महिलाओं को तलाक लेने पर मजबूर करते हैं ये 7 कारण, जानें और संभाले स्थिति

कोई भी रिश्ता आपसी समझ पर टिका होता हैं जिसमें दोनों पार्टनर का बराबर सम्मान होना जरूरी हैं, तभी यह रिश्ता टिक पाता हैं। हांलाकि कई पुरुष सोचते हैं कि फैसला लेने का हक़ सिर्फ उनका हैं और परिवार के काम की जिम्मेदारी महिलाओं पर थोप दी जाती हैं। महिलाएं भी एक हद तक सहन करते हुए जिम्मेदारी निभाती हैं लेकिन कभी-कभार ऐसी स्थिति बन जाती हैं जब स्थिति हद से बाहर हो जाती हैं और महिलाएं रिश्ता तोड़ने का फैसला ले लेती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको ऐसी परिस्थितियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो महिलाओं को तलाक लेने पर मजबूर कर देती हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में...

रिश्ते में बेवफाई मिलना

इस बात में कोई दोराय नहीं है कि कोई भी रिश्ता कितना भी स्ट्रॉन्ग क्यों न हो, लेकिन उसमें धोखा आ जाए तो उस रिलेशनशिप का कोई वजूद नहीं रह जाता है। एक्ट्रा मैरिटल अफेयर रिश्तों के टूटने का एक ठोस कारण है। शादी के बाद भी पुरुषों में अधिकतर दूसरी महिलाओं के तरफ आकर्षित होने की संभावना ज्यादा देखने को मिलती है। जिस कारण उनका वर्तमान रिश्ता पूरी तरह से खत्म होने की कगार पर पहुंच जाता है। कोई भी पत्नी बेवफाई नहीं बर्दाश्त कर सकती है और इसी वजह से वह तलाक लेने पर मजबूर हो जाती है।

उम्मीदें पूरी ना होना

शादी के शुरू के दिनों में कपल को एक-दूसरे से ज्यादा उम्मीदें नहीं होती हैं, लेकिन समय बीतने के बाद वे उम्मीदें बढ़ने लगती हैं। अगर इन उम्मीदों को पूरा न किया जाए, तो ये भी रिश्ते में कड़वाहट पैदा कर सकती हैं। ऐसा भी होता है कि हर उम्मीद को एक-साथ पूरा करना संभव नहीं होता, ऐसे में आप हर चीज के लिए समय तय करें और उन उम्मीदों को पूरा करने की कोशिश करें, जो आपके पार्टनर को खुशी दे।

सेल्फ रिस्पेक्ट खो देना

एक रिश्ते में महिला और पुरुष दोनों बराबरी के हकदार होते हैं, लेकिन समाज की दकियानूसी सोच आज भी इससे सहमत नहीं होती। जहां एक पति अपनी पत्नी को खुद से कमत्तर समझता है और ऐसे में उसे नीचा दिखाने का एक भी मौका नहीं छोड़ता। ऐसे में एक शादीशुदा रिश्ते में जब लगातार पत्नी अपने आत्म-सम्मान को ठेस पहुंचता हुआ देखती है, तो वह बुरी तरह से टूट जाती है। लाख कोशिशों के बाद भी जब परिस्थिति नहीं सुधरती तो एक समय ऐसा भी आता है, जब वह डिवोर्स लेने का फैसला लेने पर मजबूर हो जाती है।

एक-दूसरे को न समझना

रिश्ते में खटास या उसके खत्म होने की वजह कभी-कभी एक-दूसरे को न समझने की भूल हो सकती है। कपल अक्सर हालातों को या एक-दूसरे समझने के बजाय चीजों को और उलझा देते हैं। वे बात-बात पर झगड़ने लगते हैं और इस कारण रिश्ते में ऐसी खटास या खाई आ जाती है, जिसे दूर करना आसान नहीं होता। वे एक घर में होकर भी साथ नहीं होते। रिश्ते को बचाने के लिए अपने पार्टनर की बात को सुनें और समझने की कोशिश करें कि आखिर वो कहना क्या चाहता है। शांत होकर उसकी बात सुनने से हो सकता है कि गलतफहमियां दूर हो जाएं।

सपनों पर पाबंदी

आज के वक्त में ज्यादातर महिलाएं वर्किंग होती हैं, ऐसे में शादी के बाद भी वे अपने करियर को जारी रखना चाहती हैं। ऐसा नहीं है कि शादी के बाद विमन्स चीजों की मैनेज करने की कोशिश नहीं करती, काम के साथ वे घर को भी संभालने का हुनर सीख ही जाती हैं। लेकिन जब ससुरालवाले या पति उसके सपनों पर रोक लगाने लगता है, तब उसे पत्नियां चुनौती देती हैं। आधुनिक युग में महिलाएं अपने करियर से समझौता नहीं करना चाहती, जो एक सही कदम भी है। विमन का इंडिपेंडेंट होना कोई गलत बात नहीं है और अगर आपकी पत्नी काम करती है तो आपको गर्व होना चाहिए। मगर उसके सपनों को उससे छीनना तलाक जैसे फैसले पर विचार करने को मजबूर कर देता है।

परिवार को महत्व देना

कभी-कभी कपल के बीच झगड़े की वजह उनका अपना-अपना परिवार बन जाता है। वे पार्टनर से ज्यादा परिवार को महत्व देते हैं और ये वजह उनके रिश्ते में खटास का कारण बन जाती है। लाइफ को बैलेंस करके चलाना ही सबसे बेस्ट रहता है और इसलिए परिवार और लाइफ पार्टनर की फीलिंग्स को समझें और फिर जरूरत या हालात से हिसाब से उन्हें महत्व दें।

मानसिक शोषण होना

इस बात में कोई शक नहीं है कि शादी के बाद एक महिला की कई जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं, हालांकि उसके ऊपर इसका बोझ डाल देना गलत है। पत्नी पर घर के काम का प्रेशर उसे मानसिक रूप से तनाव से ग्रसित कर सकता है। आपको अपनी पत्नी के साथ काम में बराबर से हाथ बंटाना चाहिए, जिससे उनका बोझ कम हो सके। लेकिन जो पुरुष घर का काम करने को छोटा समझते हैं, वे लगातार पत्नी को मानसिक तौर पर प्रताड़ित कर रहे होते हैं। जिसका एक परिणाम तलाक के रूप में सामने आता है।