने देनी चाहिए ताकि वह स्वयं भी समस्याओं को हैंडल करना सीख सकें।

उनका होमवर्क करना

यदि आप अपने बच्चे का मैथ का होमवर्क ज्यादा मुश्किल होने की वजह से स्वयं ही कर देते हैं तो यह गलत है। आप को उनका होमवर्क स्वयं करने की बजाय उन्हें खुद करने देना चाहिए। यदि वह कहीं अटकते हैं तो आप उनकी मदद कर सकते हैं लेकिन सारा काम खुद न करें। उनके किसी मुश्किल प्रोबलम के सॉल्व करने पर आप उन की तारीफ कर सकते हैं जिससे की वह खुश रहें।

उनके कोच का कोच बनना

यदि आप अपने बच्चे के खेलो को लेकर बहुत सचेत रहते हैं और खेलो में उनकी हर गलती या हर उपलब्धि के बाद उनके कोच को डांटते या कोई सलाह देते हैं तो आप को ऐसा नहीं करना चाहिए। आप को अपने बच्चे के कोच का कोच नहीं बनना चाहिए। उन्हें बिना रोक टोक के खेलने दें। यदि वह कोई उपलब्धि हासिल करते हैं तो उनकी तारीफ करे और यदि वह कभी हार जाते हैं तो उनके कोच के सिर पर न चढ़ें।