खूबसूरती और शांति के लिए प्रसिद्द हैं उत्तराखंड, ये जगहें देती हैं यहां घूमने का मजा

'देवताओं की भूमि' के नाम से प्रसिद्द उत्तराखंड अपने पर्यटन के लिए जाना जाता हैं। जब भी कभी घूमने का प्लान बनाया जाता हैं तो सबसे पहले जहन में उत्तराखंड का ही नाम आता हैं। उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता मन मोहने वाली हैं और यहां मिलने वाली शांति सभी के मन को भाति हैं। अपनी नैसर्गिक खूबसूरती के चलते इसे पृथ्वी का स्वर्ग माना जाता है। आज इस कड़ी में हम आपको उत्तराखंड की कुछ ऐसी जगहों की जानकारी देने जा रहे हैं जो आपको घूमने का पूरा मजा देगी।

रानीखेत

रानीखेत उत्तराखण्ड का एक प्रमुख पहाड़ी पर्यटन स्थल है। यह अल्मोड़ा जिले के अंतर्गत स्थित एक फौजी छावनी है। रानीखेत बहुत ही अद्भुत हिल स्टेशन है और यह देवदार और बलूत के वृक्षों से घिरा हुआ है। रानीखेत से हिमाच्छादित मध्य हिमालयी श्रेणियाँ स्पष्ट दिखाई देती हैं। इस पर्वतीय नगरी में नैसर्गिक शांति का अनुभव होता है। यहां पर गोल्फ ग्राउंड होने से यह जगह गोल्फ प्रेमियों के लिए बेहद ही खास है।

धनौल्टी

धनौल्टी मसूरी से लगभग तीस किलोमीटर की दूरी पर है और एक शांत और बेहद ही खूबसूरत जगह है। देवदार के जंगल से घिरा होने के कारण देवदार का जंगल ही इसकी पहचान है। शहर की भीड़ भाड़ से दूर धनौल्टी एक आदर्श जगह है।

लैंसडाउन

लैंसडाउन पौड़ी गढ़वाल जिले में एक छावनी शहर है और यह बेहद ही खूबसूरत पहाड़ी जगह है। हर तरफ फैली हरियाली सम्मोहित करने वाली है। साल भर यहां मौसम सुहावना बना रहता है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर इस इलाके में देखने लायक काफी कुछ है। इस जगह से बर्फीली चोटी और मनोरम दृश्य देखे जा सकते हैं। उगते सूरज का नजारा यहां से देखने लायक होता है।

कौसानी

गरुड़ तहसील के अंतर्गत कुमाऊं मंडल के बागेश्वर जिले में कौसानी एक गांव है। यह खूबसूरत पर्वतीय पर्यटक स्थल यूरोप से कम नहीं है। अल्मोड़ा जिले से 53 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कौसानी बागेश्वर जिले में आता है। कौसानी पिंगनाथ चोटी पर बसा हुआ है और यहां से हिमालय के बहुत ही सुंदर दर्शन होते हैं। बर्फ से ढके हुए नंदा देवी पर्वत की चोटी का नजारा देखते ही बनता है। दो नदियों कोसी और गोमती के बीच बसा कौसानी भारत का स्विट्जरलैंड कहलाता है।

मसूरी

भारत के उत्तराखण्ड राज्य का मसूरी शहर पर्वतों की रानी के नाम से मशहूर है। देहरादून से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह पर्वतीय पर्यटन स्थल हिमालय पर्वतमाला के शिवालिक श्रेणी में पड़ता है, जिसे पर्वतों की रानी भी कहा जाता है।