हिमालय पर्वत की पहाड़ियों और जंगलो को जोड़ता है रानीखेत, नैसर्गिक शान्ति करती है आकर्षित

देवदार और बलूत के वृक्षों से घिरा रानीखेत बहुत ही रमणीक हिल स्टेशन है। इस स्थान से हिमाच्छादित मध्य हिमालयी श्रेणियाँ स्पष्ट देखी जा सकती हैं। रानीखेत से सुविधापूर्वक भ्रमण के लिए पिण्डारी ग्लेशियर, कौसानी, चौबटिया और कालिका पहुँचा जा सकता है। चौबटिया में प्रदेश सरकार के फलों के उद्यान हैं। इस पर्वतीय नगरी का मुख्य आकर्षण यहाँ विराजती नैसर्गिक शान्ति है। रानीखेत में फ़ौजी छावनी भी है और गोल्फ़ प्रेमियों के लिए एक सुन्दर पार्क भी है।

रानीखेत नाम एक स्थानीय लोककथा से लिया गया है, जिसमें कहा गया है कि इसी स्थान पर कत्यूरी राजा सुधारदेव ने अपनी रानी का दिल जीत लिया था। इस क्षेत्र को उन्होंने बाद में अपने निवास के लिए भी चुना, हालांकि इस क्षेत्र में कोई महल स्थित नहीं है।

अमोड़ा से लगभग पचास किलोमीटर दूर रानीखेत के शांत और सुंदर जगह है। यहां आप ट्रैकिंग कर सकते हैं और सुंदर पर्वत श्रृखलाओं को देख सकते हैं। चीड़ और देवदार के वृक्षों के नीचे बैठ सकते हैं। रानीखेत जाकर आपको तरोताजा महसूस होगा। इस भीषण गर्मी में भी यहां इस वक्त ठंड हो रही है। रानीखेत से चार किमी कि दूरी पर स्थित चौबटिया उद्यान अपने स्वादिष्ट सेब, प्लम, आड़ू और खुबानी के विशाल बगीचे के लिए प्रसिद्ध हैं। रानीखेत तथा इसके आसपास के स्थानों में कुछ प्रसिद्ध धार्मिक मंदिर हैं जैसे झूला देवी मंदिर, राम मंदिर, हैडाखान मंदिर और कालिका मंदिर।

रानीखेत उत्तराखंड राज्य में प्राचीन मंदिरों के आसपास अंग्रेजो द्वारा विकसित एक ऐसा हिल स्टेशन है जो हिमालय पर्वत की पहाड़ियों और जंगलों को जोड़ता है। रानी खेत की शांत जलवायु और सरल प्राकृतिक सुंदरता यहां आने वाले पर्यटकों को बेहद आकर्षित करती हैं और उनके दिमाग को तरोताजा कर देती है। रानीखेत भारतीय सेना के कुमाऊं रेजिमेंट के मुख्यालय के लिए भी प्रसिद्ध है और यहां कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर संग्रहालय भी बना हुआ है। इस संग्रहालय में हथियारों, फोटो आदि का शानदार तरीके से प्रदर्शन किया गया है जो अपने सेना के ऐतिहासिक भव्यता और महत्व का परिचय देता है।

रानीखेत में ट्रेकिंग

रानीखेत में बहुत सारे ट्रैकिंग स्पॉट हैं जिनका आप मजा ले सकते हैं। चौबटिया बाग से होल्म फार्म तक का ट्रैक सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। दूसरे ट्रैक में चौबटिया से भालु डैम और मेघदूत से झूला देवी मंदिर शामिल है।

पैराग्लाइडिंग

रानीखेत अपने वाइल्ड लिफ्ट पैराग्लाइडिंग की वजह से भी काफी लोकप्रिय है। बता दें कि पैराग्लाइडिंग ट्रैक रानी खेत से 12 किमी आगे है। यहां पैराग्लाइडिंग का टेक-ऑफ पॉइंट काफी अच्छा है जो पहली बार या शुरूआती पैराग्लाइडिंग के लिए काफी सुविधाजनक है। पैराग्लाइडिंग के लिए या तो आप टैंडेम उड़ान को चुन सकते है या फिर अकेले उड़ान भी भर सकते हैं।

