आजादी के 28 साल बाद भारतीय गणतंत्र का हिस्सा बना सिक्किम, आज देश का श्रेष्ठ पर्यटन स्थल

सिक्किम भारत के पूर्वोत्तर भाग में स्थित एक पर्वतीय राज्य है। अंगूठे के आकार का यह राज्य पश्चिम में नेपाल, उत्तर तथा पूर्व में चीनी तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र तथा दक्षिण-पूर्व में भूटान से लगा हुआ है। भारत का पश्चिम बंगाल राज्य इसके दक्षिण में है। अंग्रेजी, गोर्खा खस भाषा, लेप्चा, भूटिया, लिम्बू तथा हिंदी आधिकारिक भाषाएँ हैं। हिन्दू तथा बज्रयान बौद्ध धर्म सिक्किम के प्रमुख धर्म हैं। गंगटोक राजधानी तथा सबसे बड़ा शहर है।

इतिहास


सिक्किम नाम ग्याल राजतन्त्र द्वारा शासित एक स्वतन्त्र राज्य था, परन्तु प्रशासनिक समस्यायों के चलते तथा भारत में विलय और जनमत के कारण 1975 में एक जनमत-संग्रह के साथ भारत में इसका विलय हो गया। उसी जनमत संग्रह के पश्चात राजतन्त्र का अन्त तथा भारतीय संविधान की नियम-प्रणाली के ढाँचें में प्रजातन्त्र का उदय हुआ। सिक्किम की जनसंख्या भारत के राज्यों में न्यूनतम तथा क्षेत्रफल गोआ के पश्चात न्यूनतम है। अपने छोटे आकार के बावजूद सिक्किम भौगोलिक दृष्टि से काफी विविधतापूर्ण है। कञ्चनजञ्गा जो कि दुनिया की तीसरी सबसे ऊँची चोटी है, सिक्किम के उत्तरी पश्चिमी भाग में नेपाल की सीमा पर है और इस पर्वत चोटी को प्रदेश के कई भागों से आसानी से देखा जा सकता है। साफ सुथरा होना, प्राकृतिक सुन्दरता पुची एवम् राजनीतिक स्थिरता आदि विशेषताओं के कारण सिक्किम भारत में पर्यटन का प्रमुख केन्द्र है। सिक्किम में एक बार आए आपका रोम रोम रोमांचित हो जायेगा।

सिक्किम की जीवन रेखा है तीस्ता

प्रदेश का अधिकतर भाग खेती के लिये अन्युपयुक्त है। इसके बावजूद कुछ ढलान को खेतों में बदल दिया गया है और पहाड़ी पद्धति से खेती की जाती है। बर्फ से निकली कई धारायें मौजूद होने के कारण सिक्किम के दक्षिण और पश्चिम में नदियों की घाटियाँ बन गईं हैं। यह धारायें मिलकर तीस्ता एवं रंगीत बनाती हैं। तीस्ता को सिक्किम की जीवन रेखा भी कहा जाता है और यह सिक्किम के उत्तर से दक्षिण में बहती है। प्रदेश का एक तिहाई भाग घने जंगलों से घिरा है।

हिमालय की ऊँची पर्वत श्रंखलाओं ने सिक्किम को उत्तरी, पूर्वी और पश्चिमी दिशाओं में अर्धचन्द्राकार में घेर रखा है। राज्य के अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र अधिकतर राज्य के दक्षिणी भाग में, हिमालय की कम ऊँचाई वाली श्रंखलाओं में स्थित हैं। राज्य में अट्‌ठाइस पर्वत चोटियाँ, इक्कीस हिमानी, दो सौ सत्ताईस झीलें (जिनमे चांगु झील, गुरुडोंग्मार झील और खेचियोपली झीलें शामिल हैं), पाँच गर्म पानी के चश्मे और सौ से अधिक नदियाँ और नाले हैं। आठ पहाड़ी दर्रे सिक्किम को तिब्बत, भूटान और नेपाल से जोड़ते हैं।

