ट्रेकिंग के दीवानों को पसंद आएंगे भारत के ये 4 ट्रेक, रोमांच के साथ प्राकृतिक खूबसूरती का नजारा

घूमने का शौक हर किसी को होता हैं बस सभी की पसंद अलग हो सकती हैं। किसी को ऐतिहासिक भ्रमण पसंद हैं तो कोई वादियों की सैर करना चाहता हैं। ऐसे में कुछ लोग होते हैं जो रोमांच का आनंद उठाना पसंद करते हैं और ट्रेकिंग की चाहत रखते हैं। ट्रेकिंग में रोमांच के साथ प्राकृतिक खूबसूरती नजदीक से देखने को मिलती हैं। आज इस कड़ी में हम आपके लिए भारत के कुछ ऐसे ट्रेक की जानकारी लेकर आए हैं जो ट्रेकिंग के दीवानों को बहुत पसंद आएंगे। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।

चोपता चंद्रशिला ट्रेक

चोपता चंद्रशिला ट्रेक भारत के उन गिने-चुने ट्रेकों में से एक हैं जहां सालभर में कभी भी जाया जा सकता है। हालांकि अनुभवी ट्रेकर्स के मुताबिक मार्च से जून और सितंबर से दिसंबर के बीच यहां ट्रेकिंग करना बहुत अच्छा माना जाता है। इस ट्रेक के दौरान केदारनाथ, चौखम्बा, नंदा देवी और त्रिशूल जैसे विभिन्न हिमालयी चोटियों के खूबसूरत दृश्य दिखाई देते हैं। ट्रेक का मुख्य आकर्षण भगवान शिव को समर्पित 1000 साल पुराना तुंगनाथ मंदिर है।

आदि कैलाश ट्रेक

आदि कैलाश ट्रेक पर कई सारे लोग अपने परिवार के साथ जाने की इच्छा रखते हैं क्योंकि यह एक धार्मिक ट्रेक है लेकिन यह ट्रेक इतना आसान नहीं है इसलिए जो लोग एकदम स्वस्थ हैं और अनुभवी हैं, उन्हें ही इस ट्रेक पर जाने दिया जाता है। इस ट्रेक से पर्यटक कुमाऊं हिमालय के केंद्र में जाते हैं। ट्रेकिंग के दौरान अन्नपूर्णा, काली नदी, जंगलों और प्रसिद्ध नारायण आश्रम की शानदार पर्वत श्रृंखलाओं के एक से एक सजीव चित्र दिखाई देते हैं। काली मंदिर पर जाकर यह ट्रेक खत्म होता है।

गोमुख तपोवन ट्रेक

गोमुख तपोवन ट्रेक भागीरथी नदी के किनारे से शुरू होता है और लगभग नौ दिनों में यह पूरा होता है। यह भारत के सबसे अच्छे ट्रेकिंग स्थलों में से एक है। इसके पीछे एक वजह यह भी है कि यह ट्रेक रोमांच के साथ आध्यात्मिक अनुभूति भी करवाता है। इस ट्रेकिंग में शिवलिंग, चतुरंगी, मेरु पर्वत, भृगुपंत और सुदर्शन गंगोत्री ग्लेशियर के साथ कई शानदार पर्वत चोटियां अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करती हैं।

पार्वती घाटी ट्रेक

यदि आप युवा होने के साथ ही एकदम फिट भी हैं तब तो आपका पार्वती घाटी ट्रेक जाना बनता है। पार्वती घाटी ट्रेक को हिमालयी क्षेत्र में सबसे चुनौतीपूर्ण ट्रेक माना जाता है, क्योंकि यह साहस से भरपूर है। यह ट्रेक काफी लंबा है, चलते-चलते रास्ता ही खत्म नहीं होता है। लेकिन इस ट्रेक पर आगे बढ़ते जाना तब सार्थक हो जाता है जब पर्वत और नदियों के खूबसूरत दृश्य मन मोहने लगते हैं।