कर्नाटक के इन तीर्थ स्थलों को देखने दुनिया भर से आते हैं पर्यटक, लगता हैं सैलानियों का जमावड़ा

दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक युगों से प्राचीन विरासत को संरक्षित करने के लिए जाना जाता है। यह एक ऐसा राज्य है जो विविध परिदृश्यों से समृद्ध है। एक तरफ आपके पास तट है और दूसरी तरफ नदियां और झीलें हैं। यहां आप सबसे आकर्षक प्राचीन स्मारकों, महलों, किलों और प्राचीन सभ्यता के उत्खनित खंडहरों को देख सकते हैं। इसी के साथ ही कर्नाटक भारत का एक ऐसा राज्य है जो कई तरह के तीर्थ और धार्मिक स्थलों से समृद्ध है। यहां के धार्मिक स्थल देश के हर कोने से तीर्थ यात्रियों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। कर्नाटक में मंदिरों, मस्जिदों, गिरिजाघरों और गुरुद्वारों को देखने के लिए देश दुनिया भर से पर्यटक आते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कर्नाटक के कुछ प्रमुख तीर्थ स्थलों की जानकारी देने जा रहे हैं जहां सैलानियों का जमावड़ा लगा रहता हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...

मुरुदेश्वर

मुरुदेश्वर भगवान शिव को समर्पित कर्नाटक का एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर में स्थित शिव की मूर्ति को दुनिया में दूसरी सबसे ऊंची मूर्ति होने का दर्जा प्राप्त है। जिसकी वजह से इस जगह पर हर साल लाखों सैलानी आते हैं और मंदिर दर्शन के साथ साथ आसपास के पर्यटक स्थलों को एक्सप्लोर करना पसंद करते हैं। यह मंदिर काफ़ी लोकप्रिय है और स्कूबा डाइविंग स्थल नेतरानी के लिए संपर्क बिंदु के रूप में भी काम करता है। यह कर्नाटक के साथ साथ केरल के लोगों को भी जोड़ने का काम करता है। इस जगह पर कर्नाटक के साथ केरल के पर्यटक भी पिकनिक मानाने के लिए आते हैं। नेतरानी द्वीप के चारों ओर फैले समुद्र तट और होने वाली साहसिक गतिविधियाँ काफ़ी अच्छी हैं, यह दूर दूर से पर्यटकों को बेहद आकर्षित करती हैं। इस जगह पर आने पर आपको धार्मिक यात्रा के साथ साथ स्नोर्केलिंग और स्कूबा डाइविंग जैसी साहसिक गतिविधियों का ख़ूबसूरत अनुभव होगा।

विरुपाक्ष मंदिर

यह प्रतिष्ठित मंदिर हम्पी में स्मारकों के समूह का भी एक हिस्सा है। यह भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें देवी पम्पा देवी की पत्नी विरुपाक्ष के रूप में पूजा जाता है। यह मंदिर कुछ में से एक है जो अभी भी हम्पी में पूजा में उपयोग किया जाता है, इस प्रकार यह राज्य का एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। फरवरी में वार्षिक रथ उत्सव और दिसंबर में विरुपाक्ष और पम्पा के विवाह उत्सव इस मंदिर में जाने का सबसे अच्छा समय है।

श्रवणबेलगोला

श्रवणबेलगोला कर्नाटक का प्रमुख आकर्षण है जो कि भगवान गोमतेश्वर की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है जिसे बाहुबली प्रतिमा भी कहा जाता है। यह प्रतिमा 58 फीट लंबी है और इसे एक ही ग्रेनाइट ब्लॉक से उकेरा गया है। इसे दुनिया की सबसे ऊंची अखंड पत्थर की मूर्ति माना जाता है। प्रतिमा हर साल दुनिया भर से कई पर्यटकों और यात्रियों को आकर्षित करती है। यह स्थान जैनियों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, और इस क्षेत्र में आप बहुत सारे जैन मंदिर देख सकते हैं। भगवान गोमतेश्वर प्रथम जैन तीर्थंकर भगवान आदिनाथ के पुत्र थे। इस अद्भुत मूर्ति के अलावा, इस जगह में देखने के लिए कुछ खूबसूरत पहाड़ियाँ भी हैं। चंद्रगिरि और विंध्यगिरी पहाड़ियाँ जगह को घेर लेती हैं और क्षेत्र के चारों ओर ट्रेकिंग और कैंपिंग के लिए कई दिलचस्प रास्ते पेश करती हैं। यदि आप भाग्यशाली हैं, तो आप भगवान बाहुबली का महामस्तकाभिषेक देख सकते हैं, जो हर 12 साल में एक बार होता है।

