आपने अक्सर कई लोगों को देखा होगा जो नवरात्रा या किसी धर्म-कर्म के कार्य के समय अपने पार्टनर से दूरी बनाये रखते हैं। क्योंकि लोगों का मानना होता है कि ऐसे समय पर बनाये गए सम्बन्ध व्यक्ति को पाप का भागी बनाते हैं। आज हम इसी हेतु हर धर्म से जुडी कुछ बातें बताने जा रहे हैं कि व्रत या धर्म-कर्म के कार्यों के समय सम्बन्ध बनाने के बारे में क्या बताया गया हैं।
* हिंदु धर्म : हिंदू धर्म में माना जाता है कि व्रत के दौरान सेक्स नहीं करना चाहिए। सेक्स से जुड़े कोई ख्याल भी नहीं आने चाहिए। जबकि हिंदू धर्म में ऐसा कोई कड़ा नियम नहीं है। हिंदू धर्म में वैज्ञानिक तौर पर इस बात की पुष्टि की गई है। दरअसल व्रत के दौरान शरीर में बिल्कुल भी ताकत नहीं रहती। जबकि सेक्स करने के लिए काफी ताकत की जरूरत होती है। इस कारण से हिंदू धर्म में व्रत के दौरान सेक्स करने की मनाही है।
* मुस्लिम धर्म : मुस्लिम धर्म में सेक्स को पवित्रता से जोड़कर देखा जाता है। इसलिए रोजा रखने के दौरान सेक्स की केवल रात में अनुमति है। दिन के दौरान जब रोजा रखा जाता है तो शारीरिक संबंध बनाने की मनाही है।
* बुद्धिज्म : बौद्ध धर्म में व्रत के दौरान सेक्स करने पर पाबंदी है। लेकिन इसमें पवित्रता और थकावट के कारण मनाही नहीं है। इसमें मोह से छुटकारा पाने के लिए सेक्स करने पर पाबंदी लगाई गई है। वैसे भी बौद्ध धर्म का उद्देश्य ही है मोह को त्यागो।
* ईसाई धर्म : ईसाई धर्म में सेक्स करना कभी गलत नहीं माना जाता है। इस धर्म के अनुसार ये बहुत ही पवित्र काम है और दो लोगों को आपस में जोड़ने का काम करता है।
* यहूदी धर्म : यहूदी धर्म में व्रत के दौरान सेक्स करने की सख्त मनाही है। इस धर्म के अनुसार व्रत खुद से जुड़ने और मेडिटेट करने का समय होता है। व्रत का यही लक्ष्य होता है कि इंसान अपनी इंद्रियों पर कंट्रोल रखे।