गोल्फिंग

बता दें कि रानी खेत देश में सबसे अच्छे गोल्फ कोर्स के लिए प्रसिद्ध है, जो शहर से करीब 5 किलोमीटर दूर है। इसे आप बहुत ही कम पैसे देकर एक्सेस कर सकते हैं और गोल्फ स्विंग और पुट का अभ्यास कर सकते हैं।

मछली पकड़ना

अगर आप मछली पकड़ने का शौक भी रखते हैं तो बता दें कि यहां के भालू बांध में आप मछली पकड़ने जैसे कामों को भी कर सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको पहले वन विभाग से अनुमति लेनी होगी।

वनस्पति और जीव

लम्बे कॉनिफ़र की हरी आबादी के बीच स्थित रानीखेत में वन्यजीवों की विभिन्न प्रजातियाँ पाई जाती है। इसके साथ ही यहां का वातावरण सेब, आड़ू और विभिन्न अन्य अल्पाइन फलों और फूलों के लिए काफी है। बता दें कि इस क्षेत्र में कई तरह की औषधीय जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं। यहाँ पर ज्यादातर देवदार और ओक के पेड़ हैं जो पर्णपाती जंगलों और उप-वन क्षेत्रों में फैले हुए हैं। इस जगह की भौगोलिक और जलवायु संरचना कई तरह के जानवरों के लिए एक प्राकृतिक निवास स्थान बनाती है, जिनमें हिमालयन काला भालू, कस्तूरी मृग, ब्लू शिप, गोरल, तेंदुआ के अलावा ग्रे बटेर, काला तितर, व्हिस्लिंग थ्रश, चकोर, चीयर तीतर, मोनाल तीतर और कोक्लास तीतर जैसे पक्षियों के नाम भी शामिल है।

रानीखेत के पास घूमने की जगह

अगर आप रानीखेत घूमने आ रहे हैं और यहां स्थित आसपस के पर्यटन और दर्शनीय स्थलों के बारे में जानना चाहते हैं तो यहां हम आपको इसके आसपास के प्रमुख आकर्षक स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आपको एक बार जरुर जाना चाहिए।

झूला देवी मंदिर

झूला देवी मंदिर रानीखेत के पास स्थित 8 वीं शताब्दी में निर्मित देवी दुर्गा को समर्पित मंदिर है जो अपने सुरुचिपूर्ण ढंग से डिज़ाइन की गई घंटियों के समूह के लिए जाना जाता है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां भक्तों की सारी मनोकामना पूरी होती है। इस मंदिर के पास स्थित राम मंदिर भी यहां आने वाले लोगों के लिए प्रमुख आकर्षण है।

चौबटिया बाग

अपने सेब, प्लम, आड़ू और खुबानी के लिए प्रसिद्ध हिमालय पर्वतमाला की गोद में स्थित चौबटिया बाग रानी बाग़ का एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है जो नंदा देवी, नीलकंठ, नंदघुनती और त्रिशूल की चोटियों के आकर्षक दृश्यों को दिखाता है। चौबटिया बाग के अलावा आपको यहां पास में स्थित सरकारी एप्पल गार्डन और फ्रूट रिसर्च सेंटर भी देखने के लिए जाना चाहिए।

कालिका

कलिका रानीखेत के पास स्थित एक खास पर्यटन शहर है जो रानीखेत हिल स्टेशन से 6 किमी दूर स्थित है। कलिका अपने घने, हरे-भरे जंगलों और बर्फ से ढके पहाड़ों से घिरा हुआ है। यह शहर अपने कलिका मंदिर और गोल्फ कोर्स के लिए प्रसिद्ध है।

