आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे नैनीताल के ये दर्शनीय स्थल, जाएं तो जरूर करें इनका दीदार

घूमने का शौक रखने वाले कई लोग गर्मियों और सर्दियों, दोनों ही मौसम में हिल स्टेशन जाना पसंद करते हैं। ऐसे में अधिकतर लोगों की पसंद उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र का मुख्य पर्यटन स्थल नैनीताल भी हैं। नैनीताल को झीलों का शहर कहा जाता है। यह एक विलक्षण पर्वतीय स्थल है, जिसे एक अनोखे आकार की झील के चारों ओर बनाया गया है, जिसे हम “नैनी झील” के नाम से जानते हैं। यहां के प्राकृतिक नजारे, पहाड़, हरियाली और झील आपका मन मोह लेगी। लुभावना मौसम देखना हो, शॉपिंग करनी हो, एडवेंचर स्पोट्र्स का आनंद लेना हो या फिर खाना खाना हो इन सभी चीजों के शौकीन पयर्टकों के लिए यहां कुछ ना कुछ जरूर है। आज इस कड़ी में हम आपको नैनीताल के प्रमुख दर्शनीय स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका दीदार आपको जरूर करना चाहिए। आइये जानते हैं इनके बारे में...

इको केव गार्डन

झूलते बगीचों एवं संगीतमय फव्वारों के लिए प्रसिद्ध यह गुफा 6 छोटी गुफाओं का मिश्रण है जिन्हें जानवरों के आकार में बनाया गया है। मुख्यतः ये नैनीताल दर्शनीय स्थल इसलिए बनाया गया है ताकि पर्यटकों को हिमालयी वन्यजीवों के प्राकृतिक वास की झलक से परिचय करवाया जाए। आपको अंदर जाने में थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है पर पेट्रोल से जलते लैंप आपको आकर्षित करेंगे। यहाँ की प्रचलित गुफाएँ हैं- टाईगर केव, पैंथर केव, ऐप्स केव, बैट केव और फ्लाईंग फॉक्स केव।

स्नो व्यू प्वाइंट

हिल स्टेशनों की सबसे खास बात होती है, वहां से दिखने वाले बर्फीली पहाड़ियां और हिमालयी सुंदरता। नैनीताल के स्नो व्यू प्वाइंट से पर्यटक ऊंचे बर्फीले पहाड़ और बादलों की सफेद चादर को करीब से देख पाएंगे। यहाँ पर आप अपने साथ यहां पर कैमरा ले जाना नहीं भूले यहां के सुंदर दृश्यों को अपने परिवार के साथ कैमरे में कैद कर सकते हैं। तीन प्रमुख चोटियों नंदा देवी, नंदा कोट और त्रिशूल की चोटियों को आप स्नो व्यू पॉइंट से देख सकते हैं। यहां पर आप दूरबीन की मदद से भी हिमालय रेंज और आकर्षक जादुई चोटियों की सुंदरता देखने का आनंद उठा सकते हैं।

नैनीताल झील

नैनीताल झील कुमाऊं में नैनीताल की बस्ती के बीच स्थित है, इसे नैनी झील के रूप में भी जाना जाता है, यह एक प्राकृतिक मीठे पानी का निकाय है। उत्तर पश्चिम में नैनी पीक, दक्षिण पश्चिम में टिफिन पॉइंट और उत्तर में बर्फ से ढकी चोटियों से घिरी नैनीताल झील, विशेष रूप से सुबह और सूर्यास्त के दौरान एक लुभावनी दृश्य प्रस्तुत करती है। यह बोटिंग, पिकनिक और शाम की सैर के लिए सबसे प्रसिद्ध है। पहाड़ी को ढकने वाले शंकुधारी पेड़ इस जगह की कच्ची सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। नैनीताल मॉल रोड, जो शहर का एक प्रमुख शॉपिंग हब है, नैनी झील के समानांतर चलता है और हर खरीदारी उत्साही के लिए एक जरूरी यात्रा है।नैनी झील की यात्रा शायद अधूरी है अगर कोई यहां बोटिंग करने नहीं जाता है।

नैना देवी मंदिर

पूरे भारत में स्थित 51 शक्ति पीठों में से एक के रूप में प्रतिष्ठित “नैना देवी मंदिर” एक पवित्र स्थल है जो उत्तराखंड के नैनीताल जिले में नैनी झील के उत्तरी किनारे पर स्थित है। यह मंदिर पूरे देश में हिंदू पूजा के सबसे प्रसिद्ध स्थानों में से एक है। देवी सती की आंखों के लिए समर्पित, भारत के सभी हिस्सों से भक्त पूरे वर्ष इस क्षेत्र में आते हैं। मंदिर 15 A।D में बनाया गया था, जबकि नैना देवी की मूर्ति 1842 में मोती राम शाह नामक देवी के भक्त द्वारा मंदिर में स्थापित की गई थी। दुर्भाग्य से, 1882 में बड़े पैमाने पर भूस्खलन के कारण मंदिर ध्वस्त हो गया। इसे 1883 में फिर से इलाके के स्थानीय निवासियों द्वारा फिर से बनाया गया था। यह देवी के साथ-साथ उनके धर्म और मूल्यों में उनकी दृढ़ आस्था के बारे में उनके विशाल विश्वास को दर्शाता है। नैना देवी मंदिर के प्रमुख देवता मां नैना देवी या माता सती हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, मंदिर ठीक उसी जगह पर बनाया गया है, जहां देवी सती की नजर पृथ्वी पर गिरी थी।

