विदेशों में स्थित 5 प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर

भारतीय संकृति में देवी-देवताओं के मंदिर का बहुत बड़ा महत्व हैं। लेकिन हिन्दू संस्कृति सिर्फ भारत में ही नहीं अपितु विदेशों में भी बहुत प्रचलित है जिसके चलते विदेशों में कई मंदिर देखे जा सकते हैं। कुछ मंदिर तो इतने प्रसिद्द हुए है जो कि पर्यटन का केंद्र बन चुके हैं। जिनमें कई विदेशी सैलानियों का आना-जाना होता हैं। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे ही विदेशों में स्थित प्रसिद्ध हिन्दू मंदिरों के बारे में।

* श्रीसुब्रमन्यम देवस्थान, मलेशिया : यह गुफा मंदिर कुआलालंपुर से 13 कि।मी दूर स्थित है। 1890 में लालकृष्ण पिल्लई ने इस मंदिर के बाहर भगवान मुरगन की एक विशाल प्रतिमा स्थापित की थी। यह प्रतिमा विश्व में सबसे ऊंची भगवान मुरगन की प्रतिमा है।

* अंगकोर वट, कंबोडिया : अंगकोर वट दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक स्मारकों में से एक है। इसका निर्माण लगभग 12 वीं सदी में खमेर राजा सूर्यवर्मणाम द्वितीय ने कराया था।

* स्वामीनारायण मंदिर, लंदन :
इस मंदिर का उद्घाटन सन 1995 में किया गया था। इसका निर्माण और देखभाल श्री बोचनवासी अक्षर पुरुषोत्तम संस्था करती है, जो अक्षरधार मंदिर की शृंखला बनाने के लिए कटिबद्ध है। कहते हैं इस मंदिर के निर्माण में जिन पत्थरों का प्रयोग हुआ था, वह पहले कभी किसी हिन्दू मंदिर के निर्माण में प्रयोग नहीं लाए गए थे।

* मुरुगन मंदिर, ऑस्ट्रेलिया :
भगवान मुरुगन का मंदिर सिडनी के न्यू साउथ वेल्स के पहाड़ों पर स्तिथ है। सिडनी में मरुगन भगवन के मंदिर का निर्माण यहां रह रहे तमिल व्यक्ति ने करवाया था। इस मंदिर की देखभाल शैव-मनराम नाम की हिन्दू सोसायटी करती है।

* प्रम्बानन मंदिर, जावा :
यह मंदिर इंडोनेशिया का सबसे विशाल हिंदू मंदिर है। यह ब्रह्मा, विष्णु, महेष तीनों भगवान को समर्पित है। यह त्रिदेव मंदिर यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया गया है। यह मंदिर भी इंडोनेशिया का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।

* तनह लोट मंदिर, इंडोनेशिया :
तनह लोट मंदिर बाली द्वीप के हिन्दुओं की आस्था का बड़ा केंद्र हैं, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह बाली में एक विशाल समुद्री चट्टान पर बना हुआ है। इस मंदिर को 16वीं सदी में निर्मित बताया जाता है, जो अपनी खूबसूरती के कारण इंडोनेशिया के मुख्य आकर्षण में से एक माना जाता है।