ये हैं ऋषिकेश के सबसे खूबसूरत और मशहूर पर्यटन स्थल, खूबसूरती के साथ मिलेगा सुकून

हिमालय की तलहटी, और पवित्र गंगा नदी के किनारे बसा एक प्राचीन शहर है ऋषिकेश। ऋषिकेश ‘गढ़वाल हिमालय के प्रवेश द्वार’ और ‘योग कैपिटल ऑफ़ द वर्ल्ड’ के रूप में जाना जाता है। यह शहर हरिद्वार के उत्तर में लगभग 25 किमी और राजधानी देहरादून से 43 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है। इसे तीर्थ नगरी के रूप में जाना जाता है और इसे हिंदुओं के सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। हिन्दू धर्म के पुराणों में समुद्र मंथन से जुड़ी हुई एक पौरणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान निकले हुए विष को भगवान शिव ने इसी स्थान पर पिया था। ऐसे में अगर आप घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको ऋषिकेश में घूमने वाली जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं।

लक्ष्मण झूला

लक्ष्मण झूला ऋषिकेश शहर के उत्तर-पूर्व में 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लक्ष्मण झूला गंगा नदी के ऊपर बना एक प्रसिद्ध हैंगिंग ब्रिज है, जो टिहरी गढ़वाल जिले के तपोवन और पौड़ी गढ़वाल जिले के जोंक को जोड़ता है। पूरा पुल लोहे से बना हुआ है और यह 450 फीट लंबा है और गंगा के प्रवाह से 70 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। ऋषिकेश के पर्यटन स्थलों में लक्ष्मण झूला पर्यटकों के बीच बहुत प्रसिद्ध है।

यह झूला लक्ष्मण जी द्वारा निर्मित था। माना जाता है कि भगवान राम के छोटे भाई भगवान लक्ष्मण ने इसी स्थान पर गंगा नदी को पार किया था, जहां अब पुल पर्यटकों को देखने के लिए बनाया गया है। लक्ष्मण झूला का निर्माण 1929 में किया गया था। लक्ष्मण झूला के आसपास के महत्वपूर्ण स्थानों में तेरह मंजिला मंदिर, लक्ष्मण मंदिर और राम झूलाआदि शामिल हैं।

त्रिवेणी घाट

गंगा नदी के तट पर स्थित त्रिवेणी घाट तीन पवित्र नदियों- गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम का स्थान है। इन नदियों को हिंदू धर्म में असाधारण रूप से पवित्र और शुद्ध माना जाता है। ऋषिकेश के मन्दिरों में जाने से पूर्व श्रृद्धालुओं को घाट के पवित्र जल में डुबकी लगानी चाहिये। मान्यता है कि त्रिवेणी घाट किनारे पवित्र जल में डुबकी लगाने से व्यक्ति का अंतर्मन शुद्ध हो जाता है सभी पापों, चिंताओं और भय से मुक्ति मिल जाती है।

त्रिवेणी घाट गंगा नदी के किनारे एक भीड़-भाड़ वाला घाट है, जिसमें तीर्थयात्री चारों ओर स्नान करते हैं। इस घाट पर शाम की आरती के दौरान अद्भुत नजारा देखने को मिलता है जो आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है। संध्या के समय हजारों तीर्थयात्री घाट पर महाआरती को लिये एकत्रित होते हैं। तीर्थयात्री दोने में श्रृद्धास्वरूप फूल और दीपक रखकर नदी में प्रवाहित करते हैं। इस जगह पर गतात्मा की शांति के लिये पिण्ड श्राद्ध नामक कर्मकाण्ड भी किया जाता है। जब आप ऋषिकेश घूमने जाएं तो विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती में भाग जरूर लें और नदी में तैरते दीपकों के दर्शन जरूर करें।

