हर पेरेंट्स बच्चों की अच्छी परवरिश करना चाहते हैं ताकि वे हर क्षेत्र में विकसित होते हुए उनका भविष्य संवार पाएं। हांलाकि बच्चों की परवरिश आसान नही है क्योंकि बच्चों को शिष्टाचार और कायदा सिखाते हुए उन्हें पढ़ाई के क्षेत्र में भी आगे बढ़ाना होता हैं। लेकिन अक्सर देखने को मिलता हैं कि कई बच्चे खेल-कूद और शरारत करने के चक्कर में पढ़ाई से जी चुराने लगते हैं। ऐसे में माता-पिता की चिंता बढ़ जाती है। अगर आपको भी लगता है कि आपका बच्चा पढ़ाई से बचने के लिए बहाने बनाता है, तो ऐसे में आपको एफर्ट दिखाते हुए बच्चों के प्रति कुछ ऐसे तरीके अपनाने चाहिए जिससे आप उसे पढ़ने के लिए प्रेरित कर सकें। आइये जानते हैं इन तरीकों के बारे में...
टाइम टेबल बनाएंबच्चे का मन अगर पढ़ाई में नहीं लगता है तो उसके पढ़ने का नियत समय बना दें। फिर इस टाइम टेबल को फॉलो करने के लिए कहें। इस काम में आप उसकी मदद करें। निश्चत समय पर उसे याद दिलाएं कि अब उसके पढ़ने का टाइम हो गया है।
नंबर नहीं, कुछ सीखने की उम्मीद देंअक्सर माता-पिता बच्चे को अच्छे नंबर लाने पर जोर देते हैं जबकि ऐसा करने बिलकुल गलत है। आपको अच्छे नंबर लाने की बजाय अपने बच्चे को सीखने के लिए प्रेरित करना चाहिए। उससे पूछें कि उसने स्कूल में क्या किया और आज क्या सीखा।
बच्चे के प्रयास की सराहना करेंयदि बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता है, तो उसे डांटने की बजाय उसे समझाने की कोशिश करें। अगर वो कुछ गलती करे, तो उसे समझाएं। बच्चे को समय दें और उनके साथ बैठें व उनका होमवर्क कराने में उनकी मदद करें। बच्चे की छोटी-छोटी सफलता के लिए उनकी सराहना करें। साथ ही बच्चे को पढ़ाई के लिए अलग-अलग तरह से प्रेरित करें। उनके स्कूल में क्या चल रहा है, इस बारे में भी उनसे बात करें।
हर चीज के लिए दें समयकई बार माता-पिता बच्चे के ऊपर पढ़ाई का प्रेशर बनाने लगते हैं और दिनभर पढ़ते हुए ही देखना चाहते हैं। ऐसा करना बच्चे के साथ गलत होगा। उसके टाइम टेबल में पढ़ने के साथ ही खाली समय को भी निश्चित करें। जिससे कि वो अपने मनपसंद काम को उस खाली समय में कर सके।
जरूरी है एक निश्चित जगहआपका घऱ कितना ही छोटा क्यों ना हो। एक छोटी मेज और कुर्सी बच्चे की पढ़ाई के लिए सेट करें। निश्चित स्थान पर पढ़ने की व्यवस्था बच्चे को ध्यान केंद्रित करने और पढ़ाई में मन लगाने में मदद करती है। इसलिए बच्चे के लिए एक निश्चित स्थान तय करें जहां पर बैठकर वो स्टडी कर सके। घऱ का एक एकांत कोना बेहतर होगा बच्चे की स्टडी के लिए।
फेलियर पर न करें गुस्साजिंदगी में हार-जीत को चलती रहती है और पढ़ाई में फेल होने का बोझ बच्चे पर डालना बहुुत गलत है। अगर आपके बच्चे के कम नंबर आते हैं उसे डांटे नहीं और न ही उसके दोस्तों या किसी और के आगे शर्मिंदा करें । बच्चे को दोबारा कोशिश करने और बेहतर परफॉर्म करने के लिए मोटिवेट करें।
जरूरी है रिफ्रेशमेंटपढ़ाई के हर घंटे के बीच में उसे थोड़ी देर रिफ्रेशमेंट का भी दें। जब वो खुद को रिलैक्स करने का मौका दें। इससे दिमाग को आराम मिलता है और पढ़ाई में मन अच्छे से लगता है। पढ़ाई के मामले में जबरदस्ती करने का तरीका कभी भी काम नहीं आता है। ऐसा करने से बच्चा जो पढ़ता है वो भी बंद कर देता है। हमेशा उन्हें आराम से पढ़ाएं और समझने की कोशिश करें।
इंटरनेट की लें सहायता छोटे बच्चों को हिंदी और इंग्लिश की कई पोयम याद करनी होती हैं। कविताएं सिखाने के लिए उन्हें किताब से ना पढ़कर फोन की मदद से सिखाएं। यूट्यूब पर आपको हर तरह की कविता वीडियो फोर्म में मिल जाएगी। वहीं अगर आपका बच्चा बड़ा है तो उसे उसे कठिन विषयों को इंटरनेट पर मौजूद को देखकर समझने की सलाह दें।
बच्चे के खाने-पीने का रखें ध्यानबच्चे के पढ़ाई वाले समय के बीच में खाने-पीने का भी ध्यान रखें। खाली पेट पढ़ने में मन नहीं लग सकता। इसलिए उसके भोजन का ख्याल रखें और हेल्दी चीजें खाने को दें।