यदि आप इस करिश्माई राज्य की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो हम आपको सिक्किम के ऐसे पर्यटक स्थलों से रूबरू कराने वाले हैं जो अपनी प्राकृतिक सुन्दरता और आकर्षणों से न सिर्फ भारत में अपितु अब विश्व पर्यटन में अपना एक अलग नाम बना रहे हैं। हर साल लाखों पर्यटक इन पर्यटक स्थलों की यात्रा पर आते है –

गंगटोक

पूर्वी हिमालय पर्वत माला पर शिवालिक पहाड़ियों के ऊपर 1437 मीटर की ऊंचाई स्थित गंगटोक सिक्किम के प्रमुख पर्यटन स्थल में से एक है जो यहाँ आने वाले पर्यटकों के दिल-दिमाग को ताजा कर देती है। बता दें कि सिक्किम की राजधानी गंगटोक से दुनिया की सबसे ऊँची चोटियों में से एक कंचनजंगा के शानदार दृश्यों को देखा जा सकता है। साथ ही गंगटोक की घुमावदार सड़के और पहाड़ी बहुत ही ज्याद आकर्षक है जो इसे रोमांच प्रेमियों के घूमने के लिए सिक्किम की सबसे आकर्षक जगहें में से एक बनाती है। गंगटोक उत्तरी भारत में व्हाइट वाटर राफ्टिंग के लिए तीसरा सबसे अच्छा स्थान भी है जो पर्यटकों को यहाँ आने के लिए मजबूर करता है। रोमांच प्रेमियों के साथ साथ शांति की तलाश करने वाले पर्यटकों के लिए भी यह बेहद खास जगह है।

युक्सोम

सिक्किम के प्रमुख पर्यटक स्थल में शुमार युक्सोम एक खूबसूरत जगह है जो सिक्किम के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित है और अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जानी जाती है। हरे भरे वनस्पतियों से ढके पहाड़ों के बीच स्थित युक्सोम कंचनजंगा पर्वत तक पहुचने के लिए आधार शिविर के रूप कार्य भी करता है। यदि आप अपने फ्रेंड्स के साथ सिक्किम में घूमने की जगहें सर्च कर रहे है तो आप युक्सोम को अपनी ट्रिप के लिए पिक कर सकते है। इस शहर के प्रमुख आकर्षण में ऐतिहासिक स्मारक, प्राचीन मठ, शांत झरने और झीलें शामिल हैं, जिन्हें आप यहां देख सकते हैं साथ ही आप यहाँ कई साहसिक गतिविधियों को भी एन्जॉय कर सकते है। युक्सोम सिक्किम के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के प्रति रुचि रखने वाले पर्यटकों के लिए भी बेहद खास जगह है क्योंकि युक्सोम में सिक्किम राज्य का सबसे पहला डबडी मठ स्थापित किया गया था।

युमथांग घाटी

मुख्य शहर गंगटोक से 100 किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी पर युमथांग घाटी फूलों की घाटी के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां पर लगे हुए कई फूलों की अनेकों प्रजातियां देखने को मिलती हैं। यह घाटी फूलों एवं हरी-भरी घासों के मैदान से घिरी हुई एक खूबसूरत घाटी हैं। यह पर्यटन स्थल अपने परिवार के साथ घूमने जाने की एक अच्छी जगह है। यह घाटी प्रकृति प्रेमियों को काफी ज्यादा पसंद आती हैं।

त्सोमो झील

गंगटोक – नाथू ला राजमार्ग पर समुद्र तल से 12400 फीट की ऊँचाई पर पहाड़ों के बीच स्थित त्सोमो झील भारत की सबसे ऊँची झीलों में से एक है। चंगु झील के रूप में लोकप्रिय, त्सोमो झील सिक्किम की यात्रा पर आने वाले हर पर्यटक का एक हिस्सा है। बर्फ से ढके पहाड़ों और अल्पाइन जंगलों के बीच स्थित यह झील बकाई एक अद्भुद जगह है जिसे आपको सिक्किम के प्रमुख पर्यटक स्थल की यात्रा के दौरान जरूर घूमने जाने चाहिए। बता दे त्सोमो झील के ग्लेशियल झील है जो अपने चारों ओर के पहाड़ों के पिघलने वाले बर्फ से पानी प्राप्त करती है। सिक्किमियों द्वारा इसे एक पवित्र झील के रूप में माना जाता है, जिससे कई मिथक और किंवदंतियां जुड़ी हुई है जिनके अनुसार माना जाता है की भविष्य का अनुमान लगाने के लिए बौद्ध भिक्षु इस झील के रंग का विश्लेषण करते थे!

