पर्यटकों को रोमांचित करते हैं झारखंड के ये पर्यटन स्थल

छोटा नागपुर पठार के जंगलों में स्थित भारत के राज्य झारखंड को ‘छोटा नागपुर की रानी’ भी कहा जाता है। इस राज्य का इतिहास समृद्ध है और यहाँ भूमिगत खनिज भी बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं। इस राज्य में भारी उद्योग भी हैं तो बहुत से ऐसे टूरिस्ट स्पॉट्स भी हैं जो पर्यटकों को रोमांचित करते हैं। झारखण्ड जंगलों और पहाड़ों का राज्य है जिसमें कई पवित्र धार्मिक स्थल, वन्यजीव अभयारण्य और संग्रहालय भी स्थित हैं। आज झारखंड के पर्यटन स्थल के बारे में जानते हैं-

जगन्नाथ मंदिर

ओडिशा के पुरी से अलग झारखंड के राजधानी शहर रांची में भी एक प्रसिद्द जगन्नाथ मंदिर है, जिसका निर्माण 1961 में शहर के पास पहाड़ी पर करवाया गया था। यहां वर्ष में एक बार भव्य जगन्नाथ यात्रा निकाली जाती है। पुरी की तरह यहां भले उतनी भीड़ न हो पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा यहां भी देखने लायक होता है। इस रथ यात्रा में आस पास के सभी आदीवासी समाज बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

बैद्यनाथ धाम

बैद्यनाथ धाम मंदिर पिरामिड के आकार का टावर है जिसके उत्तरी भाग में भगवन शिव का शिवलिंग स्थापित है। इस मंदिर की ऊंचाई जमीन से 72 फीट की है। इस धाम में भगवान शिव के अतिरिक्त अन्य हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित है।

जुबली लेक

अगर आप शहर की गर्मी से परेशान हो गए हैं तो जमशेदपुर स्थित जुबली लेक की सैर का आनंद ले सकते हैं। भीड़-भाड़ के बीच यह शहर का सबसे खूबसूरत कोना माना जाता है, जहां पर्यटकों को सुबह से शाम के बीच देखा जा सकता है। इस झील को जयंती सरोवर के नाम से भी जाना जाता है। यह झील प्रसिद्ध जुबली पार्क के अंदर है।

दस्सम फॉल

झारखण्ड का एक और बेहतरीन टूरिस्ट स्पॉट दस्सम फॉल है जो भारत के पूर्वोत्तर भाग का सबसे बेहतरीन झरना है। इसे देखने के लिए ना केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया से पर्यटक आते हैं। ये टूरिस्ट स्पॉट रांची से केवल 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ये झरना कांची नदी से बनता है। जब ये नदी 144 फीट की ऊंचाई से गिरती है तो दस्सम फॉल बनता है। इस झरने से गिरते पानी की मधुर ध्वनि पूरे इलाके में गूंजती है और इसका आनंद लेने के लिए आपको एक बार यहाँ आना ही पड़ेगा।

नेतरहाट

नेतरहाट भी राज्य के चुनिंदा सबसे खूबसूरत गंतव्यों में गिना जाता है। जिसे 'छोटानागपुर की रानी' का दर्जा प्राप्त है। दरअसल नेतरहाट एक हिल स्टेशन है, जो एक पठार के रूप में चारों तरफ से घने जंगलों से घिरा हुआ है। रांची से यहां की दूरी मात्र 156 किमी ही रह जाती है। नेतरहाट अपनी पहाड़ी खूबसूरती के बीच सूर्योदय और सूर्यास्त के अद्भुत दृश्यों के लिए भी जाना जाता है।