मॉल रोड़

नैनी झील के सहारे बनी यह सड़क मल्लीताल व तल्लीताल को जोड़ती है। यहाँ आपको हर वक्त चहल-पहल का माहौल देखने को मिलेगा। उत्तराखण्डी संस्कृति व पारंपरिक स्वादिष्ट खाने का मिश्रण आपको यहाँ देखने को मिलेगा। खरीदारी के लिए भी यह उपयुक्त स्थान है जहाँ आपको सुंदर गर्म कपड़े आसानी से मिल जाऐंगे। तो फिर देर किस बात की है, आइए और नैनीताल को अपनी सेवा का अवसर दे दीजिए। नैनीताल के दर्शनीय स्थल में अगर आपने इस जगह को छोड़ दिया तो आप ज़रूर पछताऐंगे।

टिफिन टॉप

टिफिन टॉप नैनीताल का एक बहुत ही प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण है, जिसे डोरोथी सीट के नाम से भी जाना जाता है। यह एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट है, जहां से नैनीताल शहर का पूरा नजारा देखा जा सकता है। खूबसूरत टिफिन टॉप चेर, ओक और देवदार के पेड़ों से घिरा हुआ है। यहां से देखने पर नैनी झील और कुमाऊं की पहाड़ियां बेहद खूबसूरत लगती हैं। साफ दिनों में नंदा देवी का राजसी नजारा भी देखा जा सकता है। डोरोथी सीट पर पहाड़ी की चोटी पर लोगों द्वारा दोपहर का भोजन करने के बाद आकर्षण का नाम टिफिन टॉप पड़ा। टिफिन टॉप के मनोरम दृश्य एक साहसिक यात्रा के लिए एक आदर्श स्थान के रूप में कार्य करते हैं। आर्यपट्टा पहाड़ियों की आसपास की चोटियाँ और नैनीताल का शानदार परिदृश्य इसे स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच समान रूप से पसंदीदा बनाता है। इस जगह का नाम एक अंग्रेज चित्रकार डोरोथी केलेट के नाम पर रखा गया है जो इसी स्थान पर बैठकर पेंट किया करते थे।

कांची धाम

नीम करौली बाबा आश्रम के नाम से मशहूर कांची धाम नैनीताल अल्मोड़ा मार्ग पर स्थित एक छोटा सा आश्रम और भगवान हनुमान जी का मंदिर है। यह मंदिर श्री नीम करोली बाबा जी के समर्पण में बनाया गया है जो कि एक हिंदू गुरु और हनुमान जी के परम् भक्त थे, जिनको अपने जीवन काल में कई चमत्कार के लिए जाना जाता है। इसके अलावा इस आश्रम के आस पास का वातावरण भी हरा भरा और काफी सुनहरा है। नीम करोली बाबा आश्रम मौन और एकांत की आदर्श छवि के रूप में कार्य करता है, क्योंकि यह तलहटी में बसा हुआ है, जो हरे-भरे हरियाली से घिरा हुआ है। कांची धाम स्थित इस आश्रम में भी श्रद्धालु ठहर सकते हैं। आश्रम में दिन भर में कई बार हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है। मंदिर हर साल 15 जून को एक विशाल मेले का आयोजन करता है जिसमें स्थानीय लोग और आगंतुक समान रूप से शामिल होते हैं।

ज्योलिकोट

नैनी झील का प्रवेश द्वार कहा जाने वाला यह स्थान मनमोहने वाला नैनीताल दर्शनीय स्थल है। तरोताजा़ फल-फूलों व कई प्रकार की तितलियाँ का निवास स्थान यही है। प्रकृति से प्रेम करने वालों का यहाँ स्वागत है। आप यहाँ आकर रंग-बिरंगी तितलियों की तस्वीरें अपने कैमरे में कैद कर सकते है। बच्चे भी यहाँ आकर खूब लुत्फ़ उठा पाऐंगे और अपने छोटे से अवकाश को यादगार बना पाऐंगे। इन तितलियों की तरह आपका मन भी बेफिक्र होकर झूम उठेगा और आपके मन में खुशी की तरंगें चलने लगेगी।