नाथुला पास

अगर आप सिक्किम के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल की यात्रा पर जा रहे हैं तो यहाँ पर एक ऐसी जगह है जिसे आप कभी मिस नहीं करना चाहेंगे। हम बात कर रहे हैं अंतर्राष्ट्रीय भारत-चीन सीमा की जिसको देखने की जिसके लिए आपको एक परमिट की जरूरत होती है। बता दे नाथुला, हिमालय की चोटियों में एक पहाड़ी दर्रा है जो सिक्किम को चीन को जोड़ता है। समुद्र तल से 14450 फीट ऊपर भारत-तिब्बत सीमा पर स्थित नाथू ला दुनिया की सबसे ऊंची सड़कों में से एक है। नाथुला भारत और चीन के बीच तीन खुली व्यापारिक सीमा चौकियों में से एक है और अपनी सुरम्य सुंदरता और सुंदर वातावरण के लिए प्रसिद्ध है।

यहां का तापमान वर्ष के अधिकांश हिस्सों से कम रहता है, और यह गर्मियों के दौरान पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाता है। लेकिन यहाँ सिर्फ भारतीय पर्यटकों को जाने की अनुमति होती है और विदेशियों को यहां जाने की अनुमति नहीं है। यह सीमा एक ऐसी जगह है जहाँ पर जाने के बाद आप भारतीय सैनिको के साथ चीन के सैनिक और उनके गुजरने वाले ट्रकों को भी देख सकते हैं।

रूमटेक

रुमटेक मठ गंगटोक से 23 किमी दूर एक पहाड़ी की चोटी पर बसा स्थित सिक्किम के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण मठों में से एक है। यह मठ सिक्किम के प्रमुख तीर्थ स्थानों में से एक है जो हर साल हजारों पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों को अपनी और आकर्षित करता है। बता दे यह मठ बौद्धों के कारगीय संप्रदाय से संबंधित है, जो 12 वीं शताब्दी में तिब्बत में उत्पन्न हुए थे। शानदार रूमटेक मठ में एक सुंदर तीर्थ मंदिर और भिक्षुओं के लिए एक मठ है जो दुनिया भर में बौद्ध शिक्षाओं के प्रसार के उद्देश्य से स्थापित किए गए थे। जब भी आप रुमटेक मठ घूमने आयेंगे हैं, तो आप पहाड़ी के ठीक सामने स्थित पूरे गंगटोक शहर का लुभावनी दृश्य देख सकते हैं। इसके आलवा मठ की वास्तुकला भी आकर्षक है जो इसे सिक्किम में घूमने की सबसे अच्छी जगहें में से एक बनाती है।

जुलुक

समुद्र तल से 10000 फीट की ऊँचाई पर स्थित, ज़ुलुक (जिसे दुलुक या झुलुक या जूलुक भी कहा जाता है) सिक्किम में पूर्वी हिमालय की गोद में बसी बेहद खूबसूरत जगह है जिसकी गिनती सिक्किम के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल में की जाती है। बर्फ से ढके पहाड़, गहरे घाटियां, घने जंगल और चमचमाती धाराओं के मनोरम दृश्य इसे सिक्किम में घूमने के लिए पर्यटकों के बीच बेहद खास पर्यटक स्थल बनाते है। जूलुक के मंत्रमुग्ध करने वाले स्थानों और अति सुंदर परिदृश्य का बेहतर अनुभव करने के लिए, व्यावसायिक होटलों के बजाय स्थानीय लोगों द्वारा दी जाने वाली होमस्टे में रहना उचित है। जुलुक में पर्यटक पगडंडियों पर घुटे हुए सेना के जवानों, जीपों और टेंटों को भी देख सकते हैं। कुल मिलाकर, ज़ूलुक का दौरा निश्चित रूप से आपके लिए एक जीवन भर का अनुभव होने वाला है जो दिल और दिमाग को तरो ताजा कर देगा।