बादामी

बादामी कर्नाटक के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। लाल पत्थर की एक घाटी में स्थित बादामी अगस्त्य झील, बलुआ पत्थर की गुफा मंदिरों, खूबसूरत किलों के लिए जाना जाता है। चालुक्यों की शाही राजधानी, बादामी एक ऐसी अनोखी जगह है जहां की यात्रा आपको एक बार जरुर करना चाहिए। यह जगह द्रविड़ वास्तुकला के कई उदाहरणों का घर है। बादामी गुफाओं में तीन हिंदू मंदिर और एक जैन मंदिर हैं, जो हर साल भारी संख्या में पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। अपनी कर्नाटक यात्रा के दौरान आपको एक बार जरुर बादामी की यात्रा के लिए जाना चाहिए।

पत्तदकल

राज्य कर्नाटक में स्थित पत्तदकलएक छोटा सा गांव है। पत्तदकल को अन्य रक्तापुरा या पट्टडाकल्लू के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर पौराणिक समय का सुंदर नक्काशी द्वारा तकरीबन दस छोटे बड़े मंदिरों का निर्माण सातवीं से आठवीं शताब्दी के दौरान किया गया था। पत्तदकल में पौराणिक समय के दौरान बने दसों मंदिरों में नौ मंदिर हिंदू धर्म से जुड़ी हुई है, जबकि एक अन्य मंदिर जैन धर्म से जुड़ी हुई है। यहीं पर ही स्थित है हिंदू धर्म से जुड़ी पापनाथ मंदिर, गलगनाथ मंदिर, संगमेश्वर मंदिर आदि मंदिरों का समुह। पत्तदकल को विजिट करने के उपरांत आप यहां के इन सभी मंदिरों को विजिट करना न भूले।

तालकाड़

कावेरी नदी के बाएं किनारे पर स्थित तालकाड़ कर्नाटक के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। इस जगह की इतनी मान्यता है कि तालकाड़ को दक्षिण का काशी कहा जाता है जिसे पांच पवित्र शिवलिंगों के साथ सुशोभित किया गया है। इस जगह पर आने पर आप कीर्ति नारायण मंदिर, मल्लिकार्जुन मंदिर और पत्थलेश्वर मंदिर तालकाड़ के प्रमुख मंदिर के भी दर्शन कर सकते हैं। यही वजह है कि इस जगह पर हर साल हज़ारों लोग आते हैं। यह छोटा मगर एक रहस्यमय शहर है जो कभी चोल, पल्लव, गंगास, विजयनगर और होयसलास सहित कई महान राज्यों के उत्थान और पतन का गवाह रहा है। कर्नाटक में किसी धार्मिक जगह की यात्रा का विचार है तो आपको तालकाड़ की यात्रा जरुर करना चाहिए।

उडुपी

कर्नाटक के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में शुमार उडुपी वैसे तो एक तटीय शहर है जो अपने पर्यटन स्थलों के साथ साथ समुद्री किनारों के लिए जाना जाता है। लेकिन इस जगह पर घूमने टहलने के अलावा धार्मिक रुचि रखने वाले लोगों के लिए भी काफ़ी कुछ है। यह जगह मैंगलोर से महज़ 60 किमी की दूरी पर स्थित होने के नाते लोगों को आवागमन की भी अच्छी सहूलीयत देती है। इस जगह पर आकार आप उडुपी के पर्यटन स्थल, तीर्थ स्थल और संस्कृति को एक्सप्लोर कर सकते हैं। इस जगह की ख़ूबसूरती में एक तरफ अरब सागर और दूसरी तरफ पश्चिमी घाटों का सौंदर्य इस जगह को एक तीर्थ स्थल के तौर पर बेंगलुरु और मैंगलोर के बाद सबसे ख़ास बना देता है। इस जगह पर स्थित कृष्ण मंदिर उडुपी का प्रमुख आकर्षण जो इसे एक प्रमुख धार्मिक स्थल बनाता है। 13वीं शताब्दी के समय के इस श्रीकृष्ण मंदिर में भगवान कृष्ण की प्रतिमा है जो कई तीर्थयात्रियों को आकर्षित करती है।