गर्मियों में बिजली जाने के बाद भी नहीं लगेगी गर्मी, इस तरह रखें घर को ठंडा

गर्मियों के मौसम में दस्तक देना शुरू कर दिया हैं और उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में तापमान बढ़ते हुए 30 डिग्री के पास पहुंच चुका हैं। भरी गर्मियों में दिल्ली सहित देश के कई इलाकों में दिन के दौरान तापमान 48 डिग्री सेंटीग्रेट तक पहुंच जाता है। ऐसी भीषण गर्मी से बचने के लिए घरों में पंखे, कूलर, AC आदि की मदद ली जाती हैं। लेकिन अब जरा सोचिए कि कभी बिजली चल जाए तो, जो कि गर्मियों के दिनों में अक्सर झेलना पड़ता हैं। ऐसे में आपको जरूरत हैं अपने घर को प्राकृतिक रूप से ठंडा बनाने की ताकि बिजली जाने के बाद भी घर का वातावरण ठंडा बना रहे और आपको गर्मी ना लगे। तो आइये जानते हैं कुछ ऐसे उपाए जिनसे आपका आशियाना गर्मी में भी रहेगा ठंड़ा।

दिन में खिड़कियों को बंद रखें

परछाई में कोई भी चीज ठंडी रहती है। धूप से अगर कमरे को बचा कर रखा जाए तो कमरा ऑटोमैटिक ठंडा हो जाता है। इसलिए अगर आप बिना इलेक्ट्रिसिटी के कमरे को ठंडा रखना चाहते हैं तो आप कमरे की खिड़कियों को बंद कर दें। खास कर दक्षिण के तरफ की खिड़कियों को बंद कर दिया जाए और पर्दे लगा दिए जाएं तो भी कमरे को ठंडा रखा जा सकता है।

छत न हो गर्म

छत का ठंडा रहना बेहद जरूरी है। कितने भी उपाय घर के अंदर कर लें लेकिन छत गर्म है तो ज्यादा फर्क नहीं महसूस कर पाएंगे। इसलिए रूफ पर पौधों का इंतजाम करें या घास लगवाएं। इससे पूरे घर का तापमान कम बना रहेगा। छत को टूटे हुए गमलों के टुकड़ों से भी कवर किया जा सकता है। छतों पर फॉल्स सीलिंग लगवाएं। इससे छत के नीच एक अतिरिक्त परत बनती है और धूप के कारण छत के गर्म होने का असर कमरे के अंदर कुछ खास नहीं पड़ता है। इसकी एक और खासियत यह है कि इससे कमरे की खूबसूरती भी बढ़ती है।

आस-पास हरियाली

घर के अंदर तो कुछ पौधे हों ही, आस-पास भी हरियाली बनाएं रखें। इससे आपका घर काफी ठंडा रह सकता है। अगर घर के आसपास इतनी जगह नहीं है तो हर संभव जगह पर छोटे पौधे उगाए जा सकते हैं। दीवार पर इस मौसम में बेल चढ़ाना भी मददगार होगा।

जमीन पर बिस्तर

कमरे में गर्म हवा ऊपर की तरफ रहती हैं। कोशिश करें कि आपके बिस्तर का लेवल नीचे हो। ऐसा करने पर गर्मी कम लगेगी। गर्मियों में ग्राऊंड फ्लोर पर सबसे ज्यादा ठंडक हो जाती है। अगर संभव हो तो इसी मंजिल पर सोने का इंतजाम करना बिजली का काफी खर्च बचा सकता है। क्योंकि एसी को भी तल मंजिल का कमरा ठंडा करने में कम देर लगेगी।

चादरें हों सूती

बिस्तर पर लेटते वक्त ही महसूस हो जाता है कि चादर मौसम के लायक है या नहीं। सैटिन और पॉलिस्टर शीट का मौसम गया। कॉटन का दौर है। सूती चादरें बिछाएं। हलके रंग की शीट्स गर्मी नहीं सोखती हैं।

पर्दे का फर्क

परदों का सिर्फ यह काम नहीं होता कि वे घर को बाहर वालों की नजर से बचाएं। वे घर के अंदर की ठंडक को घर में ही बनाए रखने में मददगार हैं। ब्लाइंड्स या पर्दे मौसम अनुसार होने चाहिए। इन्हें बदलेंगे तो खुद फर्क महसूस करेंगे। इस मौसम में हल्का रंग काफी ठंडक पहुंचाएगा। भारी पर्दे अंदर की ठंडक को बाहर नहीं जाने देंगे इसलिए कोशिश करें कपड़ा मोटा हो।