लचें

यह एक छोटा सा गांव है जो कि उत्तरी सिक्किम में स्थित है। यह गांव भी अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण प्रचलित है। इस गांव में पहाड़ी इलाका है इसलिए यहां पर ट्रैकिंग करने का आनंद भी कुछ अलग ही होता है, यहां पर आप ट्रैकिंग और हाइकिंग दोनों कर सकते हैं। आसपास के पहाड़ बेहद ही खूबसूरत है और पहाड़ों की तलहटी में सुंदर घास बहुत ही खूबसूरत और मनोरम प्रतीत होती हैं।

पेलिंग

सिक्किम के पश्चिम जिले का एक खूबसूरत शहर पेलिंग, गंगटोक के बाद सिक्किम का दूसरा सबसे बड़ा पर्यटन स्थल है। समुद्र तल से 6800 फीट की ऊंचाई पर बसा पेलिंग एक खूबसूरत शहर है जो खंगचेंदज़ोंगा और पड़ोसी चोटियों की लुभावके नजारें पेश करता है। पेलिंग प्रकृति प्रेमियों के साथ साथ रोमांच प्रेमियों के लिए भी सिक्किम की सबसे अच्छी जगहें में से एक है जहाँ पर्यटक घूमने और शांतिपूर्ण समय बिताने के साथ साथ ट्रेकिंग, माउंटेन बाइकिंग, रॉक क्लाइम्बिंग जैसी अट्रेक्टिव एक्टिविटीज को एन्जॉय भी कर सकते है।

लचूंग

यह भी एक खूबसूरत गांव है जो कि उत्तरी सिक्किम में ही स्थित है, यह गांव भी अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण प्रसिद्ध है, यहां पर लचूंग नाम की एक नदी बहती है इसलिए इस गांव को लचूंग कहा जाता है, यहां पर बहुत खूबसूरत घाटी भी है, जो कि यहां के वातावरण को बहुत सुंदर बना देती है, अगर आप घाटियों और पहाड़ों में घूमने के दीवाने हैं तो आपको लचूंग नाम के इस गांव में जरूर जाना चाहिए।

गुरुडोंगमार झील

सिक्किम में समुद्र तल से 17,100 फीट की ऊंचाई पर स्थित गुरुडोंगमार झील, दुनिया की पंद्रह सबसे ऊँची झीलों में से एक है। लगभग 18,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित चोलमू झील के बाद यह सिक्किम की दूसरी सबसे ऊंची झील भी है। प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण यह झील सिक्किम के बेस्ट टूरिस्ट प्लेसेस में से एक है जो दुनिया भर से हजारों पर्यटकों को आकर्षित करती है। बर्फ से ढके पहाड़ों और क्रिस्टल के बर्फीले पानी से घिरे, गुरुडोंगमार झील को एक बहुत ही पवित्र झील माना जाता है जिसे पास में एक ‘सर्व धर्म स्थली’ भी है, जो सभी धर्मों के लिए बहुत ही लोकप्रिय पूजा स्थल है। इसके अलावा माना जाता है कि गुरुडोंगमार झील के पानी में हीलिंग पॉवर है, इसीलिए कई पर्यटक पानी को अपने साथ वापस ले जाते हैं।

नामची

यह एक खूबसूरत शहर है जो कि दक्षिणी सिक्किम में स्थित है, यह शहर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है, यहां पर बहुत से नामची मठ भी स्थित है और ज्यादातर यहां पर बौद्ध मठ स्थित है, यहां पर माना जाता है कि सबसे अधिक मठ है, इस इलाके के आसपास बहुत सुंदर पहाड़ियां और घटिया है, जो कि इस इलाके की सुंदरता पर चार चांद लगा रहे हैं।