वशिष्ठ गुफा

ऋषिकेश से 25 किलोमीटर स्थित वशिष्ठ गुफा बहुत शांत एवं पवित्र स्थान है। वशिष्ठ गुफा एक प्राचीन गुफा है जहाँ भगवान ब्रह्मा के मानव पुत्र ऋषि वशिष्ठ ने ध्यान किया था जो सप्तऋषियों में से एक थे। वशिष्ठ ऋषि भगवान राम के गुरु थे। कथाओं के अनुसार ऋषि अपने सभी बच्चों को खोने के बाद बेहद उदास थे और उन्होंने आत्महत्या करने का फैसला किया, लेकिन गंगा नदी ने उन्हें मरने नहीं दिया। इसलिए, उन्होंने गुफा में रहने और ध्यान करने का फैसला किया। गुफा में एक शिवलिंग है और इसे पुरुषोत्तमानंद सोसाइटी द्वारा रखा गया है। गुफा के नजदीक ही वशिष्ठ आश्रम है, यहाँ का सुंदर दृश्य और शांत वातावरण पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। गुफा गंगा नदी के तट से कुछ ही दूरी पर स्थित है जहाँ पर्यटक गंगा स्नान का भी आनंद ले सकते हैं। वशिष्ठ गुफा दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक बंद रहती है।

राफ्टिंग ऋषिकेश

अगर आपको एडवेंचर पसंद है और आप कुछ हटकर आनंद लेना चाहते हैं तो आप ऋषिकेश में राफ्टिंग का लुत्फ उठा सकते हैं। ऋषिकेश में विशेष रूप से राफ्टिंग के लिए भारी संख्या में पर्यटक आते हैं। यहां कुछ सर्टिफाइड ऑपरेटर हैं, जो राफ्टिंग के लिए अच्छी सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराते हैं और ऋषिकेश में कैंपिंग और राफ्टिंग के लिए अनुकूलित पैकेज भी है। यदि आप स्ट्रेस फ्री आउटिंग चाहते हैं तो आपके भोजन, पानी और राफ्टिंग की व्यवस्था संचालकों द्वारा की जाती है। यदि आप स्वंय व्यवस्था करना चाहते हैं तो उसका भी विकल्प मौजूद है। पीक सीजन में ऋषिकेश में राफ्टिंग के लिए काफी भीड़ देखी होती है।

स्वर्ग आश्रम

स्वर्ग आश्रम ऋषिकेश से 5 किमी की दूरी पर गंगा नदी के पूर्वी तट पर स्थित है। “स्वर्ग आश्रम” को स्वामी विशुद्धानंद की सम्मान में बनवाया गया था। यह एक आध्यात्मिक आश्रम है, जिसे काली कमली वाला के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि वे हमेशा काले रंग का कम्बल पहने रहते थे। राम झूला और लक्ष्मण झूला के बीच स्थित, भारत का यह सबसे पुराना आश्रम है और ऋषिकेश के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से एक है। इस आश्रम के परिसर में ही स्टोर, पार्क, चाय-कॉफी की दुकान, अन्य दुकानें, आयुर्वेदिक दवाखाना, पुस्तकालय, ध्यान केन्द्र, होटल और रेस्तराँ के अलावा कई विभिन्न छोटे-छोटे आश्रम हैं। इस आश्रम से सूर्यास्त का नजारा देखने के लिए पर्यटक जुटते हैं। जन्म से लेकर मृत्यु तक के विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान इस आश्रम में आयोजित किये जाते हैं। पर्यटक इस आश्रम में आयुर्वेद और योग की पढ़ाई भी कर सकते हैं। इस आश्रम तक गंगा नदी पर बने राम झूला के माध्यम से पहुँचा जा सकता है। आश्रम के अन्दर ही मन्दिर, गुफायें और छात्रावास स्थित हैं। यहां योग और ध्यान करने के लिए 300 रुपये का शुल्क लगता है।

