गुजरात का इकलौता हिल स्टेशन सापुतारा, देखते ही बनती हैं खूबसूरती

पर्यटन के लिहाज से देश में कई ऐसी जगहें हैं जो बहुत पसंद की जाती हैं। खासतौर से लोग हिल स्टेशन जाना पसंद करते हैं जहां प्राकृतिक सुंदरता के साथ ही शांति का अनुभव होता हैं। ऐसे में गुजरात का इकलौता हिल स्टेशन सापुतारा घूमने के लिए परफेक्ट स्थान हैं। गुजरात में सहयाद्री पर्वतमाला की खूबसूरत वादियों में स्थित यह हिल स्टेशन घूमने-फिरने के शौकीन लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता हैं। समुद्र से 3,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह सापुतारा गुजरात और उसके आसपास के इलाकों में काफी लोकप्रिय है।

गुजरात और उसके आसपास के इलाकों में यह हिल स्टेशन काफी लोकप्रिय है। यहां का तापमान गर्मियों में अधिकतम 32 डिग्री सेल्सियस से न्यूनतम 27 डिग्री सेल्सियस होता है जबकि सर्दियों के दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 16 डिग्री सेल्सियस और 10 डिग्री सेल्सियस होता है। मॉनसून में यहां सालाना 255 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की जाती है। यही कारण है कि हर साल सापुतारा मॉनसून उत्सव का आयोजन किया जाता है।

गुजरात के इकलौते हिल स्टेशन सापुतारा में एक महीने तक चलने वाला मानसून उत्सव पर्यटकों एवं घूमने-फिरने के शौकीन लोगों के लिए आकर्षक जगह है। मॉनसून उत्सव में रिमझिम बारिश के बीच प्रदर्शनी, साहसिक गतिविधियों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, भोजन महोत्सव, इंटरैक्विट, खेल, प्रतियोगिताएं, फ्लैश मॉब तो पर्यटकों को आकर्षित करते ही हैं साथ ही बोट राइडिंग और रोप-वे का लुत्फ भी उठाया जा सकता है। सापुतारा का मौसम बहुत ही खूबसूरत है। यहां की खुली, शुद्ध हवा आपकी सेहत के लिए बहुत ही अच्‍छी है। बहुत से लोग सिर्फ कुला हवा में सांस लेने के लिए यहां आते हैं।

सापुतारा पश्चिमी घाट के डांग जंगल क्षेत्र में एक सपाट इलाके में है, जो सहयाद्री पर्वत श्रंखला का भाग है। सापुतारा का अर्थ है सांपों का निवास स्थान। माना जाता है कि यह सांपों के निवास स्थान के ऊपर बना है। स्थानीय समुदाय होली के दिन यहां सर्पगंगा नदी के किनारे सांपों की तस्वीरों की पूजा करते है।

वैसे सापुतारा केवल एक हिल स्‍टेशन ही नहीं बल्‍कि इसका ऐतिहासिक और धार्मिक महत्‍व भी है। माना जाता है कि भगवान राम ने अपने निर्वासन के दौरान यहां 11 वर्ष बिताये थे। यहां के सुंदर जलप्रपात, हरियाली, छोटी पहाड़ियां और खुशनुमा मौसम आपके लिए एक यादगार ट्रिप रहेगी। आप चाहें तो यहां अक्‍टूबर में भी अा सकते हैं। वैसे मानसून में जुलाई से लेकर सितंबर तक आना यहां एक खास अहसास देगा, लेकिन बारिश के बाद की खूबसूरती देखना हो तो अक्‍टूबर में आने का प्‍लानिंग बेस्‍ट रहेगी।

यहां की आदिवासी और स्‍थानीय संस्‍कृति में आपको गुजरात की सांस्‍कृतिक झांकी दिखाई देगी। दरअसल, यहां टूरिज्म ऑफ गुजरात लि। (टीसीजीएल) पिछले सात सालों से सापुतारा मॉनसून उत्सव का आयोजन कर रहा है, जिसमें आपको यहां के सांस्‍कृतिक रंग देखने को मिलते हैं।