ग्रंथों के अनुसार मनुष्य में अवश्य होने चाहिए ये गुण,जो दिलाते है जीवन में सफलता

मनुष्य को भगवान की सबसे बड़ी और अच्छी कृति माना जाता हैं। लेकिन मनुष्य को बनाने के साथ ही भगवान की यह कामना होती है कि मनुष्य अपने जीवन में अच्छे गुणों को अपनाये और बुराइयों से दूरी बनाये रखें। और मनुष्य में कौनसे अच्छे गुण होने चाहिए ये बताया गया है आन्नद रामायण में। ग्रंथों के अनुसारआज हम आपको कुछ गुण बताने जा रहे हैं जो व्यक्ति के अच्छे होने का संकेत देते हैं और ये अच्छे गुण हर मनुष्य में अवश्य होने चाहिए।

* सत्यता (हमेशा सच बोलना)

हमेशा सच बोलना मनुष्य के लिए सबसे जरूरी माना गया है। जीवन में सफलता पाने के लिए मनुष्य में सच्चाई का गुण होना बहुत जरूरी है। जो मनुष्य हमेशा सच बोलता है और सच का साथ देता है, उस पर भगवान हमेशा प्रसन्न रहते हैं और उसकी हर इच्छा पूरी होती है।

* पवित्रता

शास्त्रों में दो तरह की पवित्रता के बारे में बताया गया है- एक तन यानी शरीर की पवित्रता और दूसरा मन की पवित्रता। हर मनुष्य को तन और मन दोनों से पवित्र होना चाहिए। हर किसी को रोज सुबह जल्दी उठ कर स्नान करके ही अपने दिन की शुरूआत करनी चाहिए। साथ ही लोगों को अपने मन की शुद्धि के लिए बुरे विचारों को अपने आप से दूर रखना चाहिए।

* दया

जो मनुष्य दूसरों को दुख पहुंचाता है, उन्हें तकलीफ देता है, वह क्रूर और दुष्ट स्वभाव का होता है। हर मनुष्य में दया और प्रेम की भावना होना जरूरी माना जाता है। हर किसी में अपने से छोटों के लिए दया और बड़ों के लिए सम्मान की भावना होनी चाहिए। जिस मनुष्य में प्रेम और दया का गुण होता है, वह अपने हर काम में सफलता और दूसरों से सम्मान पाता है।

* क्षमा ( माफ करने का स्वभाव)

हर मनुष्य में दूसरों को माफ करने का स्वभाव होना चाहिए। जो व्यक्ति दूसरों की बातों को मन से लगा कर बैठ जाता है और उन्हें माफ नहीं करता, ऐसे मनुष्य को जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वो हमेशा बदले की भावना में जीता है और बदला पूरा ना होने पर डिप्रेशन में चला जाता है। इसलिए, हमेशा मन में दूसरों को माफ करके आगे बढ़ने की भावना होनी चाहिए।

* स्वभाव में कोमलता (अच्छा स्वभाव)

कई लोगों के मन में असमानता का भाव होता है। वे अमीर-गरीब, छोटे-बड़े में भेद करते हैं और उनके साथ व्यवहार भी उसी तरह करते हैं। इस बात को शास्त्रों में बिल्कुल गलत बताया गया है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, जो मनुष्य दूसरों में भेद-भाव नहीं करता और सबके लिए अच्छा व्यवहार रखता है, वह जीवन में बहुत उन्नति करता है। ऐसे मनुष्य की सारी इच्छाएं पूरी होती हैं और सभी के लिए सम्मान का पात्र होता है।

* मधुर या अच्छा बोलना

कहा जाता है कि अच्छी वाणी में देवी सरस्वती का वास होता है। जो मनुष्य हमेशा अच्छा बोलता है, हर समय अपनी भाषा का ध्यान रखता है और किसी भी परिस्थिति में बुरे शब्दों का प्रयोग नहीं करता, उस पर भगवान हमेशा प्रसन्न रहते हैं। ऐसे व्यक्ति को अपने हर काम में सफलता जरूर मिलती है, साथ ही मीठा बोलने वाला मनुष्य हर किसी का प्रिय भी बन जाता है।

* ब्राह्मणों और सज्जनों के लिए सम्मान

हर किसी को श्रेष्ठ ब्राह्मणों और सज्जन लोगों का सम्मान करना चाहिए। अच्छें लागों का सम्मान करने और उनकी संगति में रहने से मनुष्य अपनी जीवन में आने वाली हर परेशानी का सामान बहुत ही आसानी से कर लेता है। सज्जन लोगों के मार्गदर्शन में किया गया काम कभी असफल नहीं होता। इसलिए हर किसी को जीवन में सफलता पाने और हर परेशानी से बचे रहने के लिए अच्छे और विद्वान लोगों का सम्मान और संगति करनी चाहिए।