मनीला

रानीखेत के पास स्थित मनीला शहर अपने मां मनीला देवी मंदिर की वजह से यहां का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है। यह छोटा सा शहर हिमालय के कई विस्तृत और मनोरम दृश्यों के साथ एक खूबसूरत जगह है। मनीला लोकगीतों और परंपराओं से भरा एक ऐसा स्थान है जहाँ के लोग अपनी परंपराओं और विरासत पर बहुत विश्वास करते हैं। खूबसूरत नजारों से भरा यह शहर मनीला रानीखेत के पास का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।

मनकामेश्वर मंदिर

मनकामेश्वर मंदिर का निर्माण भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट द्वारा करवाया गया था, जो पिथौरागढ़ में नरसिंह मैदान के पास स्थित है। इस मंदिर में अक्सर रेजिमेंट के परिवार के सदस्य आते हैं।

द्वाराहाट

द्वाराहाट रानीखेत के पास का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है जो खूबसूरत मंदिरों और लुभावनी वादियों से भरा एक प्राचीन शहर है। उत्तराखंड के चमत्कारिक अल्मोड़ा जिले में स्थित द्वाराहाट एक विशेष विरासत और धार्मिक स्थान है जो मध्ययुगीन काल में कत्यूरी राजाओं द्वारा निर्मित 55 विषम प्राचीन मंदिरों का घर है।

अगर आप रानीखेत के इन पर्यटन स्थलों के अलावा इसके पास की अन्य खास जगहों पर जाना चाहते हैं तो आप हैड़ाखान बाबाजी मंदिर, राम मंदिर, सनसेट पॉइंट्स, रानी झील और आशियाना पार्क घूमने के लिए जा सकते हैं।

बिनसर

अल्मोड़ा के टाउनशिप से केवल 30 किलोमीटर दूर स्थित बिनसर एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। जो ओक और रोडनड्रन के घने जंगलों में घिरा हुआ है और हिमालय की चोटियों के आश्चर्यजनक नजदीकी द्रश्य पेश करता है। इस पूरे क्षेत्र में अब एक वन्यजीव अभ्यारण्य है और इसमें पैनथर और बार्किंग हिरण जैसी कई वन्यजीव हैं। बिनसर का मंदिर पास ही में स्थित है जो श्रद्धालुओं के बीच काफी लोकप्रिय है।

कौसानी

कौसानी, अल्मोड़ा से लगभग 52 किलोमीटर दूर स्थित है एक सुंदर हिल स्टेशन है, जहां गर्मियों में देश और विदेश से सबसे ज्यादा टूरिस्ट आते हैं। यह हिमालयी शिखरों के लुभावनी दृश्य, एकांत और हरियाली के लिए प्रसिद्ध है। कौसानी में महात्मा गांधी से लेकर विवेकानंद तक कई महान पुरुष गये और वहां की खूबसूरती ने उन्हें भी मंत्रमुग्ध कर दिया।

प्रसिद्ध हिंदी कवि सुमित्रा नंदन पंत यहीं पैदा हुए थे। यहां उस पवित्र स्थान को संरक्षित करने के लिए छोटा संग्रहालय है। प्रसिद्ध लोक गायिक गोपीदास भी कौसानी की खूबसूरती से प्रेरित थे। आप एक बार कौसानी जरूर घूमें।

रानीखेत आने का सबसे अच्छा समय

रानीखेत पर्यटन स्थल की यात्रा करने की योजना बनाने वाले लोगों को बता दें कि यहां जाने का सबसे अच्छा समय मार्च और जुलाई के बीच के महीने का होता है लेकिन आखिरी हफ्तों से पहले भारी बारिश होती है। रानीखेत में सर्दियों में बर्फबारी भी होती है जिसके चलते इस दौरान पर्यटकों का बड़ा समूह घुमने के लिए आता है।