रिलेशनशिप में भूलकर भी ना करें ये गलतियाँ वरना बाद में पड़ सकता है पछताना

रिलेशनशिप एक ऐसी चीज है जब शुरूवात की स्टेज में होती हैं तो कई तरह की भावनाए उच्च स्तर पर होती हैं। जिसमें त्याग, समर्पण आदि होती हैं। लेकिन इस वजह से आपसे कई गलतियां हो जाती हैं जो आपको दूसरों का साथ छोड़ने पर मजबूर कर देती हैं। और जब रिलेशनशिप को काफी समय हो जाता हैं तब हमें उन गलतियो का अहसास होता हैं। लेकिन उनको सुधार पाना मुश्किल होता हैं। इसलिए हो सकें तो रिलेशनशिप के समय कभी भी भूल कर ये गलतियां न करें।

* अपनी असली पहचान को खोना : आपकी पार्टनर ने आपको पसंद किया है, आपकी कमियों और खूबियों के साथ। ऐसे में इस रिश्ते को आगे ले जाने और निभाने के लिए अगर वह चाहे कि आप अपनी पहचान को भूलकर उसकी परछाई बन कर रहें, तो उसकी इस मांग को सिरे से नकार देना ही आपके भविष्य के लिए सही है। अपने रिश्ते की मजबूती के लिए उसमें देना सीखें, लेकिन खुद को इस्तेमाल होने से बचाएं। अपने पार्टनर की पसंद-नापसंद को तरजीह दें, लेकिन उसके अनुसार अपने स्वरूप को पूरी तरह बदल डालने से बचें।

* अपने दोस्तों को धोखा देना : दोस्तों को भला कोई कैसे छोड़ सकता है। दोस्त तो हमेशा साथ रहने के लिए होते हैं। शुरुआती कुछ महीनों में आप दोनो हर लम्हा साथ बिताना चाहते हैं, लेकिन उसके बाद आपको अपने दोस्तों के लिए भी वक्त निकालना चाहिये। आप लोगों को कोशिश करनी चाहिये दोनों के दोस्तों के साथ घूमने-फिरने की योजना बनायी जाए। यह भी संभव है कि आप दोनों को एक दूसरे के कुछ दोस्त पसंद न आएं, लेकिन ऐसा तो होता है। आखिर हर एक से तबीयत मिल भी नहीं सकती।

* आपके आदर्श व विश्वास का त्याग : आपका आस्तिक या नास्तिक होना आपका निजी मामला है। इस पर जब आपके अभिभावकों ने आज तक कोई सवाल नहीं किया तो आपका पार्टनर कौन होता है ये सवाल करने वाला। आपके आदर्श, आपके विश्वास।।। आपका पूरा व्यक्तित्व आपके अब तक के जीवन के अनुभवों के आधार पर बना होता है। ऐसे में अगर कोई आपके आदर्श को बदलने की बात करता है तो मतलब है कि आपके अनुभवों को बदलना। इसका मतलब है कि आपने आज तक जो भी परिस्थितियों से सीखा और अनुभव किया, वो सारे गलत हैं। यानि की आपका अब तक का पूरा जीवन ही गलत है। तो फिर सोच लें कि आपका अब तक का जीवन गलत है या ये रिश्ता?

* निर्णय लेने का अधिकार
: अपनी गर्लफ्रेंड की खुशी के लिए अपनी हर पसंद-नापसंद को भूलकर हमेशा उसके निर्णयों को ही सहमति न दें। उसी तरह आप अपनी पसंद, नापसंद उस पर ना थोपें और ना ही उससे यह अपेक्षा करें कि वह आपको पाने के लिए पूरी तरह आपकी हां में हां मिलाएं। रिश्तों में ब्रीदिंग स्पेस बेहद जरूरी है।

* अजीब शौक
: हम अपने साथी को खुश करने के लिए बहुत कुछ करते हैं। जो उसके शौक होते हैं, उन्हें अपना शौक बना लेते हैं। पहले एक, फिर दूसरा और फिर तीसरा और इस तरह हम अपना खुद का वजूद कहीं खो देते हैं। हमारे अपने शौक कहीं नेपृथ्य में चले जाते हैं। हम उन्हीं शौक को अपना लेते हैं जो हमारे साथी के शौक होते हैं। ऐसा मत कीजिये। शौक आपके होते हैं और आपको अपने शौक से ही आनंद आता है।

* आपके सपने - आपका करियर
: अंत में बात करते हैं आपके जिंदगी के सपनों के बारे में। आपके करियर के बारे में। एक रितु थी जिसके ब्वॉयफ्रैंड को उसका मीडिया का कोर्स करना बिल्कुल पसंद नहीं आया। इसलिए रितु मीडिया के जगह बीएड का कोर्स करने लगी। किसी कारण से उन दोनों का ब्रेकअप हो गया। आज ना उसका ब्वॉयफ्रैंड है और ना उसे बीएड करने का मन होता है। अब वो अपने फसले को लेकर बहुत पछताती है और मीडिया का कोर्स करने के बारे में बार-बार सोचती है। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि अपने सपने किसी के लिए भी त्यागना बहुत बड़ी बेवकूफी है।