शादी के बाद ननद को बनाए दोस्त, ले इन टिप्स की मदद

भारतीय परिवार में ननद.भाभी सास बहू जेठानी.देवरानी ऐसे कई रिश्ते हैं जो हर लड़की को निभाने होते हैं। ये ऐसे रिश्ते हैं जिन्हें लेकर माना जाता है कि हमेशा इनके बीच किसी न किसी बात पर खटपट होती रहती है। लेकिन अगर करीब से इस रिश्ते को आंका जाए तो ये रिश्ते सबसे खास रिश्ते हो सकते हैं। ननद भाभी का रिश्ते दो बहनों और दो दोस्तों के रिश्तों से भी बढ़कर होता हैं। इस आर्टिकल जरिये हम आपको बताएंगे की आप भी अपने ननद भाभी के रिश्ते को फ्रेंड्स के रिश्ते जितना मजबूत कैसे बना सकते है।

एक साथ समय बिताएं

अगर आपकी शादी को कुछ ही समय हुआ है और आपके पति की बहन है तो आपको शुरुआत से ही उनसे फ्रेंडली स्वभाव रखना चाहिए। शादी से पहले जैसा आप अपनी बहन या सहेलियों के साथ समय गुजारा करती थी उसी तरह शादी के बाद आप अपनी ननद के साथ समय गुजार सकती हैं। एक दूसरे के साथ समय गुजारने से आप एक दूसरे के जीवन के बहुत करीब आ सकती हैं। इस दौरान आप उनकी पसंद नापसंद के साथ साथ अपने ससुराल वालों के बारे में भी बहुत सी बातें जान सकती हैंए जिनकी मदद से आप ससुराल के दूसरे सदस्यों के भी बहुत करीब आ सकती हैं।

पसंद.नापसंद का रखें ख्याल


किसी व्यक्ति के नजदीक जाने का सबसे अच्छा तरीका है उसकी पसंद.नापसंद का ख्याल रखना। इस तरीके से आप यह जानने की कोशिश करें कि ननद को किस तरह की चीजें पसंद हैं और किस तरह की नहीं। इसे ध्यान में रखने पर उन्हें न सिर्फ हर्ट या नाराज करने से बचा जा सकेगा बल्कि आप अपनी ननद से अच्छे संबंध भी बना पाएंगी। इसके साथ ही आपकी ननद को भी इस बात का एहसास होगा जिससे वह भी रिश्तों को प्यार और स्नेह से भरने की कोशिश करेगी।

सीक्रेट करें शेयर

अगर आपको अपनी ननद के किसी बड़े सीक्रेट के बारे में पता चलता है तो इसका ढिंढोरा ना पिटे ना ही इसे लेकर परिवार के किसी सदस्य से चुगली करें। इसे अपने और उनके बीच में ही रहने दें। आप अपनी ननद को इस बात का भरोसा भी दिलाएं कि आप उनके सीक्रेट किसी और से शेयर नहीं करेंगी। उनका भरोसा जीतने के लिए आप उन्हें अपना भी कोई सीक्रेट बता सकती हैं।

अपने चीजों की करे शेयरिंग


जिस तरह आप शादी पहले अपनी बहनों और दोस्तों से अपनी चीजें शेयर करती थी उसी तरह आप अपनी ननद से अपनी चीजों को एक दूसरे के साथ शेयर कर सकती हैं। फिर चाहे वो कोई ड्रेस जूलरी जूता या खाने.पीने की ही चीज क्यों न हों। साथ ही आप इस बात का रखें कि आपकी ननद आपके लिए आपकी बहन जैसी ही है। जिस तरह आप अपने घर की लाडली बेटी हैं वैसे ही आपकी ननद भी आपके ससुराल की लाडली बेटी हो सकती हैं। इसलिए आप भी उन्हें अपनी बहन जैसा ही प्यार दें। हर रिश्ते को एक दूसरे के करीब आने में समय लग सकता है। इसलिए दोनों के रिश्ते को करीब आने के लिए समय और मौका दोनों दें।

सम्मान का रिश्ता रहे कायम

आखिर में अगर आपकी दोस्ती ननद से न हो पाए तो कम से कम सम्मान का रिश्ता जरूर बनाए रखें। आप दोनों का नेचर भले ही बिल्कुल अलग होए लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं कि दोनों एक दूसरे पर उंगली उठाएं। जब किसी रिश्ते में सम्मान नहीं रह जाता तो उसमें कड़वाहट भरने में देर नहीं लगती। भाभी ननद के रिश्ते में आई कड़वाहट शादीशुदा जिंदगी पर भी नेगेटिव असर डालेगी है जो अच्छा नहीं है।