इस सावन के मौसम में घर पर ही बनाये मेहमानों के लिए 'घेवर' #Recipe

घेवर राजस्थान की सबसे पसंदीदा मिठाइयो में से है जो सावन के मौसम में तीज त्योहारों पर बनायीं जाती है। विशेष तौर पर तीज के त्यौहार और राखी पर बनाया जाता है। घेवर सभी को पसंद भी होता है। बाज़ार से लेकर घेवर खाने का कोई मतलब नही होता है क्यूंकि बाज़ार के घेवर से आपकी तबियत खराब होने का खतरा बना रहता है। इस के बजाय आप इसे घर पर ही बनाये खुद भी खाए औरों को भी खिलाये। आज हम आपको घेवर बनाने की विधि के बारे में बतायेंगे, तो आइये जानते है इस के बारे में....

सामगी:
3 कप आटा
1 (ठोस) ग्राम घी
3-4 बर्फ के टुकड़े
4 कप पानी
1/2 कप दूध
1/4 टी स्पून फूड रंग (पीला)
घी (डीप फ्राई के लिए)
सिरप के लिए
1 कप चीनी
1 कप पानी
टॉपिंग के लिए
1 टी स्पून इलायची पाउडर
1 टेबल स्पून बादाम और पिस्ता (कटे हुए)
दूध और केसर

विधि:
-पहले एक तार वाली चाशनी बना लें।
-एक बड़े बाउल में ठोस घी लें और एक बार में एक बर्फ का टुकड़ा डालें। तेजी से घी चलाते रहें, अगर लगे तो और बर्फ के टुकड़े भी डालते रहें। जब तक घी सफेद न हो जाए।
-अब एक दूध, आटा और पानी लेकर पतला मिश्रण बना लें। थोड़े से पानी में खाने का पीला रंग घोल लें। मिश्रण पतला होना चाहिए (घेवर बनाते समय मिश्रण चम्मच से आसानी से निकल जाए)।
-अब एक स्टील या एल्यूमीनियम का बर्तन लें, जिसकी लंबाई कम से कम 12 इंच होनी चाहिए और पांच-छह इंच मोटा। अब आधे बर्तन को घी से भरकर गर्म कर लें।
-जब घी में से धुएं निकलने शुरू हो जाएं, तो 50 मि। ली ग्लास में मिश्रण भरकर बर्तन के बीच में डालें। एक पतली धार की तरह।
-अब मिश्रण को सही से जमने दें इतने एक और ग्लास मिश्रण का बर्तन में गोल घूमा कर किनारों में डालें।
-घेवर बर्तन के किनारे छोड़ देगा और उसमें बीच में छोटे-छोटे छेद दिखने लगे, तो उसे ध्यान से निकाल कर तार की छलनी पर रख दें।
-चाशनी को एक खुले बर्तन में रख लें। गर्म चाशनी में डिबो कर बाहर निकाल लें और ज्यादा चाशनी निचोड़ने के लिए तार पर रख दें।
-ठंडा होने पर घेवर के ऊपरी भाग पर सिल्वर फॉइल लगा लें। इस पर केसर की थोड़ी-सी छींट दें, कटे हुए ड्राई फ्रूट्स और कुछ चुटकी इलायची पाउडर डालकर सर्व करें।
-इसे पहले से बनी हुई रबड़ी के साथ भी परोसा जा सकता है।