रवांगला

रवांगला 7000 फीट की ऊँचाई पर दक्षिण सिक्किम में स्थित एक छोटा शहर है, जो उच्च जंगलों वाली पहाड़ियों के अद्भुत दृश्यों और गांव की झोपड़ियों के साथ चिह्नित है। रवांगला दक्षिण सिक्किम के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है जो छुट्टीयां मनाने के लिए एक आदर्श गंतव्य है। यह स्थान अपने बर्फ के पहाड़ों, झरनों, सुंदर चाय के बागानों, शांतिपूर्ण गांवों, जातीय संस्कृति, पुराने मठों के लिए जाना जाता है। इस जगह की प्राकृतिक सुंदरता इतनी अद्भुत है कि हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक इसकी सुंदरता को निहारने के लिए इस जगह पर आते हैं।

गोइचा ला

गोइचा ला एक उच्च पहाड़ी दर्रा है, जो सिक्किम राज्य में 4,940 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। सिक्किम में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहें में से एक यह दर्रा कंचनजंगा के दक्षिण-पूर्व छोटी के लिए आधार शिविर के रूप में कार्य करता है। बता दे गोइचा ला केवल युक्सोम से ट्रेकिंग द्वारा पहुँचा जा सकता है और एक व्यक्ति को गोइचा ला तक पहुंचने और युकसोम में वापस आने में लगभग 7-8 दिन लगते हैं। जब भी आप गोइचा ला घूमने जाएँ तो इस बात का विशेष ध्यान रखने की यहाँ जाने के लिए उचित परमिट की आवश्यकता होती है।

अरितार

अपनी प्राचीन सुंदरता, मंदिरों और मठों के लिए प्रसिद्ध अरितार पूर्वी सिक्किम का एक महत्वपूर्ण शहर है जो हरे-भरे जंगलों और सुंदर नदियों से घिरा हुआ है। यदि आप अपनी फैमली या फ्रेंड्स के साथ घूमने के लिए कम भीड़ भाड़ वाली जगहें को सर्च कर रहे है तो आपके लिए अरितार सिक्किम की सबसे अच्छी जगहें में से एक है। अरितार सिक्किम की खूबसूरती और हरी भरी पहाड़ियों की गोद में बसा अरितार बेहद शांत और सुरम्य स्थल है जहाँ आप अपनी फैमली, फ्रेंड्स या फिर अपने प्रेमी के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड कर सकते है।

कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान

शक्तिशाली हिमालय की गोद में बसा कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान सिक्किम के प्रमुख पर्यटक स्थल में से एक है जिसका नाम दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची पर्वत चोटी कंचनजंगा चोटी के नाम पर रखा गया है। कंचनजंगा नेशनल पार्क एक उच्च ऊंचाई वाला राष्ट्रीय उद्यान और देश का पहला “मिश्रित-विरासत” स्थल है. जिसे हाल ही में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में शामिल किया गया है। 8586 मीटर की ऊँचाई पर स्थित कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान को “खंगचेंद्ज़ोंगा राष्ट्रीय उद्यान” के रूप में भी जाना जाता है। 850 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में फैला कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान हिम तेंदुए और हिमालयी ताहर सहित वनस्पतियों और जीवों की सबसे अधिक स्थानिक और दुर्लभ प्रजातियों का घर है। जैव विविधता में अद्वितीय, यह जगह एक विविध परिदृश्य और लुभावनी विचारों के साथ ट्रेकर्स के लिए एक स्वर्ग है जो पर्यटकों और वन्य जीव प्रेमियों के लिए आकर्षण के केंद्र बने हुए है।

सिंगालिला राष्ट्रीय उद्यान

यह नेशनल पार्क वेस्ट बंगाल और सिक्किम के बॉर्डर पर स्थित है और दोनों राज्यों से आसानी से यहां तक जाया जा सकता है, अगर आप सिक्किम में घूमने के लिए जा रहे हैं तो यह राष्ट्रीय उद्यान गंगतोक से कुछ ही दूरी पर स्थित है, यहां पर भी आप अलग-अलग प्रकार के जीव जंतुओं को देख सकते हैं और इस राष्ट्रीय उद्यान में जंगल झील और कई प्रकार की अन्य प्राकृतिक चीजें भी है।