नीलकंठ महादेव मंदिर

ऋषिकेश में नीलकंठ महादेव मंदिर प्रमुख पर्यटन स्थल है। नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश के सबसे पूज्य मंदिरों में से एक है। नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश शहर से 12 किमी दूर स्थित है। यह मंदिर सिल्वन वन के बीच 1670 मीटर में स्थित है। कहा जाता है कि भगवान शिव ने इसी स्थान पर समुद्र मंथन से निकला विष ग्रहण किया गया था। उसी समय उनकी पत्नी, पार्वती ने उनका गला दबाया जिससे कि विष उनके पेट तक नहीं पहुंचे। इस तरह, विष उनके गले में बना रहा। विषपान के बाद विष के प्रभाव से उनका गला नीला पड़ गया था। गला नीला पड़ने के कारण ही उन्हें नीलकंठ नाम से जाना गया था। अत्यन्त प्रभावशाली यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर परिसर में पानी का एक झरना है जहाँ भक्तगण मंदिर के दर्शन करने से पहले स्नान करते हैं।

बंजी जम्पिंग ऋषिकेश

वास्तव में ऋषिकेश को एडवेंचर का स्वर्ग माना जाता है। खतरों से खेलने का शौक रखने वालों के बीच यहां का बंजी जम्पिंग सबसे अधिक लोकप्रिय है। जम्पिंग हाइट्स की टीम बंजी जम्पिंग, फ्लाइंग फॉक्स और विशाल झूलों जैसे विभिन्न एडवेंचरस विकल्प देती है। आपको यहां पूरी सुरक्षा मुहैया करायी जाती है और बंजी जम्पिंग करने के लिए बस हिम्मत की जरूरत होती है। लेकिन इसका एक अलग ही आनंद होता है। बंजी जम्पिंग स्पॉट मुख्य शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित है और यह आपके जीवन का सबसे रोमांचकारी अनुभव साबित हो सकता है।

बीटल्स आश्रम

प्रारंभ में इस आश्रम को महर्षि महेश योगी आश्रम के नाम से जाना जाता था। 1968 में बीटल्स द्वारा आश्रम का दौरा करने के बाद इस आश्रम का नाम बीटल्स रखा गया। यह आश्रम अब राजाजी नेशनल पार्क में स्थित एक ईको-फ्रेंडली पर्यटक आकर्षण है और गंगा नदी के निकट स्थित एक शांत वातावरण प्रदान करता है। यहां के शांत वातारवरण में बैठकर लोग मेडिटेशन करते है। इसके अलावा प्रकृति की सैर, ट्रेकिंग और बर्ड वॉचिंग सेशन भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। बीटल्स आश्रम में प्रवेश के लिए भारतीयों को 150 रूपए और विदेशियों को 600 रूपये का टिकट लेना पड़ता है।

ऋषि कुंड

“ऋषि कुंड” एक प्राकृतिक गर्म पानी का तालाब है जिसे शहर में एक पवित्र जल निकाय माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यमुना नदी की देवी ने सन्त कुब्ज की सज्जनता से प्रसन्न होकर इस तालाब को अपने पानी से भर दिया था। स्थानीय लोगों का यह भी मानना है कि भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान कुंड में स्नान किया था और इस स्थान पर गंगा और यमुना एक दूसरे से मिलती हैं। इस तालाब में स्नान करना अपने आप में काफी सुकून भरा होता है यही कारण है कि ऋषिकेश आने वाले पर्यटक ऋषि कुंड में स्नान जरूर करते हैं। ऋषिकुण्ड के पास ही दो प्रसिद्ध मन्दिर लक्षमण मन्दिर और भारत मन्दिर भी स्थित हैं।

कौड़ियाला

कौड़ियाला ऋषिकेश में एक मशहूर पर्यटन स्थल है। गंगा नदी पर स्थित इस क्षेत्र के चारों ओर घने पहाड़ी जंगल हैं। ये स्थान वनस्पतियों और जीवों की कई जंगली प्रजातियों का निवास स्थान भी है। जिन्हें पर्यटन यात्रा के दौरान देख सकते हैं। अगर आफ एडवेंचर एक्टिविटी के शौकिन हैं तो आप व्हाइटवाटर राफ्टिंग का आनंद ले सकते हैं।